महिलाओं के अश्लील चित्रण का प्रभाव (Impact of indecent portrayal of women)
Posted on March 25th, 2020
महिलाओं के अश्लील चित्रण का प्रभाव (Impact of indecent portrayal of women)-
* महिलाओं के अश्लील चित्रण से महिलाओं की गरिमा एवं सम्मान में गिरावट आती है।
* सामाजिक मान्यताओं को चोट पहुँचती है और संस्कृति विकृत होती है। सामाजिक व्यवहार प्रतिमान भी बदलने लगते है।लोगों के नैतिक चरित्र में गिरावट आती है।
* अश्लील के चित्रण देखने से आपराधिक प्रवत्ति पनपती है।
* महिलाओं के विरूद्ध आपराधिक प्रव॒त्ति को बढ़ावा मिलता है जिससे उनके जीवन को खतरा पैदा होता है। उत्पीड़न व बलात्कार जैसी घटनाएँ बढ़ जाती हैं।
* यह महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रयोग में बाधा उत्पन्न करता है।
* सामाजिक दूरी बढ़ती है, असामाजिक कार्य पनपते हैं, विशेषकर युवाओं में अवैध यौन संबंधों को बढ़ावा मिलता है और अनचाहे गर्भधारण जैसी घटनाएँ देखने को मिलती हैं।
महिलाओं के अश्लील चित्रण का प्रभाव (Impact of indecent portrayal of women)
महिलाओं के अश्लील चित्रण का प्रभाव (Impact of indecent portrayal of women)-
* महिलाओं के अश्लील चित्रण से महिलाओं की गरिमा एवं सम्मान में गिरावट आती है।
* सामाजिक मान्यताओं को चोट पहुँचती है और संस्कृति विकृत होती है। सामाजिक व्यवहार प्रतिमान भी बदलने लगते है।लोगों के नैतिक चरित्र में गिरावट आती है।
* अश्लील के चित्रण देखने से आपराधिक प्रवत्ति पनपती है।
* महिलाओं के विरूद्ध आपराधिक प्रव॒त्ति को बढ़ावा मिलता है जिससे उनके जीवन को खतरा पैदा होता है। उत्पीड़न व बलात्कार जैसी घटनाएँ बढ़ जाती हैं।
* यह महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रयोग में बाधा उत्पन्न करता है।
* सामाजिक दूरी बढ़ती है, असामाजिक कार्य पनपते हैं, विशेषकर युवाओं में अवैध यौन संबंधों को बढ़ावा मिलता है और अनचाहे गर्भधारण जैसी घटनाएँ देखने को मिलती हैं।