UKPSC
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग (UKPSC) एक आधिकारिक संस्था है, जो उत्तराखण्ड राज्य के अंतर्गत अपनी सेवायें देने वाले विभिन्न प्रशासनिक पदों ( सिविल सेवाओं में ) भर्ती हेतु परीक्षाऐं आयोजित करवाता है। उत्तर प्रदेश अधिनियम, 2000 के अंतर्गत 9 नवंबर, 2000 को उत्तराखण्ड राज्य के गठन के बाद इस आयोग की स्थापना 14 मार्च, 2001 को की गई थी। वर्ष 2001 से यह आयोग प्रभावी रूप से राज्य को अपनी सेवाऐं दे रहा है। भारतीय संविधान (अनुच्छेद 315 से लेकर 323 तक ) संघ एवं राज्यों को लोक सेवा आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान करता है। अतः यह आयोग एक संवैधानिक संस्था है। जिसे उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग प्रोसीज़र एण्ड कंडक्ट आफ बिजनेस रूल्स, 2013 द्वारा नियंत्रित एवं संचालित किया जाता है।
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग कई प्रकार की परीक्षाऐं आयोजित करवाता है, जिनमें एक स्तरीय ( साक्षात्कार अथवा केवल चयन परीक्षा आधारित), द्विस्तरीय (चयन परीक्षा+ साक्षात्कार आधारित), तथा त्रिस्तरीय ( प्रारंभिक परीक्षा+ मुख्य परीक्षा+ साक्षात्कार आधारित ) परीक्षाऐं सम्मिलित हैं ।
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाऐं [ Examinations Conducted by UKPSC ]
संयुक्त राज्य/ प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा [ Combined state/ upper Subordinate Services Examianation ] -
उत्तराखण्ड पी.सीएस. परीक्षा के रूप में जानी जाने वाली इस परीक्षा के अंतर्गत डिप्टी कलेक्टर, सहायक पुलिस अधिकारी (DSP), ब्लाक विकास अधिकारी (BDO), क्षेत्रीय यातायात अधिकारी (RTO), सहायक कमिश्नर, जेल सुप्रीटेन्डेंट, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला खाद्य वितरण अधिकारी आदि अन्य अनेक पदों पर नियुक्तियां की जातीं हैं। इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अभ्यर्थी का कम से कम स्नातक उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता है।
संयुक्त राज्य/ अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा [ Combined State/ Upper Subordinate Services Examination ] –
यू.के.पी.सी.एस. द्वारा आयोजित इस परीक्षा में तीन चरणों ( प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार ) के माध्यम से योग्य प्रतिस्पर्धियों का चुनाव किया जाता है । इसके अंतर्गत विधिक सहायक( Legal Adviser), लेखा परीक्षक ( Auditor), कनिष्ठ लेखा परीक्षक और सहायक संपदा अधीक्षक जैसे पदों पर नियुक्तियां की जातीं हैं। इस परीक्षा में सम्मिलित होने की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उसके समकक्ष रखी जाती है ।
समीक्षा अधिकारी तथा सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा [ Review Officer and Assistant Review Officer Examination ] –
इस परीक्षा में स्नातक डिग्री धारण करने वाले योग्य अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं। यह एक त्रिस्तरीय परीक्षा है, जिसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार ( व्यक्तित्व परीक्षण) के आधार पर समीक्षा अधिकारी तथा सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों पर नियुक्तियां की जातीं हैं।
सहायक वन संरक्षक/ क्षेत्रीय वन अधिकारी परीक्षा [ Assistant Conservator of Forest/ Regional Forest Officer Examination] –
राज्य वन विभाग के अंतर्गत होने वाली इस परीक्षा का आयोजन उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा प्रति वर्ष किया जाता है। इस परीक्षा में सम्मिलित होने की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक होती है, साथ ही जरूरी शारीरिक योग्यताओं को संतुष्ट करना अनिवार्य होता है। इस परीक्षा के द्वारा सहायक वन संरक्षक (ACF) तथा वन क्षेत्राधिकारी ( RFO) के पदों पर नियुक्तियां सुनिश्चित की जातीं हैं।
उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा ( कनिष्ठ संभाग) परीक्षा [ UP Judicial Services ( Junior Division) Examination] –
इस परीक्षा के प्रारंभिक चरण में भाग लेने के लिए उम्मीदवार का कानून में स्नातक होना जरूरी है। इसे पी.सी.एस. (जे) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें तीन चरण होते है। प्रारंभिक चरण ( प्रिलिम पऱीक्षा) में सफल होने वाले अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए अग्रसारित किए जाते हैं। तथा अंत में साक्षात्कार (व्यक्तित्व परीक्षण ) का प्रावधान है।
अपर निजी सचिव परीक्षा [ Additional Private Secretary Examination] –
इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अभ्यर्थी को स्नातक के साथ- साथ कोई मान्यता प्राप्त एक वर्षीय कम्प्यूटर कोर्स सर्टिफिकेट धारण करना अनिवार्य होता है। इस परीक्षा में लिखित प्रश्नपत्रों, साक्षात्कार और टंकण परीक्षण ( न्यूनतम 80 शब्द प्रति मिनट) के द्वारा चयन सुनिश्चित किया जाता है। चयनित योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति राज्य में अपर निजी सचिव के रिक्त पदों पर होती है।
सहायक पंजीयक परीक्षा [ Assistant Registrar Examination] –
सहायक पंजीयक परीक्षा उत्तर प्रदेश राज्य के अंतर्गत सहायक रजिस्ट्रार के पदों पर नियुक्ति हेतु आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में भाग लेने के लिए आवेदक का किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या उसके समकक्ष परीक्षा में उत्तीर्ण होना तथा हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना आपेक्षित माना जाता है।