नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 208

Posted on September 11th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. जीएसएम (GSM) में संचार चैनल के समय विभाजन की तकनीक का इस्तेमाल एक साथ प्रेषित डेटा की मात्रा बढ़ाने के लिये किया जाता है।  
  2. सीडीएमए (CDMA) में डेटा डिजिटल रूप में होता है और पूरे उपलब्ध बैंडविड्थ पर विस्तारित होता है।
  3. वाईमैक्स (WiMAX) बढ़ी हुई रेंज के साथ वाई-फाई का एक विकल्प है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

(a) केवल I और II

(b) केवल II और III

(c) केवल I और III 

(d) I, II और III

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-1 : (d)

 

व्याख्या : 

  • GSM (ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल): यह दुनिया भर में सबसे अधिक इस्तेमाल किया गया मानक है। यह मानक यूरोप में 900MHz और 1800MHz आवृत्ति बैंड और अमेरिका में 1900MHz बैंड का उपयोग करता है। यह एक साथ प्रेषित डेटा की मात्रा को बढ़ाने के लिये संचार चैनलों की समय विभाजन की एक तकनीक, TDMA (टाइम डिविजन मल्टिपल एक्सेस) का उपयोग करता है। GSM मानक 9.6 Kbps की अधिकतम डेटा दर की अनुमति देता है। GSM मानक की सम्प्रेषण क्षमता में सुधार के लिये बने एक्सटेंशन-
  • GPRS (जनरल पैकेट रेडियो स्टेशन): 2.5G, 114 Kbps का सैद्धांतिक डेटा EDGE (इन्हेन्स डेटा रेट्स फॉर ग्लोबल इवोल्यूशन): 384 Kbps की दर से 2.75G, सैद्धांतिक डेटा, अत: कथन 1 सही है।
  • CDMA (कोड डिविजन मल्टिपल एक्सेस): इसे भी डिजिटल मोबाइल प्रौद्योगिकी के रूप में जाना जाता है। TDMA की संकीर्ण बैंड के विपरीत, CDMA में डेटा को उपलब्ध संपूर्ण बैंडविड्थ पर डिजिटलीकृत और प्रसारित किया जाता है, अत: कथन 2 सही है।
  • चैनल पर एक के ऊपर एक कॉल की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं, प्रत्येक कॉल को एक अद्वितीय अनुक्रम कोड दिया जाता है। इसके बाद डेटा प्राप्तकर्त्ता की ओर से पुन:संयोजित कर दिया जाता है। यह तकनीकी रूप से GSM से बेहतर है, लेकिन इसकी भी अपनी कुछ सीमाएँ हैं, जैसे इस तरह के फोन में सिम कार्ड नहीं होता। 2G, 3G, 4G मोबाइल टेलीफोन तकनीक मानक ‘अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ’ द्वारा निर्धारित हैं।
  • LTE (लॉन्ग टर्म एवोलुशन): यह 100 Mbps डाउनस्ट्रीम और 30 Mbps अपस्ट्रीम क्षमता, कम विलंबता, मापनीय बैंडविड्थ की क्षमता और मौजूदा GSM और UMTS प्रौद्योगिकी (यूनिवर्सल मोबाइल दूरसंचार सेवा) के साथ पीछे की ओर अनुकूलनता के साथ काफी बढ़ी हुई उच्च डेटा दरें प्रदान करता है। यह WiMAX और HSPA $ (हाई स्पीड डेटा पैकेट एक्सेस) के साथ 4G प्रौद्योगिकियों में शामिल है।
  • WiMAX (वर्ल्डवाइड इंटरऑपरेबिलिटी फॉर माइक्रोवेव एक्सेसर): यह एक IP-आधारित, बिना तार की (वायरलैस) ब्रॉड्बैंड एक्सेस तकनीक है जो सेलुलर नेटवर्क की कवरेज और सेवा की गुणवत्ता के साथ 802.11 मानकों (वाई-फाई नेटवर्क) के समान प्रदर्शन प्रदान करता है। इसे शुरुआत में 30 से 40 MB डेटा प्रति सेकंड की दर से प्रदान करने के लिये तैयार किया गया था। 2011 के अपडेट में कुछ निर्धारित स्टेशनों के लिये यह 1Gbps तक डेटा उपलब्ध करा रही है। यह पारंपरिक वाई-फाई लोकल एरिया नेटवर्क (लैन) की 30 मीटर वायरलेस रेंज से अधिक है। यह निर्धारित स्टेशनों के लिये 50 किमी. तक और मोबाइल स्टेशनों के लिये 5-15 किमी. तक ब्रॉडबैंड वायरलेस एक्सेस प्रदान कर सकता है। अत: कथन 3 सही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : नाभिकीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग किन क्षेत्रों में किया जा सकता है ?

  1. खाद्य संरक्षण  
  2. चिकित्सा उपचार 
  3. विद्युत उत्पादन
  4. रेडियोमेट्रिक डेटिंग
  5. धुएँ का पता लगाना

नीचे दिये गए कूटों का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल II और III

(b) केवल II, III और IV

(c) केवल I, II, III और IV 

(d) I, II, III, IV और V

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-2 : (d)

 

व्याख्या : 

  • नाभिकीय विज्ञान के अंतर्गत नाभिकीय केंद्रिका का आणुविक अभिक्रियाओं से जुड़े परमाणुओं के संसार का अध्ययन किया जाता है। नाभिकीय विज्ञान यह अध्ययन करता है कि एक केंद्रिका से ऊर्जा कैसे निकलती है, जब उसमें कुछ बदलाव किया जाता है। नाभिकीय प्रौद्योगिकी विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, उद्योग, औषधि आदि क्षेत्रों के अनुप्रयोगों के परिणामों से संबंधित है।

 

अनुप्रयोग:

  • खाद्य परिरक्षण: निष्क्रिय कीटों को मारने के लिये विकिरण चिकित्सा (irradiation therapy) का उपयोग किया जाता है तथा जीवाणु दूषण के स्तर को कम किया जाता है तथा फलों और सब्जियों के मामले में उनके पकने में लगने वाले समय को कम कर खाद्य सामानों को परिरक्षित किया जाता है।
  • मेडिकल थेरेपी: विशिष्ट असमर्थ कोशिकाओं को नष्ट करने या उन्हें रोकने के लिये रेडियो समस्थानिकों का प्रयोग किया जाता है। उदहारण के लिये, आयोडीन-131 का उपयोग थायराइड की जाँच के लिये तथा थाइरोइड ग्रंथि के कैंसर के उपचार के लिये किया जा सकता है।
  • विद्युत उत्पादन: रिएक्टर में नाभिकीय विखंडन द्वारा नियंत्रित परमाणविक शृंखला अभिक्रियाओं से विद्युत का उत्पादन। ITER (international thermonuclear experimental reactor) प्रोजेक्ट में विभिन्न देशों के वैज्ञानिक सबसे बड़े संलयन रिएक्टर के निर्माण के लिये सम्मिलित रूप से कार्य कर रहे हैं।
  • रेडियोएक्टिव डेटिंग: यह किसी वस्तु की आयु निर्धारण की एक विधि है जिसमे रेडियोएक्टिव पदार्थ होते हैं या इसमे पाई जाने वाली प्राकृतिक परमाणु विखंडन की मात्रा होती है।
  • अन्य व्यावसायिक व औद्योगिक उपयोग: हवाई अडन्नें पर सुरक्षा जाँच, निर्माण पदार्थों के घनत्व की जाँच, धुएँ का पता लगाना, पेसमेकर आदि।
  • धुएँ का पता लगाना: आयनीकृत धुएँ का पता लगाने के लिये उपयोगी है।

अत: विकल्प (d) सही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : क्वांटम संचार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. इस प्रौद्योगिकी का उपयोग करके संचार को हैकिंग से सुरक्षित बनाया जा सकता है। 
  2. पहला क्वांटम संचार उपग्रह मिसियस था, जिसे 2016 में प्रक्षेपित किया गया था।
  3. भारत ने मिसियस के विकास में सक्रिय रूप से सहयोग किया है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

(a) केवल I और II

(b) केवल II और III

(c) I, II और III 

(d) केवल I और III

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-3 : (a)

 

व्याख्या : 

  • क्वांटम संचार क्वांटम यांत्रिकी की घटना का उपयोग करता है - जिसे “quantum entanglement” कहा जाता है। इसमें फोटॉन (जो प्रकाश के कण होते हैं) इस तरह से ‘जुड़े’ होते हैं कि वे एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं, चाहे वे कितने भी दूर हों। वे एक-दूसरे से जुड़े हुए प्रतीत होते हैं और एकल भौतिक वस्तु के रूप में व्यवहार करते हैं क्योंकि एक तीसरी पार्टी उनके ‘‘entanglement’’ को नष्ट किये बिना फोटॉनों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकती, इसलिये इसे बिना पता लगे इसमें फेरबदल करना मुमकिन नहीं है। अत: कथन 1 सही है।
  • 2016 में, चीन ने पहली बार क्वांटम कम्युनिकेशन उपग्रह मिसियस (Micius) को लॉन्च किया। इस उपलब्धि के साथ लंबी दूरी का क्वांटम संचार संभव हो पाया। अत: कथन 2 सही है।
  • चीन की ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद, इस क्षेत्र में इसरो ने अपने प्रयास तेज़ कर दिये। बंगलूरू में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ क्वांटम प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिये हाथ मिलाया है, इसरो को उपग्रहों के ऐसे नेटवर्क को स्थापित करने की आवश्यकता होगी। अत: कथन 3 सही नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. प्रोजेक्ट लून दुर्गम स्थानों तक इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिये एक अनुसंधान परियोजना है।
  2. इसमें क्षोभमंडल के ऊपरी हिस्से में गुब्बारे स्थापित किये जाते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं 

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-4 : (a)

 

व्याख्या : 

  • प्रोजेक्ट लून, (पूर्व में Google X) द्वारा विकसित एक अनुसंधान और विकास परियोजना है। यह अंतरिक्ष के किनारों पर यात्रा करने वाले गुब्बारों का एक नेटवर्क है, जो दुनिया भर में ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये डिज़ाइन किया गया है। अत: कथन 1 सही है।
  • प्रोजेक्ट लून के गुब्बारे को विमानों, वन्य जीवन और मौसम की घटनाओं से ऊपर स्थित समताप मंडल की परिस्थितियों में भी बने रहने के हिसाब से डिज़ाइन और निर्मित किया गया, जहाँ हवाएँ 100 किमी/घंटा की गति से प्रवाहित हो सकती हैं। अत: कथन 2 सही नहीं है।
  • पॉलीथिलीन की चादरों से बना प्रत्येक टेनिस गेंद के आकार का गुब्बारा इस प्रकार से निर्मित होता है कि ज़मीन पर लौटने से पहले यह समताप मंडल में 100 दिनों से अधिक समय तक रह सके।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : ‘मैलवेयर’ (Malware) के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये -

  1. ट्रोजन हॉर्स: यह नेटवर्क के माध्यम से फैलने के लिये स्वयं की प्रतिकृतियाँ बनाता है। 
  2. एडवेयर: विज्ञापन में काम आने वाला एक सॉफ्टवेयर।
  3. रैनसमवेयर: जब तक मांगी गई धनराशि (Ransom) का भुगतान नहीं किया जाता, तब तक कंप्यूटर तक पहुँच को बाधित कर देता है।

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं?

(a) केवल I और II

(b) केवल II और III

(c) केवल I और III 

(d) I, II और III

         

उत्तर - ()

 

उत्तर-5 : (b)

 

व्याख्या : 

  • मैलवेयर एक सार्वभौमिक शब्द है जिसका प्रयोग हानिकारक या अनुचित रूप से दखल देने वाले सॉफ्टवेयर के विभिन्न रूपों, जिनमें कंप्यूटर वायरस, वोर्म्स, ट्रोजन इत्यादि शामिल हैं, को प्रदर्शित करने के लिये करते हैं। ट्रोजन हॉर्सेज, रैनसमवेयर, स्पाईवेयर, एडवेयर, स्केयरवेयर तथा अन्य दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम भी इसके अंतर्गत आते हैं।
  • ट्रोजन हॉर्स ऐसा दुर्भावनापूर्ण कंप्यूटर प्रोग्राम है जो उपयोगकर्त्ताओं को उसके वास्तविक लक्ष्य से भ्रमित करता है। आमतौर पर, सोशल इंजीनियरिंग के किसी न किसी रूप से इसका प्रसार होता हैं।  कंप्यूटर वायरस के विपरीत, ट्रोजन न तो स्वयं को अन्य फाइलों में इंजेक्ट करने का प्रयास करते हैं, न ही स्वयं को प्रचारित करते हैं। अन्य कंप्यूटरों में फैलने के लिये स्वयं को दोहराने की प्रवृत्ति 'कृमि' (Worms) में होती है। अतः (1) सुमेलित नहीं है।
  • एडवेयर वह सॉफ्टवेयर है जो सॉफ़्टवेयर के उपयोगकर्त्ता इंटरफ़ेस में या इंस्टॉलेशन प्रक्रिया के दौरान उपयोगकर्त्ता की स्क्रीन पर स्वचालित ऑनलाइन विज्ञापन दिखाकर अपने डेवलपर के लिये राजस्व उत्पन्न करता है। अतः (2) सुमेलित है।
  • रैंसमवेयर एक प्रकार का दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर है जो पीड़ितों के डेटा को सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करने या जब तक फिरौती का भुगतान नहीं किया जाता है, तब तक उसे ब्लॉक करने की धमकी देता है। हाल ही में 'WannaCry' रैंसमवेयर समाचारों खबरों में था। अतः (3) सुमेलित है।