नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 126
Posted on April 20th, 2019 | Create PDF File
प्रश्न-1 : भारत शासन अधिनियम, 1919 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
- पहली बार सांप्रदायिक और वर्गीय निर्वाचन की व्यवस्था की गई।
- प्रांतीय स्तर पर द्वैध शासन की व्यवस्था की गई।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
प्रश्न-2 : भारतीय परिषद अधिनियम, 1861 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
- इसने लॉर्ड कैनिंग द्वारा शुरू की गई ‘पोर्टफोलियो’ प्रणाली को मान्यता प्रदान की।
- आपातकाल के दौरान वायसराय को अध्यादेश जारी करने का अधिकार दिया गया।
- बॉम्बे और मद्रास प्रेसीडेंसी की विधायी शक्तियों को बहाल करते हुए विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल II
(b) केवल I और II
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर - ()
प्रश्न-3 : निम्नलिखित में से किस अधिनियम के ज़रिये बंगाल के गवर्नर-जनरल को भारत का गवर्नर-जनरल बना दिया गया और उसे समस्त सैन्य व असैन्य शक्तियाँ दे दी गईं ?
(a) चार्टर एक्ट, 1833
(b) रेग्युलेटिंग एक्ट, 1773
(c) चार्टर एक्ट, 1853
(d) भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
उत्तर - ()
प्रश्न-4 : पिट्स इंडिया एक्ट, 1784 का मुख्य उद्देश्य था :
(a) ईस्ट इंडिया कंपनी के राजनीतिक कार्यों को उसकी वाणिज्यिक गतिविधियों से पृथक् करना।
(b) नियंत्रण बोर्ड के कर्मचारियों व सवैतनिक सदस्यों का वेतन कंपनी पर भारित करना।
(c) भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त करना।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर - ()
प्रश्न-5 : वर्ष 1813 के चार्टर अधिनियम के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- चाय और चीन के साथ व्यापार को छोड़कर कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया।
- मिशनरियों को भारत जाने और प्रचार करने की अनुमति दी गई।
- भारतीयों की शिक्षा पर प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए के आवंटन का प्रावधान।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल III
(b) केवल I और II
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर - ()
उत्तरमाला
उत्तर-1 : (b)
व्याख्या : भारत शासन अधिनियम, 1919 को ‘मॉण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका उद्देश्य भारत में धीरे-धीरे स्वशासी संस्थाओं की स्थापना करना था। पहली बार ‘उत्तरदायी शासन’ शब्द का प्रयोग इसी अधिनियम में किया गया था।
अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ :
- हालाँकि इस अधिनियम के ज़रिये सांप्रदायिक और वर्गीय निर्वाचन को और भी मज़बूत किया गया, लेकिन इससे पहले वर्ष 1909 के अधिनियम द्वारा मुस्लिमों के लिये एक पृथक् निर्वाचन की व्यवस्था कर दी गई थी।
- प्रांतीय स्तर पर भी द्वैध शासन की व्यवस्था की गई और गवर्नर को प्रांतों का कार्यकारी प्रमुख बना दिया गया। विषयों को दो सूचियों में विभाजित किया गया- ‘आरक्षित’ और ‘हस्तांतरित’।
- आरक्षित विषयों का प्रशासन गवर्नर और उसकी कार्यकारी परिषद के माध्यम से किया जाना तय किया गया, जबकि हस्तांतरित विषयों का प्रशासन विधानपरिषद के निर्वाचित सदस्यों में से नामांकित मंत्रियों द्वारा किया जाना तय हुआ।
- प्रांतीय विधानपरिषदों का विस्तार कर 70% सदस्यों का चयन निर्वाचन के माध्यम से किया जाना तय हुआ।
- महिलाओं को भी मतदान का अधिकार दिया गया। गवर्नर जनरल को मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया तथा प्रशासन व्यवस्था के लिये केंद्रीय एवं प्रांतीय दो सूचियाँ बनाई गईं।
- निम्न सदन या केंद्रीय विधानसभा के लिये 144 सदस्य तथा उच्च सदन या राज्य परिषद में 60 सदस्यों के प्रावधान के साथ एक द्विसदनीय (bicameralism) व्यवस्था आरंभ की गई।
उत्तर-2 : (d)
व्याख्या : भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
भारतीय परिषद अधिनियम (1861) भारत के संवैधानिक इतिहास की एक महत्त्वपूर्ण घटना है। इस अधिनियम के ज़रिये गवर्नर जनरल को अपनी विस्तारित परिषद में भारतीय जनता के प्रतिनिधियों को मनोनीत करके उन्हें विधायी कार्य से संबद्ध करने का अधिकार प्रदान किया गया। साथ ही गवर्नर जनरल की परिषद की विधायी शक्तियों का विकेंद्रीकरण कर दिया गया, जिससे बंबई और मद्रास की प्रेसिडेंसियों को भी विधायी शक्तियाँ प्रदान की गईं।
इस अधिनियम की विशेषताएँ:
- इस अधिनियम के माध्यम से बंगाल (1862), उत्तर-पश्चिमी सीमांत प्रांत (1866) तथा पंजाब (1897) में नई विधायी परिषदें स्थापित करने की व्यवस्था की गई।
- इसके तहत लॉर्ड कैनिंग द्वारा शुरू की गई ‘पोर्टफोलियो’ प्रणाली को मान्यता दी गई।
- आपातकाल के दौरान वायसराय को विधायी परिषद की सहमति के बिना अध्यादेश जारी करने का अधिकार दिया गया। इस तरह के अध्यादेश का जीवनकाल छह महीने किया गया।
- बॉम्बे और मद्रास प्रेसीडेंसी की विधायी शक्तियों को बहाल करते हुए विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई।
- इस प्रकार इसने केंद्रीकरण की उस प्रवृत्ति को बदल दिया जो कि रेग्युलेटिंग एक्ट 1773 से शुरू होकर चार्टर एक्ट 1833 के समय अपने चरम पर पहुँच गई।
उत्तर-3 : (a)
व्याख्या : वर्ष 1833 के चार्टर अधिनियम की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ:
- इस अधिनियम द्वारा कंपनी के अधीन क्षेत्रों व भारत के उपनिवेशीकरण को वैधता प्रदान कर दी गई। इसने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक कंपनी का दर्जा समाप्त कर उसे केवल एक प्रशासनिक निकाय बना दिया।
- बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा और उसे सभी सैन्य एवं असैन्य शक्तियाँ दे दी गईं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक को ‘ब्रिटिश भारत का प्रथम गवर्नर जनरल’ बनाया गया।
- इस अधिनियम द्वारा बॉम्बे तथा मद्रास के गवर्नरों की विधायी शक्तियाँ छीन ली गईं। परिषद गवर्नर जनरल को कंपनी के सैन्य एवं असैन्य संबंधों के नियंत्रण, अधीक्षण और निर्देशन करने की शक्ति प्रदान की गई।
- केंद्रीय सरकार का राजस्व वृद्धि और व्यय पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर दिया गया। इस प्रकार सभी वित्तीय व प्रशासनिक शक्तियों का संकेंद्रण गवर्नर जनरल के हाथों में कर दिया गया।
- चाय और चीन के साथ व्यापार सहित ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया।
- गवर्नर जनरल की परिषद में एक विधि विशेषज्ञ को शामिल किया गया, जिसे कानूनों के संहिताकरण के लिये गठित आयोग का नेतृत्व करना था।
उत्तर-4 : (a)
व्याख्या : पिट्स इंडिया एक्ट, 1784 के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी के राजनीतिक कार्यों को उसकी वाणिज्यिक गतिविधियों से पृथक् कर दिया गया तथा ब्रिटिश सरकार का कंपनी पर प्रत्यक्ष नियंत्रण स्थापित कर दिया।
नए कानून के अनुसार, 6 सदस्यीय नियंत्रण बोर्ड की स्थापना की गई, जिसका कार्य निदेशक मंडल और भारत सरकार को आवश्यक परामर्श देना और उनकी कार्यवाहियों पर नियंत्रण रखना था।
गवर्नर जनरल की कार्यकारी परिषद के सदस्यों की संख्या घटाकर 3 कर दी गई। मद्रास और बंबई प्रेसीडेंसी के गवर्नर को युद्ध और शांति तथा राजस्व संबंधी मामलों में पूर्णत: गवर्नर जनरल के अधीन कर दिया गया यानी कलकत्ता सत्ता का केंद्र बन गया।
गवर्नर जनरल अब बिना नियंत्रण बोर्ड की सहमति के किसी भी देशी राज्य के प्रति किसी भी प्रकार की नीति (युद्ध, शांति या मैत्री) नहीं अपना सकता था। साथ ही, यदि किसी मामले में दो पक्षों के मत बराबर संख्या में विभाजित हों, उस स्थिति में गवर्नर जनरल भी मत दे सकता था।
उत्तर-5 : (b)
व्याख्या : 1813 के चार्टर अधिनियम के महत्त्वपूर्ण प्रावधान:
इसने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया था, लेकिन अगले 20 वर्षों के लिये चाय और चीन के साथ व्यापार की अनुमति दी गई थी।
पहली बार ईसाई मिशनरियों को भारत जाने और प्रचार करने की अनुमति दी गई। इस अधिनियम के तहत कंपनी के क्षेत्रीय राजस्व और व्यावसायिक लाभ को विनियमित किया जाना तय किया गया। साथ ही, कंपनी के ऋण को कम करने तथा प्रतिवर्ष 10.5% की दर से लाभांश प्राप्ति की बात भी की गई।
इस अधिनियम में यह प्रावधान था कि कंपनी भारतीयों की शिक्षा पर प्रतिवर्ष ₹1 लाख खर्च करेगी। साथ ही, इस अधिनियम में सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र के तहत स्थानीय सरकारों को जनता से कर वसूलने का अधिकार भी दिया गया।