नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 205

Posted on September 5th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : उपग्रह प्रक्षेपण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. भूमध्यरेखा के निकट स्थलों से प्रक्षेपित किसी उपग्रह को शुरुआती अवस्था में पृथ्वी की सतह के वेग (Velocity) के बराबर बूस्ट मिलेगा।
  2. यह लाभ केवल उन उपग्रहों के लिये प्राप्त किया जा सकता है जो भू-स्थिर कक्षा में प्रक्षेपित किये जाते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों 

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

उत्तर-1 : (c)

 

व्याख्या : 

  • जब उत्तरी ध्रुव से देखा जाता है, तो पृथ्वी घड़ी की सूई की विपरीत दिशा में (वामावर्त) घूमती है, यानी पश्चिम से पूर्व तक, क्योंकि हम पूर्व में सूर्य को उगते हुए देखते हैं और पश्चिम में अस्त होते हुए।
  • पूर्व दिशा की ओर भूमध्यरेखा के निकट स्थलों से प्रक्षेपित किसी उपग्रह को पृथ्वी की सतह के वेग (Velocity) के बराबर शुरुआती बूस्ट मिलेगा। अत: कथन 1 सही है।
  • घूर्णन का सतही वेग पृथ्वी पर एक बिंदु से दूसरे बिंदु पर भिन्न होता है। यह वेग भूमध्यरेखा के करीब 1600 किमी. प्रति घंटा होता है। जब हम ध्रुवों पर जाते हैं तो यह वेग धीरे-धीरे कम हो जाता है और वहाँ यह व्यावहारिक रूप से शून्य होता है।
  • प्रारंभिक बूस्ट उपग्रहों को लॉन्च करने के लिये इस्तेमाल रॉकेट्स की लागत को कम करने में मदद करता है। लेकिन यह लाभ केवल ऐसे उपग्रहों के लिये लिया जा सकता है जो भू-स्थिर कक्षा में रखे जाते हैं या जो भूमध्यरेखा के समानांतर पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं।
  • ऐसे सैटेलाइट आमतौर पर संचार उपग्रह या वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे ISS उपग्रहों के लिये उपयोग किये जाते हैं। अत: कथन 2 सही है।
  • ऐसे अन्य उपग्रह हैं, जो ध्रुवीय कक्षाओं में रखे जाते हैं तथा उत्तर- दक्षिण दिशा में भूमध्यरेखा के सहारे परिक्रमा करते हैं। इन्हें मुख्य रूप से मैपिंग या कभी-कभी जासूसी के लिये उपयोग किया जाता है। ऐसे उपग्रहों को आमतौर पर दक्षिण या उत्तर दिशा में प्रक्षेपित किया जाता है और इसलिये ये पृथ्वी के घूर्णन का लाभ नहीं उठा पाते हैं।
  • उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की एक अन्य विशेषता यह है कि लॉन्चिंग स्टेशन आमतौर पर पूर्वी तट रेखा के पास स्थित होते हैं ताकि लॉन्च की विफलता के मामले में उपग्रह बसावट वाले भूमि क्षेत्र पर न गिरे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : थर्टी मीटर टेलीस्कोप (TMT) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. यह एक बहुराष्ट्रीय परियोजना है, जिसमें भारत शामिल है। 
  2. इसका निर्माण हवाई (यू.एस.ए.) के मौना किआ में किया जा रहा है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों 

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

उत्तर-2 : (c)

 

व्याख्या : 

  • थर्टी मीटर टेलीस्कोप (TMT) कनाडा, चीन, भारत, जापान और अमेरिका के वैज्ञानिक संगठनों द्वारा वित्तपोषित एक अंतर्राष्ट्रीय परियोजना है। अत: कथन 1 सही है।
  • यह परियोजना भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) और परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) का संयुक्त उत्तरदायित्व है।
  • TMT प्रोजेक्ट मौना किआ (Mauna Kea), हवाई, यू.एस.ए. में स्थित है। परियोजना की कुल लागत लगभग 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। अत: कथन 2 सही है।
  • यह वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड में सुदूर स्थित धुँधली वस्तुओं का अध्ययन करने में सक्षम बनाएगा जिससे ब्रह्मांड के विकास के शुरुआती चरणों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।
  • इसके अलावा, यह हमें सौरमंडल और अन्य तारों के आस-पास के ग्रहों और अन्य दूरस्थ पिंडों के बारे में भी बेहतर जानकारी देगा।
  • उत्तरी गोलार्द्ध में TMT सबसे बड़ा दृश्य-प्रकाशीय (Optical) और अवरक्त (Infrared) दूरबीन है जिसके चलते यहाँ कई खोजें संभव होंगी जो निश्चित रूप से भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करेंगी।
  • यह देश के लिये अत्याधुनिक उच्च प्रौद्योगिकियाँ भी प्रदान करेगा, जो देश के कई उद्योगों और अनुसंधान एवं विकास केंद्रों को लाभान्वित करेंगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. सोलीबैसिलस कलामी (Solibacillus kalami) एक जीवाणु है जो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पाया जाता है न कि पृथ्वी पर।  
  2. डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप आंध्र तट के निकट अवस्थित है। 
  3. कलामसैट, SAARC उपग्रह का नया नाम है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं ?

(a) केवल I और II

(b) I, II और III

(c) केवल II और III

(d) केवल I

 

उत्तर - ()

 

 

उत्तर-3 : (c)

 

व्याख्या : 

  • नासा के शोधकर्त्ताओं ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के फिल्टर पर नए बैक्टीरिया की खोज की है और इसका नाम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जोकि एक प्रसिद्ध एयरोस्पेस वैज्ञानिक थे, का सम्मान करने के लिये सोलिबैसिलस कलामी (Solibacillus Kalamii) रखा है। यह स्पोर बनाने वाला बैक्टीरिया केवल अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पाया गया है, पृथ्वी पर नहीं। अत: कथन 1 सही है।
  • डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप, जिसे पहले व्हीलर द्वीप के नाम से जाना जाता था, ओडिशा के तट पर स्थित एक द्वीप है। इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज मिसाइल परीक्षण सुविधा इस द्वीप पर स्थित है। श्रीहरिकोटा आंध्र तट पर बैरियर द्वीप अवस्थित है। इसमें सतीश धवन स्पेस सेंटर है जोकि, भारत में दो सैटेलाइट लॉन्च सेंटरों में से एक है (दूसरा तिरुवनंतपुरम में थंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन है)। अत: कथन 2 सही नहीं है।
  • कलामसैट को वर्जीनिया, संयुक्त राज्य अमेरिका से उप-कक्षीय अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था। प्रायोगिक उपग्रह 3-डी मुद्रण प्रौद्योगिकी के साथ रेंफोर्स्ड कार्बन फाइबर से बना था।
  • यह नासा के साथ मिलकर आईडूडेल लर्निंग द्वारा आयोजित ‘क्यूब्स इन स्पेस’ प्रतियोगिता में 57 देशों के युवा प्रतियोगियों द्वारा प्रस्तुत 86,000 डिज़ाइनों में से चयनित 80 मॉडलों में से एक था। यह भारत से चुना गया एकमात्र मॉडल था। अत: कथन 3 सही नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. हाइपरलूप परिवहन प्रणाली पूर्णत: स्वायत्त, सुरक्षित और शोर रहित है।
  2. यह चुंबकीय उत्थापन पर आधारित है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों 

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-4 : (c)

 

व्याख्या : 

 

  • हाइपरलूप परिवहन प्रणाली में कम दबाव वाली ट्यूबों के माध्यम से उच्च गति पर यात्रा करने वाले पॉड होते हैं। यह प्रणाली पूर्ण रूप से स्वायत्त तथा भली-भाँति बंद परिवेशयुक्त होगी, इसलिये चालक संबंधी गलती अपेक्षित नहीं है। भली-भाँति बंद परिवेश जहाँ वायु का प्रतिरोध बिल्कुल न के बराबर हो, में पॉड के बहुत तेज गति से पहुँचने का अनुमान है। अत: कथन 1 सही है।
  • यह प्रणाली चुंबकीय उत्थापन पर आधारित है और एक ट्रेडमार्क युक्त बिजली प्रणोदन प्रणाली द्वारा प्रेरित है। इसकी गति में कोई संपर्क नहीं होगा, इसलिये यह वाहन शोर रहित होगा। अत: कथन 2 सही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. यह जैव अणुओं की त्रि-आयामी संरचनाओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने में सहायता करती है।
  2. इसका प्रयोग संक्रामक ज़ीका वायरस को प्रतिबिंबित करने के लिये किया गया है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों 

(d) इनमें से कोई नहीं

         

उत्तर - ()

 

 

उत्तर-5 : (c)

 

व्याख्या : 

  • वर्ष 2017 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार हाई रिज़ोल्यूशन क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी के विकास के लिये जैक्स ड्यूबोशे, यूनिवर्सिटी ऑफ लूसियाना, स्विट्ज़रलैंड; जोएचिम फ्रैंक कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क और रिचर्ड हेंडरसन कैंब्रिज के मेडिकल रिसर्च काउंसिल लैबोरेटरी ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, UK को प्रदान किया गया।
  • क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी द्वारा क्रायोजेनिक तापमान पर फ्रोजेन-हाइड्रेटेड नमूने को प्रतिबिंत (इमेजिंग) करने की एक प्रणाली है।
  • यह प्रणाली जैव अणुओं की 3-डी संरचनाओं को बेहतर तरीके से प्रतिबिंबित करने में सहायता करती है। अत: कथन 1 सही है।
  • इसका प्रयोग जीका वायरस को इमेज करने तथा इसके उपचार से संबंधित शोधों में किया गया है। अत: कथन 2 सही है।