नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 186
Posted on July 24th, 2019 | Create PDF File
प्रश्न-1 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- बारदोली छीड़ा असम के स्थानीय तूफान हैं, ये जूट की खेती के लिये उपयोगी हैं।
- केरल में पूर्व मानसूनी वर्षा को प्राय: ‘आम्र वर्षा’ (Mango showers) के नाम से जाना जाता है जो आमों के जल्दी पकने में मदद करती है।
- नॉर्वेस्टर्स स्टॉर्म्स का स्थानीय नाम ‘कालबैसाखी’ है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर - ()
प्रश्न-2 : दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान मौसमी दशाओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- इसके आगमन के दौरान ITCZ उत्तर की ओर स्थानांतरित (Shifts) हो जाता है और पश्चिमी जेटस्ट्रीम भारतीय क्षेत्र से प्रत्यावर्तित (Withdraws) हो जाती है।
- दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान आर्द्र वायु प्रवाह सागरीय उष्णकटिबंधीय वायुराशि (mT) के माध्यम से नहीं आता है।
- पश्चिमी जेटस्ट्रीम भारतीय उपमहाद्वीप में उष्णकटिबंधीय अवदाबों को बढ़ावा देती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल I और II
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर - ()
प्रश्न-3 : जब भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में शरद ऋतु के मध्य में एक कमज़ोर उच्च दाब विकसित होता है, ऐसी स्थिति में मौसम की स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
- शुष्क हवाएँ उच्च दाब क्षेत्र से बाहर की ओर प्रवाहित होंगी।
- उत्तरी मैदान ठंडा हो जाएगा।
- दिन के समय झुलसाने वाली हवा (स्थानीय रूप से जिसे ‘लू’ कहते हैं) बहेगी।
- आंधी-तूफान के साथ मूसलाधार बारिश होगी।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल III और IV
(d) I, II, III और IV
उत्तर - ()
प्रश्न-4 : निम्नलिखित में से किसका उपयोग करके भारत में विभिन्न जलवायु क्षेत्रों का वर्गीकरण और अध्ययन किया गया है ?
(a) डी. कंडोल पद्धति
(b) कोपेन पद्धति
(c) आई.एम.डी. पद्धति
(d) बुड्योको पद्धति
उत्तर - ()
प्रश्न-5 : ‘कार्तिक मास की ऊष्मा’ का संबंध निम्नलिखित में से किससे है ?
(a) शीत ऋतु
(b) ग्रीष्म ऋतु
(c) दक्षिण-पश्चिम मानसून
(d) मानसून का निवर्तन
उत्तर - ()
उत्तरमाला
उत्तर-1 : (d)
व्याख्या :
ग्रीष्म ऋतुओं के प्रसिद्ध स्थानीय तूफान
- आम्र वर्षा: ग्रीष्म ऋतु की समाप्ति के बाद, पूर्व मानसूनी वर्षा केरल और कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों में सामान्य घटना है। स्थानीय रूप यह वर्षा आम्र वर्षा के नाम से जानी जाती है, क्योंकि यह आमों के जल्दी पकने में मदद करती है।
- फूलों वाली बौछार: इस वर्षा से केरल और उसके आस-पास के कहवा उत्पादक क्षेत्रों में कहवा के फूल खिलने लगते हैं।
- नॉर्वेस्टर्स: यह बंगाल और असम में शाम के समय खूंखार बिजली और बज्रध्वनि के साथ आने वाला तूफान है। इसका कुख्यात स्वरूप स्थानीय नामकरण ‘‘कालबैसाखी’’ से समझा जा सकता है, जिसका मतलब बैसाख महीने का दुर्भाग्य होता है। हालाँकि, इससे होने वाली वर्षा चाय, जूट और चावल की खेती के लिये बहुत उपयोगी होती है। असम में ये तूफान ‘‘बारदोली छीड़ा’’ के नाम से जाने जाते हैं।
- लू: ये पंजाब से लेकर बिहार तक फैले उत्तरी मैदानों में दिल्ली से पटना तक ऊँची तीव्रता के साथ बहने वाली गर्म, शुष्क हवाएँ हैं।
अतः विकल्प (d) सही है।
उत्तर-2 : (c)
व्याख्या :
- दक्षिण-पश्चिम मानसून: गर्मियों के मौसम में जब सूर्य उत्तरायण होता है, तो निचली और ऊपरी दोनों सतहों पर वायु का संचलन पूरे उपमहाद्वीप पर उल्टा हो जाता है। जुलाई के मध्य तक, भू-सतह के नज़दीक वाली निम्न-दाब पेटी ‘जिसे अंतरा उष्णकटिबंधीय अपसरण क्षेत्र (ITCZ) के रूप में जाना जाता है’ उत्तर की तरफ लगभग हिमालय के समानान्तर 20° उत्तरी अक्षांश और 25° उत्तरी अक्षांश तक खिसक जाती है। इस समय तक, पश्चिमी जेट-धारा भारतीय क्षेत्र से प्रत्यावर्तित हो जाती हैं। अतः कथन 1 सही है।
- ITCZ एक निम्न दाब क्षेत्र होने के चलते अलग-अलग दिशाओं से आने वाली हवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करता है। दक्षिणी गोलार्द्ध से आने वाली सागरीय उष्णकटिबंधीय वायुराशि (MT) भूमध्यरेखा को पार करने के बाद, उत्तरी गोलार्द्ध में (भारत में) दक्षिण-पश्चिमी दिशा से निम्न दाब क्षेत्र की तरफ आगे बढ़ती है। यही वे आर्द्र वायु राशियाँ (MT) हैं, जिन्हें आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के रूप में जाना जाता है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
- पूर्वी जेट-धारा और उष्णकटिबंधीय चक्रवात: पूर्वी जेट- धारा भारत में उष्णकटिबंधीय अवदाबों को लाती है। ये अवदाब भारतीय उपमहाद्वीप पर मानसूनी वर्षा के वितरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन अवदाबों का मार्ग वही क्षेत्र हैं जहाँ सबसे ज़्यादा वर्षा होती है। ये अवदाब जिस बारंबारता के साथ भारत में प्रवेश करते हैं, उनकी दिशा और तीव्रता, पूरी दक्षिण-पश्चिमी मानसून अवधि के दौरान वर्षा के पैटर्न को निर्धारित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अतः कथन 3 सही नहीं है।
उत्तर-3 : (a)
व्याख्या :
देश के उत्तरी भाग में, एक उच्च दबाव क्षेत्र विकसित होता है, जिससे इस क्षेत्र से बाहर की ओर वायु चलती है। उच्चावच के कारण पश्चिम और उत्तर-पश्चिम से ये हवाएँ पश्चिम से गंगा घाटी से होते हुए बहती हैं। अतः कथन 1 और 2 सही हैं।
- इस समय मौसम सामान्य रूप से कम तापमान और आर्द्रता वाला तथा साफ आकाशयुक्त होता है।
- गर्म मौसम की एक प्रमुख विशेषता ‘लू’ है। ये तीव्र, गर्म, शुष्क हवाएँ हैं, जो उत्तरी भारत में दिन के समय चलती हैं। कभी-कभी वे देर शाम तक भी चलती हैं। अतः कथन 3 सही नहीं है।
- गर्मी का मौसम स्थानीय तूफानी हवाओं का मौसम भी है। यह तेज़ हवाओं, ओला-वृष्टि और मूसलाधार बारिश का मौसम भी है। पश्चिम बंगाल में इन हवाओं को कालबैसाखी के नाम से जाना जाता है। अतः कथन 4 सही नहीं है।
उत्तर-4 : (b)
व्याख्या :
- तापमान और वर्षा जलवायु के महत्त्वपूर्ण तत्त्व हैं, जिन्हें जलवायु वर्गीकरण की सभी पद्धतियों में निर्णायक माना जाता है। हालाँकि, जलवायु का वर्गीकरण एक जटिल कार्य है। जलवायु वर्गीकरण की कई विधियाँ हैं।
- कोपेन का जलवायु वर्गीकरण तापमान और वर्षा के मासिक मानों पर आधारित है। उसने जलवायु को पाँच प्रमुख भागों में विभाजित किया है, जिनके नाम हैं-
उष्णकटिबंधीय जलवायु, जहाँ वर्ष के सभी महीनों का औसत तापमान 18°C से अधिक रहता है।
(ii)शुष्क जलवायु, जहाँ तापमान की तुलना में वर्षण बहुत कम होता है। शुष्कता कम होने पर यह अर्द्ध-शुष्क (S) कहलाता है और शुष्कता अधिक हो तो यह शुष्क (W) होता है।
(iii)गर्म जलवायु, जहाँ सबसे ठंडे महीने का औसत तापमान 18°C और –3°C डिग्री के बीच रहता है।
(iv)हिम जलवायु, जहाँ सबसे गर्म महीने का औसत तापमान 10°C से कम और सबसे ठंडे महीने का औसत तापमान -3°C से कम रहता है।
(v)बर्फीली जलवायु, जहाँ सबसे गर्म महीने का औसत तापमान 10°C से कम रहता है।
अतः विकल्प (b) सही है।
उत्तर-5 : (d)
व्याख्या :
अक्तूबर और नवंबर माह को मानसून के निवर्तन के लिये जाना जाता है। सितंबर के अंत में दक्षिण-पश्चिम मानसून कमज़ोर होने लगता है क्योंकि सूर्य के दक्षिणायन होने की स्थिति में गंगा के मैदान पर स्थित निम्न वायुदाब की द्रोणी भी दक्षिण की ओर खिसकना आरंभ कर देती है।
- मानसून के निवर्तन की ऋतु में आकाश स्वच्छ हो जाता है और तापमान बढ़ने लगता है। भूमि में अभी भी नमी होती है।
- उच्च तापमान और आर्द्रता के कारण मौसम कष्टकारी हो जाता है। इसे सामान्यतया ‘‘कार्तिक मास की ऊष्मा’’ कहा जाता है। अत: विकल्प (d) सही है।
- मानसून के निवर्तन की ऋतु में उत्तर भारत में मौसम सूखा होता है, जबकि प्रायद्वीप के पूर्वी भागों में वर्षा होती है। यहाँ अक्तूबर और नवंबर माह वर्ष के सबसे अधिक वर्षा वाले महीने होते हैं।