नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 179

Posted on July 11th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : ‘वैश्विक पर्यावरण सुविधा’ निम्नलिखित में से किसके लिये प्राथमिक वित्तीय तंत्र के रूप में कार्य नहीं करती है ?

 

(a) मरकरी पर मिनामाटा अभिसमय

(b) जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय

(c) आर्द्रभूमि पर रामसर अभिसमय

(d) मरुस्थलीकरण का सामना करने के लिये संयुक्त राष्ट्र अभिसमय

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : निम्नलिखित में से कौन-ंसा/से समझौते/प्रोटोकॉल UNFCCC के तत्त्वावधान में हस्ताक्षरित किये गए हैं ?

  1. क्योटो प्रोटोकॉल
  2. पेरिस समझौता

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेः

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) केवल I और III

(d) केवल II और III

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : कानकुन समझौते के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा जलवायु परिवर्तन की दीर्घकालिक चुनौतियों को सामूहिक एवं व्यापक रूप से समय पर संबोधित करने हेतु महत्त्वपूर्ण निर्णयों का एक समूह है।
  2. यह मरुस्थलीकरण को रोकने हेतु संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन से संबंधित है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) केवल I और III

(d) केवल II और III  

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : निम्नलिखित में से कौन-सी भारत के अभिप्रेत राष्ट्रीय तौर पर निर्धारित योगदान (आई.एन.डी.सी.) की प्रमुख विशेषताएँ है/हैं ?

  1. वर्ष 2005 के स्तर की तुलना में वर्ष 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन गहनता को 33-35% तक कम करना।
  2. वर्ष 2030 तक अतिरिक्त वनों और वृक्ष आवरण के माध्यम से CO2 के समकक्ष 2.5 से 3 बिलियन टन का अतिरिक्त कार्बन सिंक तैयार करना।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) केवल I और III

(d) केवल II और III  

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : हरित जलवायु निधि (GCF) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. GCF विकासशील देशों को उनके ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को सीमित या कम करने तथा जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलन में सहायता करता है।  
  2. इसका गठन ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ (UNFCCC) के पक्षकारों द्वारा वर्ष 2010 में किया गया था।
  3. 2015 में पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर होने के साथ ही GCF को समाप्त कर दिया गया।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?   

(a) केवल I और II

(b) केवल II और III

(c) केवल I

(d) I, II और III

         

उत्तर - ()

 

 

 

 

उत्तरमाला

 

 

 

 

 

उत्तर-1 : (c)         

 

व्याख्या : 

  • वैश्विक पर्यावरणीय सुविधा की स्थापना रियो अर्थ समिट-1992 के दौरान पर्यावरणीय समस्याओं का सामना करने हेतु की गई थी।
  • यह 18 एजेंसियों की एक भागीदारी है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं समेत बहुपक्षीय विकास बैंक, राष्ट्रीय निकाय और अंतर्राष्ट्रीय NGOs  लगभग 183 देशों के साथ मिलकर विश्व की गंभीर पर्यावरणीय समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करते हैं। GEF का संपर्क विश्व के कई सिविल सोसायटी संगठनों और निजी क्षेत्र के साथ भी है।
  • यह 5 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलनों के लिये प्राथमिक वित्तीय तंत्र के रूप में कार्य करता है:

 

  1. जैव विविधता सम्मेलन
  2. यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज
  3. स्टॉकहोम कन्वेंशन ऑन पर्सिस्टेंट आर्गेनिक पॉल्यूटेंट
  4. UN कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेज़र्टिफिकेशन
  5. मिनिमाटा कन्वेंशन ऑन मर्करी

 

अत: (c) सही विकल्प है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-2 : (c)

 

व्याख्या : 

  • यूनाइटेड नेशन्स फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) को 1992 में रियो डी जेनेरियो के यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेंस ऑन अर्थ एंड डेवलपमेंट (UNCED) में (जिसे आमतौर पर अर्थ समिट के नाम से जाना जाता है) हस्ताक्षर के लिये आयोजित किया गया था।

 

क्योटो प्रोटोकॉल: COP-3

  • UNFCCC संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद, संधि के उद्देश्यों की पूर्ति करने के बारे में चर्चा करने के लिये UNFCCC के पक्षकारों ने सम्मेलन किया (COP)। 1995 तक, देशों को यह एहसास हुआ कि कन्वेंशन में उत्सर्जन हेतु कटौती प्रावधान अपर्याप्त थे। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया को मज़बूत करने के लिये वार्ता शुरू की और दो साल बाद क्योटो प्रोटोकॉल को अपनाया।
  • 11 दिसंबर, 1997 को क्योटो, जापान में क्योटो प्रोटोकॉल को अपनाया गया। जटिल अभिपुष्टि प्रक्रिया के कारण, यह 16 फरवरी, 2005 से प्रभाव में आया। क्योटो प्रोटोकॉल ने विकसित देशों के उत्सर्जन लक्ष्य निर्धारित किये हैं जो अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत बाध्यकारी हैं। अतः कथन 1 सही है।
  • क्योटो प्रोटोकॉल के पास दो प्रतिबद्धता अवधियाँ थीं, जिनमें से पहली 2008-2012 तक थी। दूसरी, 2013-2020 तक है और यह प्रोटोकॉल दोहा संशोधन पर आधारित है, जो अभी प्रभाव में नहीं आया है।

 

पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP-21, 2015):

 

  • 2015 में अभिसमय के सभी 196 पक्षकार पेरिस में यूनाइटेड नेशन्स क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस के लिये एक साथ आए और सर्वसम्मति से पेरिस समझौते को अपनाया, जिसका उद्देश्य वैश्विक तापन को दो डिग्री सेल्सियस से कम पर रोकना और इसमें वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के प्रयास शामिल थे। पेरिस समझौता 4 नवंबर, 2016 से प्रभाव में आया था। अतः कथन 2 सही है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-3 : (a)

 

व्याख्या : 

  • संयुक्त राष्ट्र की जलवायु प्रक्रियाओं के संदर्भ में कानकुन समझौतों को एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि माना गया। इन समझौतों के परिणामस्वरूप परिवर्तन हेतु सबसे व्यापक एवं दूरगामी अंतर्राष्ट्रीय अनुक्रिया का आधार तैयार हुआ, जिसे विश्व अभी तक कार्बन उत्सर्जन शमन के लिये देखता आ रहा था। साथ ही एक ऐसा तंत्र निर्मित हुआ जिसने सभी देशों को UNFCCC के तहत एक दूसरे के प्रति जवाबदेह बना दिया ।
  • कानकुन समझौतों में जलवायु परिवर्तन से निपटने में विकासशील देशों की मदद करने के लिये सरकारों द्वारा सहमति बनाने में मदद मिली।
  • इसमें जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनने के लिये तत्काल आवश्यकता पूर्ति वाले देशों को वित्त, प्रौद्योगिकी और क्षमता-निर्माण सहायता प्रदान करने की बात की, साथ ही उत्सर्जन को कम करने के लिये स्थाई मार्ग अपनाने हेतु योजनाओं में तेज़ी लाने पर भी बल दिया गया, ताकि जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकें।
  • 11 दिसंबर, 2010 को मेक्सिको के कानकुन में आयोजित UNFCCC (United Nations Climate Change Conference) के COP16 सम्मेलन में इन समझौतों को अपनाया गया। इन समझौतों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिये योजनाओं को अपनाने और विकासशील राष्ट्रों द्वारा स्वयं को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से सुरक्षित रखने एवं अपने स्थायी भविष्य का निर्माण करने जैसे महत्त्वपूर्ण उपायों पर बल दिया गया।

अतः कथन 1 सही है, जबकि कथन 2 सही नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-4 : (c)

 

व्याख्या : 

  • COP21 की वर्ष 2015 में पेरिस में हुई बैठक में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क सम्मेलन (U.N. Framework Convention on Climate Change-UNFCCC) के तहत पेरिस समझौते पर सहमति व्यक्त की गई।
  • इसमें देशों ने एक नए अंतर्राष्ट्रीय करार, जिसे उनके राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान ( Intended Nationally Determined Contributions-INDCs) के रूप में जाना जाता है, के अंतर्गत वर्ष 2020 के पश्चात् की जलवायु संबंधी कार्रवाईयों की सार्वजनिक रूपरेखा तैयार करने पर सहमति व्यक्त की।
  • राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (INDCs) मोटे तौर पर यह निर्धारित करेंगे कि क्या दुनिया वर्ष 2015 के महत्त्वाकांक्षी समझौते के लक्ष्य को प्राप्त कर पाएगी और निम्न-कार्बन, जलवायु-अनुकूल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर पाएगी।
  • भारत ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन समक्ष अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (INDCs) को प्रस्तुत किया है।

 

भारत के अभिप्रेत राष्ट्रीय तौर पर निर्धारित योगदान (आई.एन.डी.सी.) की प्रमुख विशेषताएँ

  • परंपराओं और संरक्षण एवं संयम के मूल्यों के आधार पर जीवन जीने के एक स्वस्थ और स्थायी तरीके को प्रस्तुत तथा प्रसारित करना।
  • आर्थिक विकास के अनुरूप स्तर पर दूसरों द्वारा अपनाए जाने वाले मार्ग का अनुसरण करने की बजाय एक जलवायु अनुकूल और स्वच्छ मार्ग को अपनाना।
  • वर्ष 2005 के स्तर की तुलना में वर्ष 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन गहनता को 33-35% तक कम करना।
  • वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से 40% संचयी विद्युत संस्थापित क्षमता प्राप्त करना, इसके लिये तकनीकी हस्तांतरण और कम लागत पर अंतर्राष्ट्रीय वित्त की उपलब्धता (हरित जलवायु कोष सहित) सुनिश्चित कराई जाए।
  • वर्ष 2030 तक अतिरिक्त वनों और वृक्ष आवरण के माध्यम से CO2 के समकक्ष 2.5 से 3 बिलियन टन का अतिरिक्त कार्बन सिंक तैयार करना।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-5 : (a)

 

व्याख्या : 

  • द ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) एक नया वैश्विक फंड है जो विकासशील देशों द्वारा जलवायु परिवर्तन की चुनौती पर प्रतिक्रिया देने के प्रयासों को समर्थन देने के लिये बनाया गया है। अत: कथन 1 सही है।
  • यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति विशेष रूप से सुभेद्य देशों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, कम उत्सर्जन और जलवायु-प्रत्यास्थ विकास की तरफ रुख करने को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
  • इसे 2010 में कन्वेंशन के वित्तीय तंत्र के एक भाग के रूप में, 194 देशों द्वारा स्थापित किया गया था जो संयुक्त राष्ट्र के फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के पक्षकार थे। अत: कथन 2 सही है।
  • इसका मार्गदर्शन कन्वेंशन के सिद्धांतों और प्रावधानों द्वारा किया जा रहा है, तथा इसका लक्ष्य शमन और अनुकूलन के लिये बराबर मात्रा में वित्तपोषण प्रदान करना है।
  • जब 2015 में पेरिस समझौते की अवधि समाप्त हो गई थी तो ग्रीन क्लाइमेट फंड द्वारा समझौते को कायम रखने और जलवायु परिवर्तन को 2 डिग्री सेल्सियस से कम रखने के लक्ष्य की पूर्ति में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई गई थी। अत: कथन 3 सही नहीं है। इस फण्ड में निवेश अनुदान, ऋण, इक्विटी या गारंटी के रूप में किया सकता है।