नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 174

Posted on July 1st, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : ‘हरी खाद’ (Green Manuring) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है ?

 

(a) हरी खाद डालने का उद्देश्य मृदा में जैव पदार्थों की वृद्धि करना है।

(b) यह खेतों में उगे हुए हरे पौधों को जोतने की प्रक्रिया है।

(c) इसके अंतर्गत पेड़ों और झाड़ियों से एकत्रित की गई हरी पत्तियाँ और नई टहनियाँ मृदा में मिला दी जाती हैं।  

(d) उपर्युक्त सभी।

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : निम्नलिखित में से कौन-सा मिश्रित खेती का उदाहरण है ?

 

(a) एक ही खेत में दलहन के साथ-साथ गेहूँ का उत्पादन

(b) एक ही खेत में चने के साथ-साथ धान का उत्पादन।

(c) पशुधन पालन के साथ-साथ गेहूँ का उत्पादन।

(d) एक ही खेत में एक वर्ष में एकाधिक फसलों का उत्पादन।

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : निम्नलिखित में से कौन-ंसे फसल चक्रण के लाभ हैं ?

  1. उर्वरकों की कम आवश्यकता
  2. मृदा उर्वरता में सुधार  
  3. गोलकृमि की संख्या में कमी
  4. खरपतवार में कमी

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेः   

(a) केवल I और II

(b) केवल I, II और III

(c) केवल III और IV

(d) I, II, III और IV

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : अम्ल वर्षा केवल स्थलीय और जलीय जीवन के लिये ही हानिकारक नहीं है बल्कि यह मृदा को भी अनुपजाऊ बना देती है। इस संदर्भ में मृदा पर अम्ल वर्षा के प्रभाव के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. मृदा में हाइड्रोजन आयन और पोटेशियम तथा मैग्नेशियम जैसे पोषक तत्त्वों के आदान-प्रदान के कारण पोषक तत्त्वों का निक्षालन होता है, जिससे मृदा अनुपजाऊ हो जाती है। 
  2. अन्य पोषक तत्त्वों में वृद्धि के कारण मृदा में अमोनिया की कमी से अपघटन की दर कम हो जाती है।
  3. भारत में मृदा पर अम्ल वर्षा का प्रभाव कम है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं ? 

(a) केवल II

(b) केवल I और II

(c) केवल I और III  

(d) I, II और III   

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : मृदा प्रदूषण पर वैश्विक संगोष्ठी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. मृदा प्रदूषण पर वैश्विक संगोष्ठी (GSOP18) का आयोजन मई 2018 में FAO मुख्यालय में किया जाएगा।
  2. IMF ने बेसल, रॉटरडम और स्टॉकहोम सम्मेलनों के सचिवालयों के साथ मृदा प्रदूषण पर एक संयुक्त रूप से संगठित वैश्विक संगोष्ठी के आयोजन पर सहमति व्यक्त की है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?   

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं

         

उत्तर - ()

 

 

 

 

उत्तरमाला

 

 

 

 

 

उत्तर-1 : (d)         

 

व्याख्या : 

  • हरी खाद उस सहायक फसल को कहते हैं जिसकी खेती मुख्यत: भूमि में पोषक तत्त्वों को बढ़ाने तथा उसमें जैविक पदार्थों की पूर्ति करने के उदेश्य से की जाती है। प्राय: इस तरह की फसल को हरी स्थिति में ही हल चलाकर मिट्टी में मिला दिया जाता है। मृदा के लगातार दोहन से उसमें पोषक तत्त्वों की क्षतिपूर्ति के लिये हरी खाद एक उत्तम विकल्प है। इसका उद्देश्य मृदा में जैविक पदार्थों की पूर्ति करना और भूमि में नाइट्रोजन उपलब्ध करवाना है। अत: कथन (a), (b) और (c) तीनों सही हैं।

हरी खाद दो तरह से बनाई जा सकती है-

स्व-स्थाने (in-situ) हरी खाद- इसमें हरी खाद वाली फसल को खेत में प्रमुख फसल के रूप में या मुख्य फसल की सहायक फसल के रूप में उगाया जाता है और उसी खेत में मृदा में मिला दिया जाता है। उदाहरण- सनई, लोबिया उड़द, मूंग, ग्वार आदि।

हरी पत्तियों की खाद- पेड़ों और आस-पास की झाड़ियों की टूटी पत्तियों और टहनियों को इकठ्ठा कर मृदा में मिलाकर यह खाद तैयार की जाती है। जैसे-ढैंचा, करंज आदि।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-2 : (c)

 

व्याख्या : 

मिश्रित खेती ऐसी खेती है जिसमें फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुधन पालन का संयोजन किया जाता है। पशुधन उद्यम फसल उत्पादन के लिये पूरक के तौर पर कार्य करता है ताकि खेती की एक संतुलित और उत्पादक व्यवस्था बनाई जा सके। मिश्रित खेती में सकल आय का कम-से-कम 10% पशुधन पालन से आना चाहिये। अतः (c) सही उत्तर है।

 

लाभ:

 

  1. यह खेती व्यवसाय पर उच्चतम रिटर्न प्रदान करती है, क्योंकि खेत के उप-उत्पादों का सही उपयोग हो पाता है।
  2. यह पूरे वर्ष काम प्रदान करती है।
  3. भूमि, श्रम, उपकरण और अन्य संसाधनों का कुशल उपयोग हो पाता है।
  4. पुआल, चारा आदि जैसे उत्पादों का इस्तेमाल पशुओं को खिलाने के लिये किया जाता है और बदले में वे दूध प्रदान करते हैं।
  5. पशुधन से उपलब्ध खाद, मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखती है।
  6. यह परिवार के सदस्यों की सभी खाद्य ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है।
  7. गहन खेती संभव होती है।
  8. यदि आय का एक स्रोत खत्म हो जाता है तो वह दूसरे स्रोत से अपने परिवार का पालन कर सकता है।
  9. मिश्रित खेती से किसान की सामाजिक स्थिति बेहतर होती है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-3 : (d)

 

व्याख्या : 

  • फसल चक्रण एक हज़ार साल पुरानी तकनीक है जो कि पर्यावरण, मृदा सुधार और अन्य कई चीज़ों के लिये सहायक साबित हुई है। यह एक ही क्षेत्र में और अनुक्रमिक ऋतुओं में विभिन्न फसलों या विभिन्न प्रकार की फसलों के उत्पादन को संदर्भित करता है। फसल चक्रण का सिद्धांत मृदा के स्वास्थ्य को प्रभावित किये बिना भूमि की प्रत्येक इकाई से अधिकतम लाभ प्राप्त करना है। उदाहरणत: चावल लाल चने केले।

 

फसल चक्रण के फायदे:

  • यह मृदा के अपक्षय को रोकता है और अपरदन कम करता है।
  • यह मिट्टी की उर्वरता बनाए रखता है और उसमें सुधार भी करता है।
  • यह कीट तथा घुन पर नियंत्रण करता है। कीटों को नियंत्रित करने के साधन के रूप में फसल चक्रण करना तब सबसे प्रभावी होता है जब फसल लगाए जाने से पहले कीट मौजूद होते हैं, वे कई तरह की फसलों पर हमला नहीं करते हैं; केवल वार्षिक/द्विवार्षिक फसलों को प्रभावित करते हैं और उनमें एक खेत से दूसरे खेत तक उड़ान भरने की क्षमता नहीं होती है।
  • यह कृत्रिम रसायनों पर निर्भरता को कम करता है।
  • रोगों का निवारण करता है।
  • खरपतवार के नियंत्रण में मदद करता है।
  • एक ऋतु से अगली ऋतु तक आर्द्रता का संरक्षण करता है।

अतः सभी सही हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-4 : (c)

 

व्याख्या : 

  • मृदा में हाइड्रोजन आयनों और पोटैशियम तथा मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्त्वों के बीच आदान- प्रदान से पोषक तत्त्वों का निक्षालन होता है, जिससे मृदा अनुपजाऊ हो जाती है। इसके साथ ही मृदा में जीवों के श्वसन में कमी हो जाती है। अत: कथन 1 सही है।
  • अन्य पोषक तत्त्वों में कमी के कारण मृदा में अमोनिया की वृद्धि से अपघटन की दर घट जाती है। मृदा में नाइट्रेट का स्तर भी कम पाया जाता है। अत: कथन 2 सही नहीं है।
  • मृदा पर अम्ल वर्षा का प्रभाव भारत में कम है क्योकि अधिकांश भारतीय मृदाएँ अच्छी प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ क्षारीय होती है। अत: कथन 3 सही है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-5 : (a)

 

व्याख्या : 

  • मृदा प्रदूषण पर वैश्विक संगोष्ठी (GSOP18) का आयोजन 2 से 4 मई तक FAO के मुख्यालय में होगा। अत: कथन 1 सही है।
  • संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि परिषद (FAO) और इसकी वैश्विक मृदा समिति (GSP), मृदा पर अंतरसरकारी तकनीकी समिति (ITPS) के साथ-साथ बासेल, रॉटरडैम और स्टॉकहोम सम्मेलनों, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सचिवों ने एक सार्वजनिक मंच के रूप में मृदा प्रदूषण पर वैश्विक संगोष्ठी के आयोजन को सहमति दी। अत: कथन 2 सही नहीं है।
  • इसका उद्देश्य मृदा प्रदूषण और मानव स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण पर इसके खतरनाक परिणामों की स्थिति, प्रवृत्ति तथा कार्यवाहियों (वैज्ञानिक तथा राजनीतिक दोनों) पर विचार-विमर्श करना तथा नवीनतम जानकारी प्रस्तुत करना है।
  • यह संगोष्ठी सतत् विकास लक्ष्य के अनुसार स्वस्थ मृदा और खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिये मृदा में हानिकारक पदार्थों को रोकने और कम करने के संदर्भ में निरंतर मृदा प्रबंधन के लिये स्वैच्छिक दिशा-निर्देशों को लागू करने के क्रम में पहला कदम है।
  • विशेष रूप से, संगोष्ठी के परिणामों को खाद्य सुरक्षा और पोषण तथा पारिस्थितिक तंत्र सेवाओं के लिये मृदा प्रदूषण को रोकने और प्रदूषित स्थलों के पुनर्निर्माण को बढ़ावा देने के लिये किये गए कार्यों और फैसलों का समर्थन करने हेतु वैज्ञानिक प्रमाण प्रदान करना चाहिये।