नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 170

Posted on June 25th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : अलाउद्दीन हसन बहमन शाह के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

  1. वह बहमनी साम्राज्य का संस्थापक था। 
  2. उसने मांडु को अपनी राजधानी बनाया और यहाँ कई शानदार इमारतों का निर्माण करवाया।
  3. उसने देश को चार प्रांतों में (प्रत्येक एक राज्यपाल के अधीन) विभाजित किया, जिन्हें ‘तरफ’ नाम दिया गया।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:   

(a) केवल I

(b) केवल I और III

(c) केवल II और III  

(d) I, II और III

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : ‘दिल्ली सल्तनत के प्रशासन’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

  1. ‘बंदगान’ उच्च परिवार में जन्मे और अभिजात वर्ग के कुलीन जनों को दी जाने वाली उपाधि थी। 
  2. खिलजियों और तुगलकों दोनों ने बंदगानों को सेनापति और राज्यपाल के रूप में उच्च राजनीतिक पदों पर नियुक्त किया।
  3. नए सम्राट के आरोहण से प्राय: पुराने और नए कुलीन वर्गों के मध्य संघर्ष देखने को मिलता था।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:   

(a) केवल I

(b) केवल I और III

(c) केवल II और III  

(d) I, II और III

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : ‘दिल्ली सल्तनत’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

  1. सैन्य कमांडरों को राज्यक्षेत्रों के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया और उन्हें प्रबंधन के लिये भूमि सौंपी गई।
  2. भूमि को ‘इक्ता’ कहा जाता था तथा उसके धारक को ‘मुक्ति’ कहा जाता था।

नीचे दिये गए कूटों का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:   

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : दिल्ली सल्तनत की कर संरचना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

  1. अलाउद्दीन खिलजी ने स्थानीय सरदारों से कर लगाने के अधिकार वापस ले लिये थे। 
  2. खेती पर लगने वाले करों को ‘खराज’ कहा जाता था, यह किसानों के उत्पादन का लगभग 50 प्रतिशत होता था।
  3. तीन प्रकार के कर थे- खेती पर लगने वाला कर तथा मवेशियों व घरों पर लगने वाले कर।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल I

(b) केवल I और III

(c) केवल II और III  

(d) I, II और III   

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : विजयनगर साम्राज्य में ‘अमर नायक’ का संबंध निम्नलिखित में से किससे है ?

 

(a) राज्यक्षेत्र को शासित करने वाले सेनानायक।

(b) विशेष श्रेणी के योद्धा जो केवल मंदिरों की सुरक्षा करते थे।

(c) भारतीय राजाओं के राजदूत।

(d) कृष्णदेव राय द्वारा लिखी गई एक पुस्तक। 

         

उत्तर - ()

 

 

 

 

उत्तरमाला

 

 

 

 

 

उत्तर-1 : (b)         

 

व्याख्या : 

 अलाउद्दीन हसन बहमन शाह

  • अलाउद्दीन हसन बहमन शाह बहमनी साम्राज्य का संस्थापक था। वह बहमनी और इस्फांदर के ईरानी वंश के काकुडियों के फारसी शासक परिवार का वंशज था, जो कि बहमन गौर तक शासन करते थे। अत: कथन 1 सही है।
  • अलाउद्दीन हसन, गजनाह से भारत चला गया, जो तब खुरासान का एक प्रांत था, जहाँ उसने 1357 में तुगलक साम्राज्य के विघटन के बाद एक नया वंश स्थापित किया। उसने ईरान की ‘बहमन’ राजवंशीय उपाधि ग्रहण की, इसलिये उसका उपनाम ‘बहमन शाह’ पड़ा और उसके वंश को बहमनी कहा गया।
  • अलाउद्दीन हसन बहमन शाह ने अपनी राजधानी के रूप में गुलबर्गा को चुना। उसने राजधानी में कई खूबसूरत इमारतों का निर्माण कराया। अत: कथन 2 सही नहीं है।
  • उसने देश के प्रशासन को एक ठोस आधार देने के लिये उसे चार राज्यों में विभाजित किया जिन्हें ‘तरफ’ कहा गया, इनमें से प्रत्येक राज्य एक राज्यपाल के तहत था। अत: कथन 3 सही है।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-2 : (c)

 

व्याख्या : 

दिल्ली सल्तनत का प्रशासन

  • एक साम्राज्य के रूप में दिल्ली सल्तनत को मज़बूत बनाने के लिये विश्वसनीय राज्यपालों और प्रशासकों की आवश्यकता थी। सामंतों और ज़मींदारों की बतौर राज्यपाल नियुक्ति करने के बजाय, दिल्ली के शुरुआती सुल्तानों, विशेष रूप से इल्तुतमिश ने सैन्य कार्यों के लिये खरीदे गए विशेष दासों का समर्थन किया, जिन्हें फारसी में बंदागन (Bandagan) कहा जाता था। उन्हें राज्य में कुछ महत्त्वपूर्ण राजनीतिक कार्यालयों की देखरेख के लिये सावधानीपूर्वक प्रशिक्षित किया गया था। चूँकि वे पूरी तरह से अपने मालिक पर निर्भर थे, अत: सुल्तान को उन पर पूरा विश्वास और भरोसा था। अत: कथन 1 सही नहीं है।
  • खिलजी और तुगलक निम्न वर्ग में जन्मे बंदागन का इस्तेमाल करते रहे और उन्हें उच्च राजनीतिक पदों पर नियुक्त किया। उन्हें जनरल और गवर्नर नियुक्त किया गया। हालाँकि, इसकी वज़ह से राजनीतिक अस्थिरता का तत्त्व सामने आया। दास और असामी (जो किसी दूसरे की सुरक्षा में होता है) अपने स्वामी और संरक्षक के प्रति तो वफादार थे, लेकिन उनके उत्तराधिकारियों के प्रति वफादार नहीं थे। नए सुल्तानों के अपने स्वयं के नौकर-चाकर थे। नतीजतन, किसी नए शासक के आगमन पर अक्सर पुराने और नए कुलीनों के बीच संघर्ष देखा जाता था। दिल्ली के सुल्तानों द्वारा इन निम्न वर्गों में जन्मे लोगों को दिये गए संरक्षण ने भी कई कुलीनों को झटका दिया और फारसी तवारीख के लेखकों ने दिल्ली के सुल्तानों द्वारा उच्च पदों पर निम्न वर्गों के लोगों की नियुक्ति की आलोचना की। अत: कथन 2 और 3 सही हैं।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-3 : (c)

 

व्याख्या : 

खिलजी और तुगलक साम्राज्यों ने विभिन्न आकार के क्षेत्रों में राज्यपालों के रूप में सैन्य कमांडरों को नियुक्त किया। इन क्षेत्रों को ‘इक्ता’ कहा जाता था और उनके धारक को इक्तादार या मुक्ति (Muqti) कहा जाता था। इन इक्तादारों का काम सैन्य अभियानों का नेतृत्व करना और अपने क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था बनाए रखना था। अपनी सैन्य सेवाओं के बदले में इक्तादारों द्वारा वेतन के रूप में राजस्व एकत्र किया जाता था। इसी राजस्व से वे अपने सैनिकों को भी भुगतान करते थे। यदि उनकी नियुक्ति वंशानुगत नहीं होती थी या उनको कुछ ही समय के लिये ‘इक्ता’ सौंपी जाती थी तो इक्ताओं पर नियंत्रण सर्वाधिक प्रभावी होता था। अत: कथन 1 और 2 सही हैं।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-4 : (d)

 

व्याख्या : 

जैसे-जैसे दिल्ली के सुल्तानों ने शहरों के आंतरिक क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में लिया, उन्होंने ‘सामंत अभिजात’ जैसे ज़मींदारों के सामंतों और अमीर ज़मींदारों को अपनी अधीनस्थता स्वीकार करने के लिये विवश किया।

  • अलाउद्दीन खिलजी शासन में भू-राजस्व का आकलन और संग्रह राज्य ने अपने नियंत्रण में ले लिया। करारोपण के लिये स्थानीय सामंतों के अधिकार रद्द कर दिये गए और उन्हें करों का भुगतान करने के लिये भी मजबूर किया गया। अत: कथन 1 सही है।
  • सुल्तान के प्रशासन ने ज़मीन को मापा और सावधानीपूर्वक उनका विवरण रखा। कुछ पुराने सामंतों और ज़मींदारों ने सल्तनत के राजस्व संग्रहणकर्त्ताओं और मूल्यांकनकर्त्ताओं के रूप में सेवा की। तीन प्रकार के कर लगाए जाते थे -1. खेती पर लगने वाले कर को ‘खराज’ कहा जाता था, जिसकी मात्रा किसानों के उत्पाद का लगभग 50 प्रतिशत थी, 2. मवेशियों पर कर और (3) गृहकर। अत: कथन 2 और 3 सही हैं।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-5 : (a)

 

व्याख्या : 

‘अमर-नायक प्रणाली’ विजयनगर साम्राज्य की एक बड़ी और नवीन राजनैतिक प्रक्रिया थी। इस प्रणाली में दिल्ली सल्तनत की इक्ता व्यवस्था के गुण विद्यमान थे। अमर-नायक ऐसे सेनानायक होते थे जिनको रायों द्वारा शासन के लिये क्षेत्र दिया जाता था। वे उस क्षेत्र के किसानों, शिल्पकारों और व्यापारियों से कर तथा अन्य बकाया वसूल करते थे। वे अपने व्यक्तिगत प्रयोग तथा घोड़ों और हाथियों वाले सैन्य दलों के प्रबंधन के लिये राजस्व का हिस्सा अपने पास रखते थे। इस प्रकार के सैन्य दल विजयनगर के राजाओं को एक प्रभावी और लड़ाकू सैन्य शक्ति प्रदान करते थे जिसकी सहायता से उन्होंने संपूर्ण दक्षिणी प्रायद्वीप को अपने नियंत्रण में कर लिया था। राजस्व के कुछ भाग का इस्तेमाल मंदिरों के रख-रखाव और सिंचाई कार्यों के लिये भी किया जाता था। ‘अमर-नायक’ राजा को वार्षिक भेंट भेजते थे और व्यक्तिगत रूप से राजा के सामने अपनी वफादारी व्यक्त करने के लिये उपहारों के साथ शाही दरबार में प्रस्तुत भी होते थे। समय-समय पर राजा उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करके उनके ऊपर अपने नियंत्रण का दावा करता था। अत: विकल्प (a) सही है।