नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 171

Posted on June 26th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : मुगल काल में कोर्निश शब्द किससे संबंधित था ?

(a) औपचारिक अभिवादन का एक तरीका, जिसमें दरबारी दाएँ हाथ की तलहथी को ललाट पर रखकर आगे की ओर सिर झुकाते थे।

(b) यह अभिवादन का एक तरीका है, जो हाथ को जमीन पर रखने से शुरू होता है। इसमें तलहथी ऊपर की ओर होती है। इसके बाद हाथ को धीरे-धीरे उठाते हुए व्यक्ति खड़ा होता है तथा तलहथी को सिर के ऊपर रखता है।

(c) शब-ए-बारात हिजरी कैलेंडर के आठवें महीने अर्थात चौदहवें सावन को पड़ने वाली पूर्णचंद्र रात्रि है।  

(d) इसमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये -

  1. अमिल : दिल्ली के सुल्तानों के अधीन एक इक्ता धारक 
  2. देशपांडे : पश्चिमी भारत और दक्कन में ग्राम लेखाकार
  3. खराज : मध्यकालीन भारत के मुस्लिम शासित राज्यों में भू-राजस्व

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं ?   

(a) केवल III

(b) केवल II

(c) केवल II और III  

(d) I, II और III

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. श्री कृष्णदेव राय की अमुकतमयदा बुक्का प्रथम के शासनकाल के दौरान मदुरई की कम्पना (Kampana) विजय से संबंधित है।
  2. अल्लासानी पेद्दाना की मनु चरित्र सलुव राजवंश की एक ऐतिहासिक प्रशस्ति थी।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?   

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : संत रविदास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. वह रामानंद के शिष्य थे। 
  2. वह एक मोची के पुत्र थे। 
  3. उनके संप्रदाय को निमंदी के रूप में जाना जाता है।
  4. उन्होंने भजन लिखे और उनकी कुछ कविताएँ 'आदि ग्रंथ' में शामिल की गईं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं ? 

(a) केवल I और III

(b) केवल II और III

(c) केवल I, II और IV  

(d) I, II, III और IV   

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. नंद ऋषि, मुस्लिम सूफी कवि थे जिन्होंने ऋषियों के आदेश की स्थापना की। 
  2. महात्मा गांधी ने अपकी प्रार्थना सभाओं में नरसिंह मेहता के भजन का उपयोग किया, जो मध्यकाल के संत कवि थे।
  3. दासबोध, निंबार्क के लेखन और उपदेशों का संकलन था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?   

(a) केवल I और II

(b) केवल II और III

(c) केवल I और III  

(d) I, II और III

         

उत्तर - ()

 

 

 

 

उत्तरमाला

 

 

 

 

 

उत्तर-1 : (a)         

 

व्याख्या : 

  • कोर्निश औपचारिक अभिवादन का एक ऐसा तरीका था जिसमें दरबारी दाएँ हाथ की तलहथी को ललाट पर रखकर आगे की ओर सिर झुकाते थे। यह इस बात का प्रतीक था कि कोर्निश करने वाला व्यक्ति अपने इंद्रिय और मन के स्थल को हाथ लगाते हुए झुककर विनम्रता के साथ शाही दरबार में अपने को प्रस्तुत कर रहा है। अतः विकल्प (a) सही है।
  • अभिवादन का चार तसलीम तरीका दाएँ हाथ को जमीन पर रखने से शुरू होता है। इसमें तलहथी ऊपर की ओर होती है। इसके बाद हाथ को धीरे-धीरे उठाते हुए व्यक्ति खड़ा होता है तथा तलहथी को सिर के ऊपर रखता है। ऐसी तसलीम चार बार की जाती है। तसलीम का शाब्दिक अर्थ आत्मनिवेदन है।
  • शब-ए-बारात हिजरी कैलेंडर के आठवें महीने अर्थात चौदहवें सावन को पड़ने वाली पूर्णचंद्र रात्रि है। भारतीय उपमहाद्वीप में प्रार्थनाओं और आतिशबाजियों के खेल द्वारा इस दिन को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस रात मुसलमानों के लिये आगे आने वाले वर्ष का भाग्य निर्धारित होता है और पाप माफ कर दिये जाते हैं।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-2 : (a)

 

व्याख्या : 

  1. अमिल/आमिल: - मध्ययुगीन काल और प्रारंभिक ब्रिटिश काल के दौरान राजस्व संग्राहकों के लिये प्रयोग किया जाने वाला सामान्य नाम।
  2. इक्तादार: - दिल्ली के सुल्तानों के अधीन एक इक्ता धारक, जिसे मुक्ती के नाम से भी जाना जाता था।
  3. देशपांडे: - पश्चिमी भारत और डेक्कन में ज़िला या उप-ज़िला स्तर पर राजस्व संग्रह के वंशानुगत लेखाकार।
  4. कुलकर्णी- पश्चिमी भारत और दक्कन में ग्राम लेखाकार।
  5. खराज: - मध्यकालीन भारत के मुस्लिम शासित राज्यों में भू-राजस्व। अतः विकल्प (a) सही है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-3 : (d)

 

व्याख्या : 

  • श्री कृष्णदेव राय की अमुकतमयदा (Amuktamalyada) हमें विजयनगर के शासकों की राजनीति और राजनीतिक विचारों के बारे में जानने में सक्षम बनाती है। अत: कथन 1 सही नहीं है।
  • अल्लासानी पेद्दाना की मनु चरित्र हमें विजयनगर साम्राज्य की सामाजिक स्थितियों विशेष रूप से जाति व्यवस्था, की विस्तृत जानकारी देती है। अत: कथन 2 सही नहीं है।
  • गंगा देवी [कुमरा कांपना (बुक्का 1 के पुत्रों में से एक) की पत्नी],की मधुरविजयम, बुक्का प्रथम के शासनकाल के दौरान मदुरई की कम्पना (Kampana) विजय से संबंधित है।
  • गंगाधारा की गंगादास प्रलाप विलासम, एक समकालीन नाटक, देव राय द्वितीय की मृत्यु के बाद बहमनियों और उड़ीसा के गजपतियों द्वारा विजयनगर की घेराबंदी से संबंधित है।
  • राजनाथ दिन्दिमा का सलुभ्युदयम् सलुव राजवंश की एक ऐतिहासिक प्रशस्ति थी।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-4 : (c)

 

व्याख्या : 

  • गुरु रविदास 14वीं शताब्दी के एक संत और उत्तर-भारत में भक्ति आंदोलन के सुधारक थे। वह वाराणसी के रहने वाले थे।
  • वह रामानंद के शिष्य और महान वैष्णव थे।अत: कथन 1 सही है।
  • गुरु रविदास एक मोची के पुत्र थे, उन्होंने एक ईश्वर में आस्था और अपनी निष्पक्ष धार्मिक कविताओं के कारण प्रसिद्धि प्राप्त की। उनके शिष्यों में मीराबाई भी शामिल थीं। अत: कथन 2 सही है।
  • उनके संप्रदाय को सदनामी के रूप में जाना जाता है और यह पंथ मूर्तिपूजा को प्रतिबंधित करता है। मथुरा क्षेत्र में निम्बार्क ने निमंदी संप्रदाय की स्थापना की थी। अत: कथन 3 सही नहीं है।
  • उन्होंने भक्तिपूर्ण भजन लिखे, जिसने हिंदी साहित्य को बहुत प्रभावित किया। उनके भक्ति गीतों ने भक्ति आंदोलन पर एक त्वरित प्रभाव डाला और उनकी लगभग 41 कविताओं को सिखों की धार्मिक पुस्तक 'आदि ग्रंथ' में शामिल किया गया। अत: कथन 4 सही है।
  • रविदास ने अपना पूरा जीवन जाति व्यवस्था के उन्मूलन के लिये समर्पित किया और खुले तौर पर एक ब्राह्मणवादी समाज (जहाँ ब्राह्मणों को श्रेष्ठ प्राणी के रूप में देखा जाता है) की धारणा की निंदा की।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-5 : (a)

 

व्याख्या : 

  • नंद ऋषि - नूरुद्दीन एक मुस्लिम सूफी कवि थे जिन्हें नंद ऋषि कहा जाता था। उन्होंने ऋषियों के आदेश की स्थापना की और उन्हें कश्मीरी मुसलमानों का संरक्षक संत कहा जाता है। ऋषिनामा और नुरनामा ने उनकी कविताओं का पाठ किया। अत: कथन 1 सही है।
  • नरसिंह मेहता - वह पंद्रहवीं शताब्दी के एक संत कवि थे, जिन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के लिये भजन गाए। वह एक महान गुजराती साहित्यकार थे। उनके भजनों का इस्तेमाल गांधी ने उनकी प्रार्थना सभाओं में किया। अत: कथन 2 सही है।
  • निम्बार्क - वे 11वीं शताब्दी के वैष्णव दार्शनिक और रहस्यवादी थे। उन्होंने मथुरा क्षेत्र में निमंदी संप्रदाय की स्थापना की। उनकी एकमात्र रचना दासलोक है। दासबोध, रामदास के लेखन और उपदेशों का संकलन है। अत: कथन 3 सही नहीं है।