नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 166
Posted on June 20th, 2019 | Create PDF File
प्रश्न-1 : निर्वाचन आयोग के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों को समान वेतन प्राप्त होता है और उनकी शक्तियाँ भी एक समान होती हैं।
- मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों को ठीक उसी तरीके से पद से हटाया जा सकता है, जिस तरीके से उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
प्रश्न-2 : ‘संघ लोक सेवा आयोग’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
- संविधान ने आयोग के लिये नौ सदस्य और एक अध्यक्ष की सदस्य संख्या निर्धारित की है।
- आयोग के आधे सदस्य ऐसे व्यक्ति होने चाहियें जो कम-से-कम 10 वर्षों तक संघ सरकार या किसी राज्य सरकार में किसी पद पर रहे हों।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
प्रश्न-3 : भारत के महान्यायवादी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- उसके पास वही योग्यताएँ होनी चाहिये जो लोकसभा का सदस्य बनने के लिये आवश्यक होती हैं।
- उसे उसी रीति से पद से हटाया जा सकता है जिस रीति से उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
प्रश्न-4 : भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें -
- इसका कार्यकाल 6 साल या 65 वर्ष (जो भी पहले हो) का होता है।
- उसे उसी रीति से पद से हटाया जा सकता है जिस रीति से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
प्रश्न-5 : संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग (JSPSC) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं ?
- JSPSC के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति संबंधित राज्यों के राज्यपालों द्वारा सर्वसम्मति से की जाती है।
- JSPSC के सदस्य छह साल की अवधि के लिये या 62 साल की उम्र होने (जो भी पहले हो) तक पद धारण करते हैं।
- वे अपनी वार्षिक कार्य-निष्पादन रिपोर्ट संबंधित राज्यों के राज्यपालों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल I
(b) केवल I और II
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर - ()
उत्तरमाला
उत्तर-1 : (a)
व्याख्या :
- संविधान के अनुच्छेद 324 में यह व्यवस्था की गई है कि संसद, राज्य विधायिकाओं, भारत के राष्ट्रपति और भारत के उपराष्ट्रपति पद के चुनावों का पर्यवेक्षण, दिशा और नियंत्रण की शक्ति चुनाव आयोग में निहित होगी।
- चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त शामिल होंगे, जैसा कि राष्ट्रपति समय-समय पर तय कर सकते हैं।
- मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्तों की शक्तियाँ समान हैं और उन्हें समान वेतन, भत्ते और अन्य लाभ प्राप्त होते हैं, जो कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर होते हैं। मतभेद होने पर मामला बहुमत से तय किया जाता है।
अत: कथन 1 सही है।
- केवल मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल सुनिश्चित होता और उन्हें हटाने की प्रक्रिया ठीक वैसी ही होती है, जैसी किसी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की होती है। मुख्य चुनाव आयुक्त की सिफारिश पर चुनाव आयुक्तों को पद से हटाया जा सकता है।
अत: कथन 2 सही नहीं है।
उत्तर-2 : (b)
व्याख्या :
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission– UPSC) भारत की केंद्रीय भर्ती एजेंसी है। यह एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है। संविधान के भाग XIV (14) में अनुच्छेद 315 से 323 के तहत इसके गठन, नियुक्ति तथा इसके सदस्यों को पद से हटाये जाने के साथ ही इसकी स्वतंत्रता, शक्तियों और कार्यों से संबंधित विस्तृत प्रावधान दिये गए है।
गठन
- UPSC के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। संविधान में इसके सदस्यों की संख्या का उल्लेख नहीं है। इसका निर्णय राष्ट्रपति के स्वविवेक पर छोड़ा गया है जो आयोग की संरचना निर्धारित करता है। सामान्यत: आयोग में अध्यक्ष सहित 9 से 11 सदस्य होते हैं। अत: कथन 1 सही नहीं है।
- आयोग की सदस्यता के लिये किसी योग्यता का निर्धारण नहीं किया गया है किंतु इसके आधे सदस्यों को केंद्र सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी पद पर कार्य करने का कम-से-कम 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिये। संविधान राष्ट्रपति को आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की सेवा शर्तों को निर्धारित करने के लिये अधिकृत करता है। अत: कथन 2 सही है।
- आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) तक होता है। हालाँकि, वे राष्ट्रपति को त्यागपत्र सौंप कर अपना पद किसी भी समय त्याग सकते हैं। संविधान में दिये गए तरीके के अनुसार उन्हें कार्यकाल पूरा होने से पहले भी हटाया जा सकता है।
उत्तर-3 : (c)
व्याख्या :
भारत के संविधान के अनुच्छेद 76 के अनुसार, राष्ट्रपति, उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिये अर्हित किसी व्यक्ति को भारत का महान्यायवादी नियुक्त करेगा। अर्थात,
- वह भारत का नागरिक होना चाहिये, और
- (ii)उसके पास पाँच साल तक उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में या दस साल तक किसी उच्च न्यायालय में वकील के रूप में कार्य करने का अनुभव होना चाहिये।
अत: कथन 1 सही नहीं है।
- महान्यायवादी के पद के कार्यकाल को भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित नहीं किया गया है। संविधान में उसे हटाने के लिये प्रक्रिया और आधार उल्लेखित नहीं है। महान्यायवादी, राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है। (अनुच्छेद 76 (4))
- इसका अर्थ है कि उसे किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है। वह राष्ट्रपति को अपना त्याग-पत्र देकर कार्यालय छोड़ सकता है। परंपरागत रूप से, जब सरकार (मंत्रिपरिषद) त्याग-पत्र देती है या सरकार बदल जाती है, तब वह इस्तीफा दे देता है, क्योंकि वह उसी सरकार की सलाह पर नियुक्त किया जाता है।
अत: कथन 2 सही नहीं है।
भारत के महान्यायवादी के कर्त्तव्य और कार्य:
- महान्यायवादी, राष्ट्रपति द्वारा उसे भेजे या आवंटित किये जाने वाले कानूनी मामलों पर भारत सरकार को सलाह देता है।
- वह भारत सरकार से जुड़े मामलों में उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष प्रस्तुत होता है।
- उसे देश के सभी न्यायालयों में उपस्थित होने का अधिकार होता है। वह संसद और उसकी समितियों की कार्यवाही में भी भाग ले सकता है।
- उसे निजी प्रैक्टिस करने की भी अनुमति होती है, बशर्ते दूसरा वादी ‘राज्य’ न हो।
- संविधान के द्वारा या किसी अन्य कानून के तहत सौंपे गए कृत्यों का निर्वहन करना उसका कर्त्तव्य होता है।
- उसे संसद की कार्यवाही या संयुक्त बैठक और संसद की किसी भी समिति में बिना मताधिकार के बोलने और भाग लेने का अधिकार होता है।
उत्तर-4 : (c)
व्याख्या :
इसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष (जो भी पहले हो) की आयु तक होता है। इससे पहले वह राष्ट्रपति के नाम किसी भी समय अपना त्यागपत्र भेज सकता है। राष्ट्रपति द्वारा इसे उसी तरह हटाया जा सकता है, जैसे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है। दूसरे शब्दों में, संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत के साथ उसके दुर्व्यवहार या अयोग्यता पर प्रस्ताव पास कर उसे हटाया जा सकता है।
अत: कथन 1 और 2 सही है।
उत्तर-5 : (a)
व्याख्या :
- संविधान दो या दो से अधिक राज्यों के लिये संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग (JSPSC) की स्थापना का प्रावधान करता है।
- लोक सेवा आयोग और राज्य लोक सेवा आयोग का गठन जहाँ सीधे संविधान द्वारा किया गया है वहीं, संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग का गठन विधानमंडल के आग्रह से संसद द्वारा किया जाता है।
- इस तरह JSPSC एक सांविधिक निकाय है, न कि संवैधानिक। वर्ष 1966 में पंजाब से पृथक हुए दो राज्यों हरियाणा और पंजाब के लिये अल्पकालीन संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग गठित किया गया था।
- संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, न कि संबंधित राज्य के राज्यपालों द्वारा। अत: कथन 1 सही नहीं है।
- इनका कार्यकाल छ: वर्ष या 62 वर्ष की आयु, जो पहले हो, तक होता है। अत: कथन 2 सही है।
- संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग अपनी वार्षिक प्रगति रिपोर्ट संबंधित राज्यों के राज्यपालों को सौंपता है। प्रत्येक राज्यपाल इसे संबंधित विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत करता है। अत: कथन 3 सही है।