नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 163
Posted on June 7th, 2019 | Create PDF File
प्रश्न-1 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- चेर राजवंश, एक द्रविड़ तमिल राजवंश था।
- चोल साम्राज्य में सूती वस्त्र उद्योग उन्नत था।
- पाण्ड्य राजा रोमन साम्राज्य के साथ व्यापार करते थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल I और III
(b) केवल II
(c) केवल III
(d) I, II और II
उत्तर - ()
प्रश्न-2 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- सातवाहन राजकुल मातृसत्तात्मक था।
- ब्राह्मणों को भूमि अनुदान देने वाले पहले शासक सातवाहन ही हुए।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
प्रश्न-3 : इलाहाबाद स्तंभ अभिलेखों में निम्नलिखित में से कौन सी जानकारियाँ दी गई हैं ?
- समुद्रगुप्त की उपलब्धियाँ
- अशोक का 27वाँ शासन वर्ष
- जहाँगीर का वंश-वृक्ष
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल I और III
(b) केवल II और III
(c) केवल I और II
(d) I, II और III
उत्तर - ()
प्रश्न-4 : गुप्त साम्राज्य के पतन के लिये निम्नलिखित में से कौन से कारण जिम्मेदार हैं ?
- हूणों का आक्रमण
- सामंतों का उदय
- भूमि अनुदान देने की बढ़ती प्रथा
- विदेशी व्यापार में कमी
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल I, II और IV
(b) केवल II, III और IV
(c) केवल I और III
(d) I, II, III और IV
उत्तर - ()
प्रश्न-5 : सातवाहन शासकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- सातवाहनों ने बौद्ध भिक्षुओं को कर-मुक्त गाँव देने की प्रथा शुरू की।
- सातवाहनों ने सबसे पहले सोने के सिक्के जारी किये।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं ?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
उत्तरमाला
उत्तर-1 : (d)
व्याख्या :
- चेर राजवंश ने 300 ई.पू. से 250 ई.पू. तक तमिल साम्राज्य पर शासन किया। उनका राजवंश 300 ई.पू. में समाप्त हो गया।
- चेर राजवंश एक द्रविड़ तमिल राजवंश था जिसने संगम युग से पहले दक्षिणी भारत में शासन किया था। शुरुआती चेरों ने केरल और कोंगु नाडु पर शासन किया। उनकी राजधानी वानी मुथुर थी, जो वर्तमान तमिलनाडु में करूर थी। अतः कथन 1 सही है।
- चोल साम्राज्य जिसे मध्ययुगीन काल में चोलामंडलम (कोरोमंडल) कहा जाता था, पांडियन क्षेत्र के उत्तर-पूर्व में पेन्नार और वेलार नदियों के बीच स्थित था। उनकी राजधानी पहले उरियुर में थी, जो कपास के व्यापार के लिये प्रसिद्ध थी और बाद में पुहार या कावेरीपट्टिरम में स्थानांतरित हो गई। चेर मसालों का व्यापार करते थे और पश्चिम में हाथी दाँत का निर्यात भी करते थे। वे मलमल और रेशम भी पैदा करते थे। अतः कथन 2 सही है।
- उत्तर और दक्षिण के बीच सांस्कृतिक एवं आर्थिक संपर्क, जिसे तमिलकम या तमिझकम के रूप में जाना जाता है, चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से बेहद महत्त्वपूर्ण हो गए।
- रोमन साम्राज्य के साथ समृद्ध व्यापार ने चोलों, चेरों और पांड्यों तीन राज्यों के गठन में योगदान दिया।अतः कथन 3 सही है।
- संगम साहित्य के अनुसार पाण्ड्य काफी उन्नत व समृद्ध थे। इन्होंने रोमन सम्राट ऑगस्टस के दरबार में राजदूत भी भेजे।
उत्तर-2 : (b)
व्याख्या :
- नाम के आगे माता का नाम लगाने से सातवाहन राजकुल के मातृसत्तात्मक होने का आभास मिलता है। वास्तव में सातवाहन राजकुल पितृसत्तात्मक ही था क्योंकि राजसिंहासन का उत्तराधिकारी पुत्र ही होता था। अतः कथन 1 सही नहीं है।
- ब्राह्मणों को भूमि अनुदान या जागीर देने वाले प्रथम शासक सातवाहन ही थे। बौद्ध भिक्षुओं को भी इस प्रकार के अनुदान दिये जाते थे। अतः कथन 2 सही है।
- सातवाहन ब्राह्मण थे। इसलिये ब्राह्मणवाद ने उनके शासन में तेजी से प्रगति की। ब्राह्मणों को सर्वोच्च स्थान दिया गया। सातवाहन शासकों ने ब्राह्मणवाद को अपने पंथ के रूप में स्वीकार किया, लेकिन वे इस हद तक सहिष्णु थे कि उन्होंने बौद्ध गाँवों और अन्य भू-संपत्ति को भी संरक्षण प्रदान किया।
उत्तर-3 : (d)
व्याख्या :
- इलाहाबाद का अशोक स्तंभ एक अद्वितीय स्मारक है जिसमें विशेष रूप से तीन महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दी गई हैं। इनमें अशोक के शासनकाल का 27वाँ वर्ष, हरि सेना द्वारा समुद्रगुप्त की उपलब्धियों का वर्णन और जहाँगीर का वंश-वृक्ष शामिल हैं। अतः विकल्प (d) सही है।
- ये सभी अभिलेख अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग लिपियों का प्रयोग करते हुए लिखे गए हैं।
- अशोक का अभिलेख प्राकृत में, समुद्रगुप्त का ब्राह्मी तथा जहाँगीर का नस्तालिक (एक फारसी लिपि) में लिखा गया है।
उत्तर-4 : (d)
व्याख्या :
- पाँचवी शताब्दी ईस्वी के उत्तरार्द्ध में चंद्रगुप्त द्वितीय के उत्तराधिकारियों को मध्य एशिया से हूणों के आक्रमण का सामना करना पड़ा था।
- हालाँकि शुरुआत में गुप्त राजा स्कंदगुप्त ने हूणों के अभियान को भारत में रोकने के लिये कई प्रभावी कदम उठाए थे, लेकिन उसके उत्तराधिकारी कमज़ोर साबित हुए और हूण आक्रमणकारियों से टक्कर लेने में अक्षम साबित हुए जो घुड़सवारी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते थे और संभवतः धातु से बने रकाब का इस्तेमाल करते थे।
- सामंतों के उदय के कारण गुप्त साम्राज्य और कमज़ोर होता चला गया। गुप्त राजाओं द्वारा उत्तरी बंगाल में नियुक्त किये गये राज्यपालों और दक्षिण-पूर्व बंगाल में उनके सामंतों ने खुद को स्वतंत्र घोषित करना शुरू कर दिया।
- बढ़ती भूमिदान प्रथा के कारण गुप्त साम्राज्य के लिये बड़ी पेशेवर सेना बनाए रखना मुश्किल होने लगा क्योंकि धार्मिक और अन्य कारणों हेतु बढ़ते भूमिदान के कारण राजस्व आय में कमी आने लगी। विदेशी व्यापार में गिरावट से आने से भी उनकी आय कम हुई। अतः विकल्प (d) सही है।
उत्तर-5 : (c)
व्याख्या :
- सातवाहन शासक ब्राह्मण थे, और उन्होंने विजयी ब्राह्मणवाद के मार्च का प्रतिनिधित्व किया।
- सातवाहनों ने ब्राह्मणों और बौद्ध भिक्षुओं को कर-मुक्त गाँव देने की प्रथा शुरू की।
- उन्हें दी गई खेती और गांवों को शाही पुलिसकर्मियों, सैनिकों और अन्य शाही अधिकारियों के बलात् प्रवेश से मुक्त घोषित किया गया था। इसलिये ये क्षेत्र सातवाहन साम्राज्य के भीतर छोटे स्वतंत्र द्वीप बन गए। अतः कथन 1 सही है।
- सामान्यतः उन्होंने सीसे के सिक्के जारी किये, जो दक्कन में पाए गए हैं। उन्होंने पोटिन (potin), तांबा और कांस्य की मुद्राएँ भी जारी की थीं। अतः कथन 2 सही नहीं हैं।