नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 158

Posted on May 30th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : निम्नलिखित में से कौन-सा द्वितीयक प्रदूषक नहीं है ?

(a) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)

(b) पेरॉक्सीएसाइल नाइट्रेट्स

(c) ओज़ोन (O3) 

(d) एल्डीहाइड

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : प्रोजेक्ट टाइगर के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. प्रोजेक्ट टाइगर एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
  2. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण देश स्तर पर बाघों, सह-परभक्षियों के शिकार तथा आवास की स्थिति का चार वर्षों में एक बार आकलन करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?  

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों 

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : जैव-उपचारों के निम्नलिखित प्रकारों और उनके उपयोग की सर्वाधिक सामान्य विधियों पर विचार कीजिये -

  1. फाइटोरेमेडिएशन : संदूषकों को हटाने के लिये पादपों का उपयोग।
  2. बायोलीचिंग : जल से धातुओं को हटाने के लिये पादपों का उपयोग।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?  

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों 

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : निम्नलिखित संगठनों में से कौन-सा/से पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक जारी करता है/करते हैं ?

(a) विश्व आर्थिक मंच के सहयोग से येल विश्वविद्यालय और कोलंबिया विश्वविद्यालय।

(b) विश्व बैंक के सहयोग से येल विश्वविद्यालय और कोलंबिया विश्वविद्यालय।

(c) जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल। 

(d) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम     

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : तापीय प्रदूषण हमारे आधुनिक समाज में एक वास्तविक और स्थायी समस्या है। तापीय प्रदूषण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है?

(a) तापीय प्रदूषण न केवल गर्म जल के कारण से बल्कि ठंडे जल से भी होता है जिसे विभिन्न उद्योगों द्वारा गर्म पानी से युक्त नदियों या समुद्र में छोड़ दिया जाता है।

(b) तापीय प्रदूषण जल में ऑक्सीजन की घुलनशीलता को बढ़ा देता है जिससे जलीय जीवों की उपापचय प्रक्रिया प्रभावित होती है।

(c) गर्म जल की वज़ह से पौधों की असामान्य वृद्धि और शैवाल का विस्तार होता है। जल में शैवाल का विस्तार जल में ऑक्सीजन के स्तर को कम कर देता है। 

(d) जल के तापमान में वृद्धि से कुछ जलीय जंतुओं की चयापचय प्रक्रिया तेज़ हो जाती है। इसलिये वे कम समय में अधिक भोजन ग्रहण करना प्रारंभ कर देते हैं।          

उत्तर - ()

 

 

 

 

उत्तरमाला

 

 

 

 

 

उत्तर-1 : (a)         

 

व्याख्या : प्राथमिक प्रदूषक वह वायु प्रदूषक होता है जो प्रत्यक्ष रूप से किसी स्रोत से उत्पन्न होता है।

द्वितीयक प्रदूषक प्रत्यक्ष रूप से उत्सर्जित तो नहीं होता किंतु यह तब उत्पन्न होता है जब यह अन्य प्रदूषक (प्राथमिक प्रदूषक) से पर्यावरण में अभिक्रिया करता है।

द्वितीयक प्रदूषक में ओज़ोन को शामिल किया जा सकता है जो सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में हाइड्रोकार्बन तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड के आपस में मिलने से बनता है। जब नाइट्रोजन ऑक्साइड वायु में ऑक्सीजन के साथ मिलती है तो नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का निर्माण होता है| अम्ल वर्षा तब होती है जब सल्फर डाइऑक्साइड या नाइट्रोजन ऑक्साइड्स जल के साथ अभिक्रिया करते हैं।

द्वितीयक प्रदूषक चिंता का कारण इसलिये हैं क्योंकि वे विभिन्न यौगिकों से अनेक रूपों में परिवर्तित हो जाते हैं, घनी आबादी वाले शहरों में फोटोकेमिकल स्मॉग की घटना देखी जा सकती है जो वायु में प्राथमिक प्रदूषकों का अन्य अणुओं (जैसे- मॉलिकुलर ऑक्सीजन, जल तथा हाइड्रोकार्बन) के साथ अन्त:क्रिया के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती है। ये आपस में मिलकर नीले बादलों का निर्माण करते हैं जो मानव के लिये हानिकारक होते हैं। फोटोकेमिकल स्मॉग विभिन्न द्वितीयक प्रदूषकों (जैसे- ओज़ोन, पेरॉक्सीएसाइल नाइट्रेट्स तथा नाइट्रिक एसिड) से बनता है।

द्वितीयक प्रदूषकों में शामिल हैं-

  • ओज़ोन
  • सल्फ्यूरिक एसिड तथा नाइट्रिक एसिड (अम्ल वर्षा के घटक)
  • पार्टिकुलेट मैटर
  • नाइट्रोजन डाइऑक्साइड
  • पेरॉक्सीएसाइल नाइट्रेट्स
  • एल्डेहाइड्स।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-2 : (c)

 

व्याख्या : भारत सरकार ने अपने राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण के लिये वर्ष 1973 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ शुरू किया था।

प्रोजेक्ट टाइगर पर्यावरण और वन मंत्रालय की केंद्र प्रायोजित योजना है, इसमें बाघों के संरक्षण के लिये राज्यों को केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एन.टी.सी.ए.) वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में प्रदान किये गए कार्यों को पूरा करने के लिये एक व्यापक पर्यवेक्षी/समन्वयकारी भूमिका के साथ मंत्रालय का एक सांविधिक निकाय है।

एन.टी.सी.ए./प्रोजेक्ट टाइगर, टाइगर टास्क फोर्स द्वारा परिष्कृत कार्य-प्रणाली का उपयोग करते हुए चार वर्षों में एक बार बाघ, उसके शिकार और आवास की स्थिति का राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन भी करता है। अतः कथन 1 एवं 2 दोनों सही हैं।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-3 : (a)

 

व्याख्या : सबसे सामान्य प्रकार के जैव-उपचार (बायो-रेमेडिएशन) हैं:

फाइटोरेमेडिएशन: संदूषकों को हटाने के लिये पादपों का उपयोग, पादप अपनी संरचनाओं में संदूषकों को समाविष्ट करने में सक्षम होते हैं तथा उन्हें धारित करके रखते हैं। इस प्रकार वे जल तथा मृदा से उन्हें हटा लेते हैं। अत: युग्म 1 सही सुमेलित है।

बायोलीचिंग (जैव-निक्षालन): जीवित जीवों के प्रयोग द्वारा मृदा से धातु हटाना। कुछ विशेष प्रकार के जीव भारी धातुओं तथा अन्य संदूषकों को अवशोषित करने की क्षमता रखते हैं। अत: युग्म 2 सही सुमेलित नहीं है।

राइजोफिल्ट्रेशन- जल से धातुओं को हटाने के लिये पादपों का प्रयोग।

बायोस्टिमुलेशन- अपशिष्टों में किसी माध्यम में अनुप्रयुक्त संदूषकों को हटाने के लिये सूक्ष्मजीवियों का प्रयोग।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-4 : (a)

 

व्याख्या : 2018 के पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (Environmental Performance Index-EPI) से ज्ञात होता है कि हवा की गुणवत्ता सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये प्रमुख पर्यावरणीय खतरा है। यह द्विवार्षिक रिपोर्ट विश्व आर्थिक मंच के सहयोग से येल और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के शोधकर्त्ताओं द्वारा तैयार की जाती है। अत: विकल्प (a) सही है।

दसवीं ई.पी.आई. रिपोर्ट में पर्यावरण के स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र की जीवनशैली को सम्मिलित करने वाले 10 मुद्दों में 24 प्रदर्शन संकेतकों पर 180 देशों का स्थान है।

स्विट्रज़लैंड स्थिरता के मामले में विश्व में सबसे अग्रणी है, इसके बाद क्रमश: फ्राँस, डेनमार्क, माल्टा और स्वीडन का स्थान है।

इस सूची में भारत, बांग्लादेश, बुरुंडी, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो और नेपाल के साथ इस आखिरी पाँच देशों में शामिल हैं।

शोधकर्त्ताओं ने कहा कि उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में चीन और भारत का क्रमश: 120वाँ और 177वाँ स्थान, जनसंख्या का दबाव और तेज़ी से आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप पर्यावरण पर तनाव को दर्शाता है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-5 : (b)

 

व्याख्या : कथन (b) को छोडकर शेष सभी सही हैं। थर्मल प्रदूषण के कारण ऑक्सीजन की घुलनशीलता में कमी हो जाती है। जल निकायों में ऑक्सीजन की घटती घुलनशीलता थर्मल प्रदूषण का निराशाजनक प्रभाव है। ऑक्सीजन की यह कम घुलनशीलता मुख्य रूप से जलीय जीवों के उपापचय प्रक्रिया को प्रभावित करती है।