नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 143

Posted on May 16th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : राज्यपाल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. राज्यपाल का वेतन भारत की संचित निधि पर भारित होता है।
  2. अनुच्छेद 356 के अंतर्गत, राज्यपाल मुख्यमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?  

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों  

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : भारत में राज्यपाल के पद के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. वह राज्य विधायिका का अंग है। 
  2. संविधान में राज्यपाल की नियुक्ति संबंधी अर्हता मापदंडों का उल्लेख नहीं किया गया है।
  3. संविधान का उल्लंघन करने के लिये राज्यपाल पर महाभियोग लगाया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?  

(a) केवल I

(b) केवल I और II

(c) I, II और III   

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : राज्यपाल की शक्तियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. संविधान में राज्यपाल के द्वारा विवेकानुसार कार्य करने की शक्ति (कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में) दी गई है, जबकि राष्ट्रपति के लिये ऐसी कोई शक्ति स्पष्ट रूप से व्यक्त नहीं की गई है। 
  2. विधानसभा का आह्वान करने की शक्ति उसका विवेकाधिकार है।
  3. सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 (अफ्स्पा) के तहत वह किसी भी क्षेत्र को उपद्रवग्रस्त क्षेत्र घोषित कर सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?  

(a) केवल I

(b) केवल I और II

(c) केवल I और III  

(d) I, II और III

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : हाल ही में समाचार में रहा ‘मेघालयन युग’ है -

 

(a) 4,200 वर्ष पूर्व से लेकर वर्तमान तक

(b) 9,000 ई. पू. से वर्तमान तक

(c) 9000 ई. पू. से 4000 ई. पू. तक 

(d) 100 वर्ष पूर्व से वर्तमान तक        

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : समाचारों में रहे ‘बैड बैंक’ शब्द का तात्पर्य है :

 

(a) गैर-निष्पादित संपत्ति के संकट से निपटने हेतु एक संस्था

(b) एक बैंक जो देश के केंद्रीय बैंक के नियमों के अनुसार अपना कारोबार नहीं करता

(c) एक क्रिप्टोकरेंसी बैंक

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

          

उत्तर - ()

 

 

 

 

उत्तरमाला

 

 

 

 

 

उत्तर-1 : (c)         

 

व्याख्या : संविधान के भाग VI में अनुच्छेद 153 से 167 तक राज्य की कार्यपालिका की चर्चा की गई है। राज्य की कार्यपालिका में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद और राज्य के महाधिवक्ता शामिल होते हैं। राज्यपाल के वेतन और भत्ते राज्य की संचित निधि पर भारित होते हैं (अनुच्छेद 202)। अत: कथन 1 सही नहीं है।

अगर राज्यपाल संतुष्ट हो जाता है कि राज्य का शासन भारत के संविधान के प्रावधानों के अनुरूप नहीं किया जा रहा है, तो वह राष्ट्रपति से राज्य में अनुच्छेद 356 के अंतर्गत राष्ट्रपति शासन लागू करने की अनुशंसा कर सकता है। राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करने में मुख्यमंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है। अत: कथन 2 सही नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-2 : (a)

 

व्याख्या : संसदीय लोकतंत्र में हमेशा कार्यकारी प्रमुख के साथ-साथ सांकेतिक प्रमुख भी होता है। राष्ट्रपति और राज्यपाल क्रमशः संघ एवं राज्य के सांकेतिक प्रमुख की भूमिका निभाते हैं। अत: राष्ट्रपति और राज्यपाल क्रमश: संसद एवं विधानमंडल के भाग हैं। अनुच्छेद 168 (1): ‘‘प्रत्येक राज्य का एक विधानमंडल होगा जिसमें राज्यपाल और-- .......शामिल होंगे। अत: कथन 1 सही है।

संविधान स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 157 में राज्यपाल के लिये पात्रता मानदंडों का उल्लेख करता है-‘‘कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक नहीं है तथा जिसकी आयु 35 वर्ष से कम हो राज्यपाल के रूप में नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होगा।’’ अत: कथन 2 सही नहीं है।

महाभियोग प्रस्ताव केवल भारत के राष्ट्रपति के लिये लागू होता है। राज्यपाल पद ग्रहण की तिथि से पाँच वर्ष तक पद पर बना रहता है। हालाँकि, उसका पाँच वर्ष का कार्यकाल राष्ट्रपति की इच्छा के अधीन है। राज्यपाल को कार्यकाल की सुरक्षा प्राप्त नहीं है तथा उसका कार्यकाल निश्चित नहीं है। वह किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा पदच्युत किया जा सकता है। संविधान में ऐसे किसी आधार का उल्लेख नहीं किया गया है जिसके अनुसार राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल को पदच्युत किया जा सकता है। अत: कथन 3 सही नहीं है। 

शेष कार्यकाल के लिये राष्ट्रपति एक राज्यपाल को दूसरे राज्य में स्थानांतरित कर सकता है। इसके अलावा एक राज्यपाल जिसका कार्यकाल समाप्त हो चुका हो, को उसी राज्य में या किसी अन्य राज्य में पुन: नियुक्त किया जा सकता है।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-3 : (c)

 

व्याख्या : संविधान में राज्यपाल द्वारा समय-समय पर विवेकाधिकार के अनुसार कार्य करने की शक्ति दी गई है (विशेष रूप से अनुच्छेद 154, 163 और 164)। हालाँकि, राष्ट्रपति के संदर्भ में ऐसी किसी भी शक्ति का उल्लेख नहीं किया गया है। 42वें संविधान संशोधन अधिनियम (1976) के पश्चात्, राष्ट्रपति मंत्रिमंडल की सलाह मानने के लिये बाध्य है लेकिन राज्यपाल के संदर्भ में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है। अत: कथन 1 सही है।

संविधान स्पष्ट करता है कि यदि कोई प्रश्न उठाता है कि कोई मामला राज्यपाल के विवेकाधिकार के अंतर्गत आता है या नहीं तो राज्यपाल द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम होगा तथा उसके द्वारा किये गए किसी भी कार्य को इस आधार पर प्रश्नगत नहीं किया जा सकता कि उसे अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करना चाहिये था या नहीं। कुछ मामलों में राज्यपाल के पास संवैधानिक विवेकाधिकार के साथ-साथ स्थितिजन्य विवेकाधिकार होता है।

हालाँकि, जुलाई 2016 में सर्वोच्च न्यायालय की एक संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल जे.पी. राजखोवा के विधानसभा सत्र को आगे बढ़ाने के फैसले को यह कहते हुए अमान्य घोषित कर दिया था कि ‘‘मुख्यमंत्री और उसके मंत्रिमंडल की सहायता और सलाह के बिना विधानसभा सत्रों का आह्वान या विघटन करने के लिये विवेकाधीन शक्तियों का उपयोग करना स्पष्ट रूप से असंवैधानिक है’’।

वह केवल राज्य मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर विधान सभा का आह्वान कर सकता है। अत: कथन 2 सही नहीं है।

अफस्पा अधिनियम की धारा (3) राज्य या संघ शासित प्रदेश के राज्यपाल को भारत के राजपत्र पर आधिकारिक अधिसूचना जारी करने का अधिकार देती है, ताकि इस तरह के राज्य या संघ शासित प्रदेश के पूरे या कुछ हिस्सों को उपद्रवग्रस्त क्षेत्र के रूप में घोषित किया जा सके। अत: कथन 3 सही है।

राज्य सरकारें सुझाव दे सकती हैं कि अधिनियम को लागू करने अथवा लागू न करने (अर्थात निरस्त) की आवश्यकता है या नहीं। लेकिन अधिनियम की धारा (3) के अंतर्गत, उनके सुझाव को फिर भी राज्यपाल या केंद्र सरकार द्वारा खारिज किया जा सकता है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-4 : (a)

 

व्याख्या : भू-वैज्ञानिकों ने पिछले 4,200 वर्षों से लेकर वर्तमान तक को एक अलग पृथ्वी युग के रूप में वर्गीकृत किया है और इसे एक नया युग ‘मेघालयन युग’ कहा है। इसकी विशेषता एक बड़ा सूखा रहा है जिसने विश्व भर में कई सभ्यताओं को कुचल दिया। अत: विकल्प (a) सही है।

वर्तमान युग, जिसमें हम रह रहे हैं, उसे होलोसीन युग कहते हैं। यह 11,700 वर्ष पूर्व से हो रही सभी घटनाओं को दर्शाता है। मध्य होलोसीन युग को नॉर्थग्रिपियन कहा जा रहा है, यह 8,300 वर्षों पूर्व से लेकर मेघालयन युग तक चला। 

भू-वैज्ञानिकों ने 4.6 बिलियन वर्ष पूर्व से टिकी पृथ्वी को समयावधियों में बाँटा है। हर अवधि महत्त्वपूर्ण घटनाओं को संदर्भित करती है, जैसे- महाद्वीपों में विच्छेद, जलवायु में आकस्मिक बदलाव और साथ ही विशेष प्रकार के प्राणियों तथा पादपों का उद्भव।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-5 : (a)

 

व्याख्या : बैड बैंक वह संस्थान है, जिसका निर्माण अत्यधिक गैर-निष्पादित संपत्ति धारण करने वाले किसी अन्य बैंक के ‘बैड लोन्स’ की खरीद बाज़ार मूल्य पर करने के लिये किया गया है।

‘बैड बैंक’ संज्ञा ही इस बात को सूचित कर देती है कि यह वित्तीय क्षेत्र की किसी बुरी स्थिति से निपटने के लिये लाई गई व्यवस्था है।

भारत सरकार द्वारा ‘बैड बैंक’ शुरू करने का विचार आर्थिक सर्वेक्षण में पेश किया गया, जो एजेंसी बैंकिंग प्रणाली की सबसे बड़ी और सबसे जटिल गैर-निष्पादित संपत्तियों (एन.पी.ए.) की समस्या का प्रभार लेगी।

सरकारी स्वामित्व वाले ‘बैड बैंक’ की आवश्यकता इसलिये महसूस की गई क्योंकि वाणिज्यिक बैंकों को एन.पी.ए. या बैड लोन से निपटने में परेशानी हो रही है।

इस प्रकार, यह गैर-निष्पादित संपत्ति संकट से निपटने की एक संस्था है। अत: विकल्प (a) सही है।