नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 140

Posted on May 13th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक कर्त्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. मूल संविधान में केवल 10 मौलिक कर्त्तव्य थे। 
  2. मौलिक कर्त्तव्य आयरलैंड के संविधान से लिये गए हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?  

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II 

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. मौलिक कर्त्तव्य और राज्य के नीति निदेशक तत्त्व क्रमश: राज्य के नागरिकों के कर्त्तव्यों व राज्य के कर्त्तव्यों से संबंधित हैं। 
  2. मंत्रि-परिषद सामूहिक रूप से संसद के प्रति उत्तरदायी है।
  3. कैबिनेट सचिव सिविल सेवा बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?  

(a) केवल I

(b) केवल II और III

(c) केवल I और II 

(d) केवल I और III 

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. मौलिक अधिकार सरकार को कुछ विशेष अधिकारों से वंचित करने की प्रकृति लिये होते हैं। 
  2. मौलिक अधिकार राजनीतिक लोकतंत्र की स्थापना करते हैं तथा नीति निर्देशक सिद्धांत आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र स्थापित करते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?  

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों  

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : ‘श्रम सुविधा पोर्टल’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. यह रिपोर्टिंग की सुविधा, श्रम निरीक्षण में पारदर्शिता और श्रम निरीक्षण की निगरानी को बेहतर बनाएगा। 
  2. इसका प्रबंधन तथा विकास DRDO द्वारा किया गया है।
  3. यह एक विशिष्ट श्रम पहचान संख्या के माध्यम से कार्य करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं ?  

(a) केवल I और II

(b) केवल I और III

(c) केवल II और III 

(d) इनमें से कोई नहीं         

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : वैश्विक दासता सूचकांक, 2018 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. यह विश्व व्यापार संगठन और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया जाता है। 
  2. उत्तर कोरिया और इरीट्रिया में ‘आधुनिक दासता’ की विश्व में अधिकतम है।
  3. इस सूचकांक में सम्मिलित 167 देशों की सूची में भारत 53वें स्थान पर है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं ?  

(a) केवल I और II

(b) केवल I और III

(c) केवल II और III

(d) I, II और III

          

उत्तर - ()

 

 

 

 

उत्तरमाला

 

 

 

 

 

उत्तर-1 : (d)         

 

व्याख्या : मूल संविधान में मौलिक कर्त्तव्यों का उल्लेख नहीं किया गया था तथा इन्हें बाद में 1976 के 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा शामिल किया गया था। 86वें संविधान संशोधन, 2002 द्वारा एक और मौलिक कर्त्तव्य जोड़ा गया था। अत: कथन 1 सही नहीं है।

भारतीय संविधान में मौलिक कर्त्तव्य पूर्ववर्ती सोवियत संघ समाजवादी गणराज्य (USSR) के संविधान से प्रेरित हैं। अत: कथन 2 सही नहीं है।

संविधान के भाग-IVA (जिसमें केवल एक अनुच्छेद 51क शामिल है) में 11 मौलिक कर्त्तव्यों का उल्लेख है, जो इस प्रकार हैं;

 

  1. संविधान का पालन करें और इसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें;
  2. स्वतंत्रता के लिये हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को संजोए रखें और उनका अनुपालन करें;
  3. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण रखें;
  4. देश की रक्षा करें और आह्वान पर राष्ट्र की तत्परता से सेवा करें;
  5. भारत के नागरिकों में समरसता और भाईचारे की भावना का प्रसार करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग आधारित भेदभाव से परे हो तथा ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है;
  6. भारत की सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें;
  7. पर्यावरण अर्थात् वन, झील, नदी और वन्यजीवन की रक्षा करें तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखें;
  8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें;
  9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखें और हिंसा से दूर रहें;
  10. 10.व्यक्तिगत तथा सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का निरंतर प्रयास करें, जिससे राष्ट्र निरंतर प्रगति करे तथा उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को प्राप्त करे; और
  11. 11.6 से 14 वर्ष तक की आयु के अपने बच्चों या आश्रितों को शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराएँ। यह कर्त्तव्य 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा जोड़ा गया था।
  12. 12.मौलिक कर्त्तव्य नागरिकों के लिये एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करते हैं ताकि प्रत्येक नागरिक अपने अधिकारों का आनंद लेते हुए अपने देश, समाज और साथी नागरिकों के प्रति कर्त्तव्यों के बारे में भी सचेत रहे। तथापि मौलिक कर्त्तव्य भी नीति निर्देशक तत्त्वों की तरह न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-2 : (d)

 

व्याख्या : राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों को संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 में वर्णित किया गया है। वाक्यांश ‘राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत’ उन आदर्शों को दर्शाता है जिन्हें नीतियों को तैयार करने और कानून बनाने के दौरान राज्य को ध्यान में रखना चाहिये। संविधान (अनुच्छेद 37) के अनुसार ये सिद्धांत देश के शासन में मौलिक हैं और कानून बनाने में इन सिद्धांतों को लागू करना राज्य का कर्त्तव्य होगा। अत: कथन 1 सही है।

राष्ट्रपति के कार्यों को सम्पादित करने में सहायता और सलाह देने के लिये प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद है। यह परिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है। अत: कथन 2 सही नहीं है।

मौलिक कर्त्तव्य ऐसे कर्त्तव्य हैं जो देश के नागरिकों से अपेक्षित हैं। हालाँकि, ऐसा माना जाता है कि नागरिक अपनी नैतिक बल के कारण स्वेच्छा से उनका पालन करेंगे।

कैबिनेट सचिव सिविल सेवा बोर्ड के पदेन अधिकारी भी हैं। पदेन का मतलब है कि कैबिनेट सचिव का पद धारण करने वाला व्यक्ति स्वत: सिविल सेवा बोर्ड का अध्यक्ष बन जाएगा। ऐसा कई संस्थानों में होता है जैसे एससी/एसटी आयोग के अध्यक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य बन जाते हैं। अत: कथन 3 सही है।

 

 

 

 

 

उत्तर-3 : (c)

 

व्याख्या : मौलिक अधिकार नागरिकों के ऐसे दावे हैं जिन्हें राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त है। ये सरकार को कुछ विशेष अधिकारों से वंचित करने की प्रकृति लिये होते हैं। इसलिये इनकी प्रकृति नकारात्मक होती है। अत: कथन 1 सही है।

नीति निर्देशक सिद्धांत ऐसी सकारात्मक दिशाओं की तरह हैं जिनका सरकार द्वारा देश में सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना में योगदान देने के लिये प्रत्येक स्तर पर पालन किया जाना चाहिये।

मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक सिद्धांत दोनों में गहरा संबंध है। ये एक दूसरे के पूरक हैं।

जहाँ मौलिक अधिकार राजनीतिक लोकतंत्र की स्थापना करते हैं वहीं नीति निर्देशक सिद्धांत आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र स्थापित करते हैं। अत: कथन 2 सही है।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-4 : (b)

 

व्याख्या : श्रम और रोज़गार मंत्रालय, भारत सरकार और राज्य सरकारें अपने संबंधित क्षेत्रों में 44 से अधिक श्रम कानूनों को लागू करती हैं।

विभिन्न हितधारकों की ओर से प्रारूपों के सरलीकरण, अनुपालन की आसानी, निरीक्षणों में पारदर्शिता और शिकायतों के शीघ्र निपटान सुनिश्चित करने के आग्रह आते रहे हैं।

इन चिंताओं से निपटने के लिये श्रम और रोज़गार मंत्रालय ने इकाइयों के ऑनलाइन पंजीकरण, निरीक्षणों की रिपोर्टिंग और वार्षिक रिटर्न के सबमिशन के लिये ‘श्रम सुविधा’ नामक एकीकृत वेब पोर्टल विकसित किया है।

यह पोर्टल विविध श्रम कानूनों, श्रम निरीक्षण और उसके प्रवर्तन की समेकित जानकारी की एक स्थान पर रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करता है।

वह प्रमुख प्रदर्शन सूचकांकों के आधार पर रिपोर्टिंग, श्रम निरीक्षण में पारदर्शिता और श्रम निरीक्षणों की निगरानी में वृद्धि करेगा। अत: कथन 1 सही है।

इसे राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र (एन.आई.सी.) द्वारा विकसित तथा प्रबंधित किया जा रहा है। अत: कथन 2 सही नहीं है।

यह एक विशिष्ट श्रम पहचान संख्या (यूनीक लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर) के माध्यम से कार्य करता है। अत: कथन 3 सही है।

नियोक्ताओं को वेब पोर्टल पर पंजीकरण के बाद श्रम पहचान संख्या आवंटित की जाएगी।

प्रवर्तन एजेंसी इस वेब पोर्टल पर निरीक्षण आँकड़ा अपलोड करेगी, जिसे समय-समय पर अपडेट किया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-5 : (c)

 

व्याख्या : वैश्विक दासता सूचकांक आधुनिक दासता के अंतर्गत शामिल लोगों की प्रतिशतता के आधार पर देशों की रैंकिंग करता है। इसके साथ ही, यह इस दिशा में सरकारों द्वारा की जा रही कार्रवाइयों और लोगों की सुभेद्यता के लिये उत्तरदायी कारकों का विश्लेषण करता है।

वैश्विक दासता सूचकांक का प्रकाशन मानवाधिकार समूह ‘वाक फ्री फाउंडेशन’ करता है जो मानता है कि आधुनिक दासता की समाप्ति के लिये एक ठोस बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसके अंतर्गत संसूचित कार्रवाई के लिये एक मज़बूत ज्ञान आधार का निर्माण, प्रमुख देशों में विधायी परिवर्तन को गतिशील करना, कारोबार और आस्था की शक्ति का लाभ उठाना शामिल है। अत: कथन 1 सही नहीं है।

वाक फ्री फाउंडेशन का विश्वास है कि प्रत्यक्ष कार्यान्वयन, ज़मीनी स्तर पर सामुदायिक सहभागिता, और धर्मों, कारोबारों, अकादमियों, गैर-सरकारी संगठनों और विश्व भर की सरकारों के साथ भागीदारी में कार्य कर आधुनिक दासता को समाप्त किया जा सकता है।

आधुनिक दासता में संघर्षों और सरकार के दमनों की भूमिकाओं पर केंद्रित इस वैश्विक सर्वेक्षण में उत्तर कोरिया और इरीट्रिया में आधुनिक दासता की सर्वोच्च दर देखी गई। अत: कथन 2 सही है।

भारत 167 देशों की सूची में 53वें स्थान पर है। अत: कथन 3 सही है।