नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 141

Posted on May 14th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : भारत के राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से जुड़े सभी विवादों की जाँच और निर्णय किसके द्वारा किये जाते हैं ?

 

(a) उस उच्च न्यायालय द्वारा जिसमें इसे चुनौती दी गई है

(b) उच्चतम न्यायालय द्वारा

(c) निर्वाचन आयोग द्वारा 

(d) संसद द्वारा

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. किसी क्षेत्र को अनुसूचित क्षेत्र घोषित करने की शक्ति राष्ट्रपति के पास है।
  2. अनुसूचित क्षेत्रों वाले प्रत्येक राज्य को अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और उन्नति पर सलाह देने के लिये एक जनजाति सलाहकार परिषद स्थापित करनी होगी।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?  

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों  

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. भारत के राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य तथा विधानसभाओं के सदस्य सम्मिलित होते हैं। 
  2. भारत के उप-राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के चुने हुए सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?  

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों  

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : भारत में राष्ट्रपति और राज्यपाल की क्षमा-दान की शक्ति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. राष्ट्रपति कोर्ट मार्शल (सैन्य न्यायालयों) की सज़ा पर क्षमा-दान दे सकता है लेकिन राज्यपाल ऐसा नहीं कर सकता है।
  2. राष्ट्रपति किसी भी मामले में मृत्युदंड पर क्षमा-दान दे सकता है, जबकि राज्यपाल मृत्युदंड पर क्षमा-दान केवल तभी दे सकता है जब इसे राज्य के कानून द्वारा निर्धारित किया गया हो।

उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं ?  

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं        

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : भारत के राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. वह अध्यादेश केवल तभी जारी कर सकता है जब संसद के दोनों सदन सत्र में न हों।
  2. अध्यादेश जारी करने के राष्ट्रपति के फैसले पर न्यायालय में सवाल नहीं उठाया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं ?  

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं

          

उत्तर - ()

 

 

 

 

उत्तरमाला

 

 

 

 

 

उत्तर-1 : (b)         

 

व्याख्या : भारतीय संविधान के अनुच्छेद 71 के अनुसार, राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव से जुड़ी सभी शंकाओं या विवादों की जाँच का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाएगा। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय में एक चुनाव याचिका प्रस्तुत करने के अतिरिक्त इस संबंध में कोई प्रश्न नहीं किया जाएगा। अत: विकल्प (b) सही है।

 

 

 

 

 

उत्तर-2 : (c)

 

व्याख्या : अनुसूचित क्षेत्रों की घोषणा: राष्ट्रपति को किसी भी क्षेत्र को अनुसूचित क्षेत्र घोषित करने का अधिकार है। उसे किसी भी क्षेत्र के क्षेत्रफल को बढ़ाने या घटाने अथवा इसकी सीमाओं में परिवर्तन का अधिकार है। अत: कथन 1 सही है।

राज्यपाल अधिसूचना जारी कर सकता है कि संसद या राज्य विधानमंडल का कोई विशेष अधिनियम राज्य में अनुसूचित क्षेत्रों या उसके किसी भी हिस्से में लागू नहीं होगा अथवा राज्य में अनुसूचित क्षेत्रों या उसके किसी हिस्से में लागू होगा।

जनजातीय सलाहकार परिषद: ऐसे राज्य जिनके अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र हैं, वहाँ जनजातीय सलाहकार परिषद का गठन किया जाता है, जो अनुसूचित जतियों के कल्याण एवं उत्थान के लिये सलाह देती हैं। इस तरह की परिषद ऐसे राज्यों में भी गठित की जा सकती है जहाँ अनुसूचित जनजातियाँ तो हैं लेकिन अनुसूचित क्षेत्र नहीं हैं, ऐसा राष्ट्रपति के निर्देश पर किया जाता है। अत: कथन 2 सही है।

जनजातीय सलाहकर परिषद में कुल 20 सदस्य होते हैं, जिसमें से तीन-चौथाई सदस्य राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधि होते हैं।

विवादास्पद स्थिति में इन परिषदों के सदस्यों की संख्या, उनकी नियुक्ति प्रक्रिया, इन परिषदों के अध्यक्ष, अधिकारी तथा कर्मचारियों की नियुक्ति, सभा का आयोजन तथा सामान्य कार्यवाहियों का नियंत्रण राज्य के राज्यपाल द्वारा किया जाता है।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-3 : (c)

 

व्याख्या : भारत का राष्ट्रपति :

 

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों तथा विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। अत: कथन 1 सत्य नहीं है।

वह एकल हस्तांतरणीय मत की आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर चुना जाता/जाती है।

वह अनिवार्य रूप से भारत का नागरिक होना चाहिये, आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिये और लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता रखता हो।

 

भारत का उप-राष्ट्रपति :

 

उप-राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल एकल हस्तान्तरणीय मत की आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य (निर्वाचित तथा नामांकित दोनों) शामिल होते हैं। अत: कथन 2 सही नहीं है।

वह अनिवार्य रूप से भारत का नागरिक होना चाहिये, आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिये और राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की योग्यता रखता हो।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-4 : (a)

 

व्याख्या : संविधान के अनुच्छेद 72 के अंतर्गत राष्ट्रपति को निम्नलिखित मामलों में क्षमा-दान की शक्ति प्राप्त है जिसमें किसी व्यक्ति पर अपराध संबंधी मुकदमा चलाया गया हो और दोषी करार दिया गया हो:

 

  1. संघ कानून के विरुद्ध अपराध के लिये दंड या दंडादेश दिया गया हो।
  2. कोर्ट मार्शल (सैन्य न्यायालय) द्वारा दंड या दंडादेश दिया गया हो।
  3. उन सभी मामलों में, जिनमें दंडादेश, मृत्यु दंड का आदेश हो।

संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत राज्य के राज्यपाल को भी क्षमा-दान की शक्ति प्राप्त है। किंतु, राज्यपाल की क्षमा-दान शक्ति निम्नलिखित दो मामलों में राष्ट्रपति से भिन्न है:

 

  1. राष्ट्रपति कोर्ट मार्शल (सैन्य अदालतों) द्वारा दिये गए दंडादेश को क्षमा कर सकता है, जबकि राज्यपाल नहीं कर सकता। अत: कथन 1 सही है।
  2. राष्ट्रपति मृत्यु दंड के आदेश को क्षमा कर सकता है, जबकि राज्यपाल नहीं कर सकता। यहाँ तक कि यदि कोई राज्य कानून मौत की सज़ा निर्धारित करता है, तो क्षमा दान देने की शक्ति राष्ट्रपति में निहित है, न कि राज्यपाल में। हालाँकि, राज्यपाल मृत्युदंड को निलंबित, लघु या उसमें बदलाव कर सकता है। दूसरे शब्दों में, राज्यपाल और राष्ट्रपति दोनों के पास मृत्युदंड के निलंबन, परिहार और लघुकरण के संबंध में समवर्ती शक्ति है। अत: कथन 2 सही नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-5 : (d)

 

व्याख्या : संविधान के अनुच्छेद 123 में राष्ट्रपति को संसद के अवकाश के दौरान अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गई है।

वह केवल तभी अध्यादेश जारी कर सकता है जब संसद के दोनों सदन सत्र में न हों या जब संसद के दोनों सदनों में से कोई भी एक सत्र में न हो। इस प्रकार, एक सदन का सत्र जारी होने पर भी अध्यादेश जारी किया जा सकता है। दोनों सदनों के सत्र में होने पर जारी अध्यादेश शून्य (void) हो जाता है। अत: कथन 1 सही नहीं है।

जब उसे समाधान हो जाए कि परिस्थितियाँ ऐसी बन गई हैं जिसके कारण तत्काल कार्रवाई करना आवश्यक है तो वह अध्यादेश जारी कर सकता है। कूपर मामले (1970) में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि एक अध्यादेश जारी करने में राष्ट्रपति की संतुष्टि पर, हठधर्मिता (malafide) के आधार पर अदालत में सवाल उठाया जा सकता है।

1975 के 38वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम ने राष्ट्रपति की संतुष्टि को अंतिम और निर्णायक तथा न्यायिक समीक्षा से परे बनाया। हालाँकि, यह प्रावधान 1978 के 44वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा हटा दिया गया था। इसलिये राष्ट्रपति के फैसले पर न्यायालय में सवाल उठाया जा सकता है। अत: कथन 2 सही नहीं है।