सूचना उपलब्ध कराने के लिए जवाबदेह कौन है ? (Who is Responsible for providing information?)

Posted on April 15th, 2020 | Create PDF File

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  सूचना उपलब्ध कराने के लिए जवाबदेह कौन है ?

(Who is Responsible for providing information?)

 

* समुचित सरकार

* लोक प्राधिकारी

* सक्षम प्राधिकारी 

 

समुचित सरकार-

 

किसी लोक प्राधिकरण के सम्बन्ध में समुचित सरकार से तात्पर्य है-

 

* केन्द्रीय सरकार या संघ राज्यक्षेत्र द्वारा स्थापित, गठित, उसके स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या उसके द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा पूर्णतया वित्तपोषित संगठन।

* राज्य सरकार द्वारा स्थापित, गठित, उसके स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या उसके द्वार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा पूर्णतया वित्तपोषित संगठन।

 

लोक प्राधिकारी (Public Authority)-

 

लोक प्राधिकारी से तात्पर्य ऐसे प्राधिकारी या निकाय या स्वायत्त सरकारी संस्था से है, जो संविधान द्वारा या उसके अधीन, संसद द्वारा बनाई गई किसी अन्य कानून द्वारा राज्य विधानमंडल द्वारा बनाई गई किसी अन्य कानून द्वारा, समुचित सरकार द्वारा जारी अधिसूचना या आदेश द्वारा स्थापित या गठित हो।

 

सक्षम प्राधिकारी (Competent Authority)-

 

सक्षम प्राधिकारी से तात्पर्य है-

 

* लोकसभा व राज्य विधानसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा या राज्य विधानपरिषद के सभापित

* उच्चतम न्यायालय की स्थिति में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश,

* संविधान द्वारा या उसके अधीन स्थापित या गठित अन्य प्राधिकरणों की दशा में राष्ट्रपति या राज्यपाल

* संविधान के अनुच्छेद 239 के अधीन नियुक्त प्रशासक

 

 

समय सीमा के भीतर सूचना प्राप्त नहीं होने पर अपील -

 

* व्यक्ति को समय सीमा के भीतर सूचना प्राप्त नहीं होने पर वह ऐसे अधिकारी को अपील कर सकेगा, जो प्रत्येक लोक प्राधिकरण में लोक सूचना अधिकारी की पंक्ति से ज्येष्ठ पंक्ति का है।

* दूसरी अपील पहली अपील के विनिश्चय वाली तारीख से नब्बे दिन के भीतर केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को होगी।

 

शास्ति (Penalties)-

 

केन्द्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग की राय में जब कोई केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य सूचना अधिकारी बिना किसी आवश्यक कारण के आवेदन लेने से इनकार करता है या जानबूझकर गलत, अपूर्ण या भ्रामक सूचना देता है; या ऐसी सूचना नष्ट कर दी है तो वह ऐसे प्रत्येक दिन के लिए, जब तक आवेदन प्राप्त किया जाता है या सूचना दी जाती है, दो सौ पचास रुपए की शास्ति अधिरोपित की जाएगी और यद्ठ कूल रकम पच्चीस डजार रुपए से अधिक नहीं होगी। कुछ मामलों में लागू सेवा नियमों के अधीन अनुशासनिक कार्यवाही की सिफारिश का भी प्रावधान है।