शासन व्यवस्था एक विस्तृत अवधारणा है जिसमें शासन के विभिन्न अंग, शासन के विभिन्न स्तर (अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय व स्थानीय), उनके अधिकार, दायित्व, कार्यक्षेत्र की स्पष्ट रूपरेखा शामिल होती है। शासन के अंगों व अन्य विविध सरकारी, गैर-सरकारी संगठनों व संस्थाओं से सम्बन्ध, राज्य-नागरिक सम्बन्ध, नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण, शासन की प्रकृति (कल्याणकारी व अन्य) आदि कारक शासन व्यवस्था को प्रभावित करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने वर्ष 1997 में शासन को परिभाषित करते हुए कहा था, “यह प्रत्येक स्तर पर एक देश के मामलों का प्रबंधन करने के लिए आर्थिक, राजनीतिक और प्रशासनिक प्राधिकार का प्रयोग है। इसमें ऐसे तंत्र, प्रक्रियाएँ व संस्थाएँ शामिल होती हैं, जिनके जरिए नागरिक और समूह अपने हितों को व्यक्त करते हैं, अपने वैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं, अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं और अपने मतमेदों को सुलझाते हैं।”
वर्ष 1993 में विश्व बैंक ने शासन को परिभाषित करते हुए कहा था, “शासन एक पद्धति है जिसके द्वारा विकास के लिए एक देश के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक-संसाधनों के प्रबंधन में शक्ति का प्रयोग किया जाता है।" विश्व बैंक ने विकासशील देशों के संदर्भ में शासन को प्राथमिक ढंग से पारदर्शिता उत्तरदायित्व व न्यायिक सुधार के सन्दर्भ में विश्लेषित किया है।
शासन व्यवस्था एक विस्तृत अवधारणा है जिसमें शासन के विभिन्न अंग, शासन के विभिन्न स्तर (अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय व स्थानीय), उनके अधिकार, दायित्व, कार्यक्षेत्र की स्पष्ट रूपरेखा शामिल होती है। शासन के अंगों व अन्य विविध सरकारी, गैर-सरकारी संगठनों व संस्थाओं से सम्बन्ध, राज्य-नागरिक सम्बन्ध, नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण, शासन की प्रकृति (कल्याणकारी व अन्य) आदि कारक शासन व्यवस्था को प्रभावित करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने वर्ष 1997 में शासन को परिभाषित करते हुए कहा था, “यह प्रत्येक स्तर पर एक देश के मामलों का प्रबंधन करने के लिए आर्थिक, राजनीतिक और प्रशासनिक प्राधिकार का प्रयोग है। इसमें ऐसे तंत्र, प्रक्रियाएँ व संस्थाएँ शामिल होती हैं, जिनके जरिए नागरिक और समूह अपने हितों को व्यक्त करते हैं, अपने वैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं, अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं और अपने मतमेदों को सुलझाते हैं।”
वर्ष 1993 में विश्व बैंक ने शासन को परिभाषित करते हुए कहा था, “शासन एक पद्धति है जिसके द्वारा विकास के लिए एक देश के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक-संसाधनों के प्रबंधन में शक्ति का प्रयोग किया जाता है।" विश्व बैंक ने विकासशील देशों के संदर्भ में शासन को प्राथमिक ढंग से पारदर्शिता उत्तरदायित्व व न्यायिक सुधार के सन्दर्भ में विश्लेषित किया है।