कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न रोकने के उपाय (Measures to stop sexual harassment of women at workplace)
Posted on March 25th, 2020
कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न रोकने के उपाय (Measures to stop sexual harassment of women at workplace)-
* कार्यस्थलों पर होने वाले छेड़छाड़ एवं यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए अच्छी तरह से गठित एक शिकायत निवारण प्रणाली होना चाहिए। इसकी कार्यप्रणाली इस प्रकार की हो कि महिला कर्मचारी बेहिचक अपने साथ होने वाले अपराधों की शिकायत कर सके।
* संगठनों में शिकायत निवारण प्रणाली के अंतर्गत गठित शिकायत समिति द्वारा महिला कर्मचारियों से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करना चाहिए तथा महिलाओं द्वारा किए गए शिकायतों को गम्भीरतापूर्वक लेना चाहिए। निश्चित समय सीमा के अन्दर मामले की सुनवाई कर दोषियों को दण्ड दिया जाना चाहिए। यौन हिंसा से सम्बन्धित किसी शिकायत को करते समय महिलाओं को डरना नहीं चाहिए। यह उनका कर्तव्य है कि ऐसी किसी घटना की जानकारी अविलम्ब शिकायत समिति को दें।
* यह शिकायत समिति की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह शिकायत की गोपनीयता बनाए रखे।
* प्रत्येक संगठन में महिला एवं पुरुष कर्मचारियों के लिए यौन उत्पीड़न रोकथाम सम्बन्धी जागरूकता प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इससे कर्मचारियों के बीच सद्भाव का वातावरण बनेगा और वे अपने को सुविधाजनक स्थिति में पाएंगे। इस प्रशिक्षण में महिलाओं पर यौन उत्पीड़न का क्या-क्या प्रभाव पड़ता है, उसे बताना जाना चाहिए ।
* प्रत्येक कर्मचारी का यह दायित्व होना चाहिए कि वह महिला कर्मचारियों में सुरक्षा का भाव पैदा करे।उसे यह समझना होगा कि यौन उत्पीड़न से महिला के स्वास्थ्य, विश्वास एवं क्षमता पर नकारात्मक एवं हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है जो उसके द्वारा रोजगार छोड़ने तक में तब्दील हो सकता है।
* शिकायत समिति को यौन उत्पीड़न से सम्बन्धित मामलों की सुनवाई करते समय अपने सहयोगियों या वरिष्ठों के प्रति पूर्वाग्रह से कार्य नहीं करना चाहिए एवं मामलों की पारदर्शी ढंग से सुनवाई कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करना चाहिए।
कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न रोकने के उपाय (Measures to stop sexual harassment of women at workplace)
कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न रोकने के उपाय (Measures to stop sexual harassment of women at workplace)-
* कार्यस्थलों पर होने वाले छेड़छाड़ एवं यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए अच्छी तरह से गठित एक शिकायत निवारण प्रणाली होना चाहिए। इसकी कार्यप्रणाली इस प्रकार की हो कि महिला कर्मचारी बेहिचक अपने साथ होने वाले अपराधों की शिकायत कर सके।
* संगठनों में शिकायत निवारण प्रणाली के अंतर्गत गठित शिकायत समिति द्वारा महिला कर्मचारियों से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करना चाहिए तथा महिलाओं द्वारा किए गए शिकायतों को गम्भीरतापूर्वक लेना चाहिए। निश्चित समय सीमा के अन्दर मामले की सुनवाई कर दोषियों को दण्ड दिया जाना चाहिए। यौन हिंसा से सम्बन्धित किसी शिकायत को करते समय महिलाओं को डरना नहीं चाहिए। यह उनका कर्तव्य है कि ऐसी किसी घटना की जानकारी अविलम्ब शिकायत समिति को दें।
* यह शिकायत समिति की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह शिकायत की गोपनीयता बनाए रखे।
* प्रत्येक संगठन में महिला एवं पुरुष कर्मचारियों के लिए यौन उत्पीड़न रोकथाम सम्बन्धी जागरूकता प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इससे कर्मचारियों के बीच सद्भाव का वातावरण बनेगा और वे अपने को सुविधाजनक स्थिति में पाएंगे। इस प्रशिक्षण में महिलाओं पर यौन उत्पीड़न का क्या-क्या प्रभाव पड़ता है, उसे बताना जाना चाहिए ।
* प्रत्येक कर्मचारी का यह दायित्व होना चाहिए कि वह महिला कर्मचारियों में सुरक्षा का भाव पैदा करे।उसे यह समझना होगा कि यौन उत्पीड़न से महिला के स्वास्थ्य, विश्वास एवं क्षमता पर नकारात्मक एवं हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है जो उसके द्वारा रोजगार छोड़ने तक में तब्दील हो सकता है।
* शिकायत समिति को यौन उत्पीड़न से सम्बन्धित मामलों की सुनवाई करते समय अपने सहयोगियों या वरिष्ठों के प्रति पूर्वाग्रह से कार्य नहीं करना चाहिए एवं मामलों की पारदर्शी ढंग से सुनवाई कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करना चाहिए।