वेश्यावृत्ति खत्म करने के लिए कुछ सुझाव (Suggestions to Eliminate Prostitution)

Posted on March 26th, 2020 | Create PDF File

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वेश्यावृत्ति खत्म करने के लिए कुछ सुझाव (Some Suggestions to Eliminate Prostitution)-

 

* सरकार, गैर सरकारी संगठनों एवं विभिन्‍न सम्प्रदाय के धार्मिक गुरूओं को वेश्यावृत्ति की मांग में कमी लाने का प्रयास करना चाहिए। यदि समाज में सेक्स की मांग नहीं होगी तो वेश्यावृत्ति की संख्या में गिरावट आने लगेगी।

 

* इसकी मांग में शामिल व्यक्तियों, दलालों तथा दुर्व्यापार में शामिल व्यक्तियों को दण्डित करने का प्रावधान किया जाना चाहिए।

 

* सरकार द्वारा वेश्याव॒त्ति के सम्बन्ध में ढीला-ढाला रवैया न अपनाकर इसे ऐसे पेशे के रूप में प्रचारित करने की जरूरत है जिसे कोई महिला या लड़की आकर्षक समझकर अपनाने के बारे में न सोचे।

 

* स्त्रियों की आर्थिक स्थिति को सुधारा जाए, उनमें दक्षता का विकास किया जाए जिससे पुरुषों पर उनकी निर्भरता समाप्त हो सके।

 

* वेश्याओं के बच्चों की शिक्षा इस ढंग से हो कि वे स्वयं इस व्यवसाय से घृणा करके सम्मानपूर्वक सामाजिक जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित हों।

 

* रेडियो, समाचार पत्रों एव चलचित्रों द्वारा दलालों की चालों एवं तरकीबों को समझाया जाए जिससे लड़कियों में जागरूकता आए और वे उनके चंगुल में फंसने से बच सकें।

 

* सरकार और समाज सुधारकों को वेश्याओं एवं उनकी कन्याओं के विवाह का प्रबन्ध करना चाहिए।अनेक वेश्याएं अपना पेशा छोड़कर नैतिक जीवन व्यतीत करने का इच्छुक होती हैं लकिन समाज उन्हें अन्य रूप में स्वीकार नहीं करता। अत: प्रयास किए जाएं कि समाज उन्हें किसी अन्य रूप में स्वीकार करने को तैयार हो।

 

* वेश्याओं के प्रति समाज की मनोवृत्ति को बदलना होगा। उन्हें मजबूरी का शिकार समझकर उनके साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए।

 

* अनेक स्त्रियां वेश्यावृत्ति अपनाने के कारण मानसिक दुर्बलता या अन्य प्रकार के मानसिक विकास की शिकार हो जाती हैं, ऐसी स्त्रियों से बातचीत करके उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने की व्यवस्था होनी चाहिए।

* प्रत्येक जिले में सुधारगृहों की व्यवस्था की जाए।वेश्यावृत्ति में फंसी लड़कियों एवं स्त्रियों के पुनर्वास की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए।

 

* ग्रामीण एवं नगरीय दोनों क्षेत्रों पर ऐसे परामर्श केन्द्रों की स्थापना की जानी चाहिए जिनका उद्देश्य पारिवारिक सामंजस्य की समस्याओं को समझाना हो। इन परामर्श केन्द्रों को यह भी कर्तव्य सौंपा जाना चाहिए कि वह उन व्यक्तियों को यौन शिक्षा दे जो यौन व्यवहार के स्वस्थ सिद्धान्तों से अनभिज्ञ हैं।

 

* यौन शिक्षा को 46 वर्ष के ऊपर के लड़के-लडकियों के अध्ययन का एक विषय भी बनाया जा सकता है।