नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 130

Posted on April 25th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये - 

  1. संसद विधि द्वारा किसी भी राज्य के राज्यक्षेत्र को अलग करके या दो या दो से अधिक राज्यों या राज्यों के हिस्सों को मिलाकर अथवा एक राज्य में किसी राज्यक्षेत्र को मिलाकर एक नए राज्य का गठन कर सकती है।
  2. ‘भारत संघ’ अभिव्यक्ति में केवल राज्य शामिल हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II  

(d) न तो I और न ही II

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत के नागरिकों का/के विशिष्ट अधिकार है/हैं ? 

  1. भारत में निर्वाचन में मताधिकार का प्रयोग 
  2. राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होना
  3. प्राथमिक शिक्षा का अधिकार

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये :

(a) केवल I

(b) केवल I और II

(c) केवल II और III  

(d) I, II और III              

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : 1955 के नागरिकता अधिनियम में नागरिकता प्राप्त करने के लिये निम्नलिखित में से किन माध्यमों का उल्लेख किया गया है ?

  1. वंश के आधार पर 
  2. प्राकृतिक रूप से 
  3. जन्म से
  4. पंजीकरण द्वारा

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये :

(a) केवल I और IV

(b) केवल I, II और III

(c) केवल I, II और IV  

(d) I, II, III और IV

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : भारत के संविधान की उद्देशिका अपने नागरिकों को निम्नलिखित में से किस प्रकार का न्याय प्रदान करती है ?

  1. सामाजिक 
  2. मनोवैज्ञानिक
  3. आर्थिक
  4. राजनीतिक

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये : 

(a) केवल I, II और III

(b) केवल II, III और IV

(c) केवल I, III और IV

(d) I, II, III और IV          

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : भारतीय संविधान की उद्देशिका के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. उद्देशिका को संविधान का भाग नहीं माना जाता है। 
  2. उद्देशिका विधायिका की मनमानी शक्तियों को नियंत्रित करने का कार्य करती है।
  3. उद्देशिका ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ पर आधारित है जिसे पंडित नेहरू द्वारा प्रस्तुत किया गया था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ? 

(a) केवल I 

(b) केवल I और II

(c) केवल I और III  

(d) I, II और III 

          

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

उत्तरमाला

 

 

 

 

 

उत्तर-1 : (c)         

 

व्याख्या : भारतीय संविधान का भाग-1 संघ और इसके क्षेत्र के रूप में वर्णित है। इसमें अनुच्छेद 1 से 4 शामिल हैं। भाग 1 में भारत के संविधान से संबंधित कानूनों का एक संकलन है जिसमें कहा गया है कि भारत राज्यों का संघ है। संविधान के इस भाग में राज्यों की सीमाओं की स्थापना, नामकरण, विलय या सीमाओं में परिवर्तन से संबंधित कानून शामिल हैं।

अनुच्छेद-3 नए राज्यों के गठन और मौजूदा राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन के बारे में उल्लेख करता है। इस प्रकार संसद विधि द्वारा-

 

  1. (a)किसी राज्य में से उसका राज्यक्षेत्र अलग करके अथवा दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों को मिलाकर अथवा किसी राज्यक्षेत्र को किसी राज्य के भाग के साथ मिलाकर नए राज्य का निर्माण कर सकती है।
  2. (b)किसी राज्य का क्षेत्र बढ़ा सकती है।
  3. (c)किसी राज्य का क्षेत्र घटा सकती है।
  4. (d)किसी राज्य की सीमाओं में परिवर्तन कर सकती है।
  5. (e)किसी राज्य के नाम में परिवर्तन कर सकती है।

 

परंतु इस प्रयोजन के लिये कोई विधेयक राष्ट्रपति की सिफारिश के बिना और जहाँ विधेयक में अंतर्विष्ट प्रस्थापना का प्रभाव राज्यों में से किसी के क्षेत्र, सीमाओं या नाम पर पड़ता है वहाँ जब तक उस राज्य के विधानमंडल द्वारा उस पर अपने विचार, ऐसी अवधि के भीतर जो निर्देश में विनिर्दिष्ट किये जाएँ या ऐसी अतिरिक्त अवधि के भीतर जो राष्ट्रपति द्वारा अनुज्ञात की जाएँ, प्रकट किये जाने के लिये वह विधेयक राष्ट्रपति द्वारा उसे निर्देशित नहीं कर दिया गया है और इस प्रकार विनिर्दिष्ट या अनुज्ञात अवधि समाप्त नहीं हो गई है, संसद के किसी सदन में पुन: स्थापित नहीं किया जाएगा। अत: कथन 1 सही है।

 

अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि भारत, अर्थात् इंडिया, ‘राज्यों के समूह’ के बजाय ‘राज्यों का संघ’ होगा।

‘भारत के क्षेत्र’ ‘भारत का संघ’ की तुलना में व्यापक अभिव्यक्ति है क्योंकि ‘भारत के संघ’ में केवल राज्य शामिल हैं, जबकि ‘भारत का क्षेत्र’ में न केवल राज्यों को बल्कि केंद्रशासित प्रदेशों और क्षेत्रों को शामिल किया गया है जिन्हें भविष्य में भारत सरकार द्वारा कभी भी अधिगृहीत किया जा सकता है। राज्य संघीय प्रणाली के सदस्य हैं और केंद्र के साथ शक्तियों का वितरण साझा करते हैं। दूसरी ओर, केंद्रशासित प्रदेशों और अधिग्रहित क्षेत्रों को सीधे केंद्र सरकार द्वारा प्रशासित किया जाता है। अत: कथन 2 सही है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-2 : (b)

 

व्याख्या : संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिक जिन्होंने स्वयं का मतदाता के रूप में पंजीकरण करवाया है, वे वोट देने के पात्र हैं। उन्हें राष्ट्रीय, राज्य, ज़िले और साथ ही स्थानीय सरकारी निकाय चुनावों में वोट डालने का अधिकार होता है। किसी भी व्यक्ति को तब तक वोट डालने से न तो रोका या प्रतिबंधित किया जा सकता है, जब तक कि वह अयोग्य ठहराए जाने के मानदंडों को पूरा न करे। प्रत्येक मतदाता को एक चुनाव में केवल एक वोट की अनुमति होती है। एक मतदाता केवल उसी निर्वाचन क्षेत्र में वोट कर सकता है जहाँ उसने खुद को पंजीकृत कराया है। अत: कथन 1 सही है।

संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति के रूप में चुनाव के लिये तब तक योग्य नहीं होगा, जब तक कि वह-

 

  1. भारत का नागरिक न हो,
  2. उसकी आयु 35 वर्ष न हुई हो,
  3. लोकसभा के सदस्य के रूप में चुनाव के योग्य न हो।

 

अत: कथन 2 सही है।

 

संविधान के अनुच्छेद 21 और मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा के अंतर्गत जीवन और निजी स्वतंत्रता का संरक्षण केवल नागरिकों के लिये ही अनन्य (exclusive) नहीं है।

प्राथमिक शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 21A) - अनुच्छेद 21 (A) यह घोषित करता है कि राज्य छह से चौदह वर्ष की आयु के सभी बच्चों को उस तरीके से मुक्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करेगा, जैसा कि राज्य निर्धारित करे। यह अधिकार नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों के लिये उपलब्ध है।

यह प्रावधान केवल प्राथमिक शिक्षा को एक मौलिक अधिकार बनाता है उच्चतर या पेशेवर शिक्षा को नहीं। अत: कथन 3 सही नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-3 : (d)

 

व्याख्या : नागरिकता अधिनियम (1955) संविधान के लागू होने के बाद नागरिकता के अर्जन और समाप्ति के बारे में प्रावधान करता है। मूल रूप से, नागरिकता अधिनियम (1955) राष्ट्रमंडल नागरिकता का भी प्रावधान प्रदान करता है। लेकिन, इस प्रावधान को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2003 द्वारा निरस्त कर दिया गया था।

  • 1955 का नागरिकता अधिनियम नागरिकता प्राप्त करने के पाँच तरीकों को निर्धारित करता है - जन्म, वंशानुगत, पंजीकरण, देशीयकरण और राज्यक्षेत्र में मिल जाने से प्राप्त नागरिकता। अत: (d) सही उत्तर है।

 

इन प्रावधानों का संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है:

 

जन्म से नागरिकता: जिस व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी, 1950 को या उसके पश्चात् भारत में हुआ हो, जन्म से भारत का नागरिक होगा। किंतु इस नियम के दो अपवाद हैं- प्रथम, विदेश के राजनैतिक कर्मचारियों के भारत में जन्म लेने वाले बच्चे, और द्वितीय, शत्रुओं के अधीन भारत के किसी भाग में जन्म लेने वाले इनके बच्चे।

 

वंशानुगत नागरिकता: 26 जनवरी, 1950 अथवा उसके पश्चात् भारत के बाहर जन्म लेने वाला बच्चा वंशानुगत आधार पर भारत का नागरिक होगा यदि उस समय उसका पिता भारत का नागरिक हो। इसके अतिरिक्त भारतीय नागरिकों के बच्चे और उन लोगों के बच्चे जो भारत के नागरिक न होते हुए भी भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन सेवा कर रहे हैं, वे इस उपबंध का लाभ उठा सकते हैं और पंजीकरण द्वारा वंशानुगत भारतीय नागरिक बन सकते हैं।

 

पंजीकरण द्वारा नागरिकता: संविधान में उल्लिखित उपबंधों के आधार पर जो व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है, पंजीकरण द्वारा वह भारत का नागरिक बनने के योग्य है। उन व्यक्तियों की श्रेणी हैं: भारतीय मूल के वे व्यक्ति, जो अविभाजित भारत से बाहर किसी देश अथवा स्थान में रहते हों; भारतीय मूल के वे व्यक्ति जो साधारणतया भारत में रहते हैं और विशेषरूप से पंजीकरण के लिये आवेदन प्रस्तुत करने के कम-से-कम छ: महीने पूर्व से भारत में रह रहे हैं; वे स्त्रियाँ, जिन्होंने भारतीय नागरिकों के साथ विवाह किया हो; भारतीय नागरिकों के बच्चे।

 

देशीयकरण द्वारा नागरिकता: कुछ दशाओं में उपरोक्त किसी भी तरीके से शामिल नहीं किये गए विदेशी नागरिक भारत सरकार के देशीयकरण द्वारा नागरिकता के आधार पर भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।

 

राज्य क्षेत्र में मिल जाने से प्राप्त नागरिकता: यदि कोई अन्य राज्यक्षेत्र भारत का भाग बन जाता है तो भारत सरकार यह विनिर्दिष्ट करेगी कि उस राज्यक्षेत्र के व्यक्ति भारत के नागरिक होंगे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-4 : (c)

 

व्याख्या : प्रस्तावना के अनुसार, संविधान 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था। इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। हालाँकि, संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ।

 

संविधान की प्रस्तावना:

 

हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिये तथा उसके समस्त नागरिकों को:

सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिये तथा

उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिये

दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, सम्वत् दो हज़ार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा

इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।

42वें संविधान संशोधन अधिनियम (1976) द्वारा तीन नए शब्द - समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और अखंडता जोड़े गए।

प्रस्तावना में ‘न्याय’ शब्द मौलिक अधिकारों और नीति निर्देशक सिद्धांतों के विभिन्न प्रावधानों के माध्यम से तीन अलग-अलग रूपों- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक को समाविष्ट करता है। अत: 1, 3 और 4 सही हैं।

सामाजिक न्याय जाति, रंग, वंश, धर्म, लिंग आदि के आधार पर किसी भी सामाजिक भेदभाव के बिना सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार को निर्दिष्ट करता है।

आर्थिक न्याय आर्थिक कारकों के आधार पर लोगों के बीच गैर-भेदभाव को दर्शाता है। इसमें धन, आय और संपत्ति में स्पष्ट असमानताओं को समाप्त करना शामिल है। सामाजिक न्याय और आर्थिक न्याय का एक संयोजन जो ‘वितरित न्याय’ के रूप में जाना जाता है, को दर्शाता है।

राजनीतिक न्याय का तात्पर्य है कि सभी नागरिकों के समान राजनीतिक अधिकार हों, सभी राजनीतिक कार्यालयों में समान पहुँच हो और सरकार में समान अभिव्यक्ति प्राप्त हो।

सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का आदर्श रूसी क्रांति (1917) से लिया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-5 : (b)

 

व्याख्या : भारतीय संविधान की प्रस्तावना ‘संकल्पित उद्देश्यों’ पर आधारित है। इसका प्रारूप पंडित जवाहरलाल नेहरु द्वारा तैयार किया गया तथा निर्वाचक सभा द्वारा अंगीकृत किया गया। अत: कथन 3 सही है।

 

42वें संविधान संशोधन अधिनियम (1976) में तीन नए शब्द समाजवादी, पंथनिरपेक्षता तथा अखंडता जोड़े गए। एल.आई.सी. मामले में इन शब्दों को भारत के संविधान का महत्त्वपूर्ण भाग माना गया है। अतः कथन 1 सही नहीं है।

 

संविधान की प्रस्तावना के चार महत्त्वपूर्ण घटक हैं:

 

  1. संविधान की अधिकारिता के स्रोत: प्रस्तावना में कहा गया है कि संविधान की अधिकारिता भारत के लोगों में निहित है।
  2. भारतीय राज्यों की प्रकृति: यह भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष , प्रजातान्त्रिक और गणतंत्र राज्य होने की उद्घोषणा करता है।
  3. संविधान के उद्देश्य: यह न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा भाईचारे को इसके उद्देश्यों के रूप व्यक्त करता है।
  4. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक मामले में दिये गए विचार के अनुसार, प्रस्तावना संविधान का एक भाग है। संविधान की मूल संरचना में बिना कोई बदलाव किये इसके अन्य भागों में संशोधन किया जा सकता है। संविधान की प्रस्तावना के संबंध में दो बातें ध्यान देने योग्य हैं-
  5. प्रस्तावना न तो विधानमंडल की शक्ति का स्रोत है और न ही विधायिका के अधिकारों पर प्रतिबंध है।
  6. इसके प्रावधान विधि द्वारा स्थापित न्यायालयों में प्रवर्तनीय नहीं है।

अत: कथन 2 सही नहीं है।