नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 128
Posted on April 23rd, 2019 | Create PDF File
प्रश्न-1 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- भारत के संविधान का भाग-II भारत की नागरिकता से संबंधित है।
- भारतीय संविधान, अपने लागू होने के बाद से भारतीय नागरिकता के अधिग्रहण, निर्धारण और समाप्ति के मामलों से संबंधित है।
- सभी मौलिक कर्त्तव्यों को 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल I
(b) केवल II और III
(c) केवल I और II
(d) केवल I और III
उत्तर - ()
प्रश्न-2 : निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारतीय संविधान के भाग-IX में शामिल अनिवार्य प्रावधान है/हैं ?
- ग्राम, मध्यवर्ती और ज़िला स्तर पर पंचायतों में सभी सीटों के लिये प्रत्यक्ष चुनाव।
- पंचायतों में सभी स्तरों पर पिछड़े वर्गों के लिये एक-तिहाई सीटों का आरक्षण।
- पंचायतों में सभी स्तरों पर महिलाओं के लिये एक-तिहाई सीटों का आरक्षण।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये :
(a) केवल I और III
(b) केवल III
(c) केवल I और II
(d) I, II और III
उत्तर - ()
प्रश्न-3 : भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
- इसके द्वारा वायसराय के पद को समाप्त कर दिया गया और ब्रिटिश संसद के परामर्श पर प्रत्येक डोमिनियन के लिये एक गवर्नर जनरल की नियुक्ति का प्रावधान किया गया।
- इसने देशी रियासतों को भारत या पाकिस्तान में से किसी भी डोमिनियन में शामिल होने की स्वतंत्रता दी। हालाँकि, उन्हें स्वतंत्र रहने की अनुमति नहीं थी।
- राज्य सचिव के पद को बने रहने दिया गया तथा उसे राष्ट्रमंडल मामलों के राज्य सचिव की अतिरिक्त शक्ति प्रदान की गई।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये :
(a) केवल I
(b) केवल III
(c) केवल II और III
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
प्रश्न-4 : निम्नलिखित में से कौन-से भारत के संविधान के संघात्मक लक्षण हैं ?
- लिखित संविधान
- एकीकृत न्यायपालिका
- द्विसदनीय व्यवस्था
- अखिल भारतीय सेवाएँ
- आपात उपबंध
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये :
(a) केवल I, II और III
(b) केवल II, IV और V
(c) केवल I और III
(d) केवल I और IV
उत्तर - ()
प्रश्न-5 : भारत में सैन्य कानून (मार्शल लॉ) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
- इसे जर्मनी के संविधान से लिया गया है।
- इसे भारतीय संविधान में परिभाषित किया गया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
उत्तरमाला
उत्तर-1 : (a)
व्याख्या : भारत के संविधान का भाग II (अनुच्छेद 5-11) भारत की नागरिकता से संबंधित है। अत: कथन 1 सही है।
नागरिकता अधिनियम, 1955, संविधान के लागू होने के बाद भारतीय नागरिकता के अधिग्रहण, निर्धारण और समापन मामलों के संबंध में है। अत: कथन 2 सही नहीं है।
संविधान के 42वें संशोधन, जिसे 1976 में अपनाया गया, में नागरिकों के मौलिक कर्त्तव्यों का भी उल्लेख किया गया है। संविधान के भाग IV A में निहित अनुच्छेद 51 'A' मौलिक कर्त्तव्यों से संबंधित है।
अनुच्छेद 51A में संशोधन (दिसंबर 2002 में 86वाँ संशोधन) - संविधान के अनुच्छेद 51A में जोड़ा गया अनुच्छेद 51A (k) एक नया मौलिक कर्त्तव्य है। इसके अनुसार सभी माता-पिता और संरक्षकों के लिये उनके 6 से 14 वर्ष तक की उम्र के बीच के बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने होंगे। अत: कथन 3 सही नहीं है।
उत्तर-2 : (a)
व्याख्या : भाग-IX (पंचायत) के अनिवार्य प्रावधानों में शामिल हैं :
- गाँव या गाँवों के समूह में ग्राम सभा का व्यवस्थापन।
- ग्रामीण, मध्यवर्ती और ज़िला स्तरों पर पंचायतों की स्थापना।
- ग्रामीण, मध्यवर्ती और ज़िला स्तरों पर पंचायतों की सभी सीटों के लिये प्रत्यक्ष चुनाव। अत: कथन 1 सही है।
- मध्यवर्ती और ज़िला स्तर पर पंचायतों के अध्यक्ष के पद पर अप्रत्यक्ष चुनाव।
- पंचायत चुनाव लड़ने के लिये न्यूनतम आयु 21 वर्ष होगी।
- सभी तीन स्तरों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति लिये सीटों का आरक्षण पंचायतों में उनकी आबादी के अनुपात में। अत: कथन 2 सही नहीं है।
- सभी तीन स्तरों पर पंचायतों में महिलाओं के लिये एक-तिहाई सीटों का आरक्षण। जबकि, पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण और पंचायतों को वित्तीय शक्तियाँ प्रदान करना स्वैच्छिक विशेषताएँ हैं। अत: कथन 3 सही है।
- सभी स्तरों पर पंचायतों के लिये पाँच साल का कार्यकाल तय करना।
- किसी भी पंचायत के अधिक्रमण की स्थिति में छह महीने के भीतर नए चुनाव का आयोजन करना। पंचायतों के चुनाव के लिये राज्य चुनाव आयोग की स्थापना।
- पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा के लिये प्रत्येक पाँच वर्षों के बाद एक राज्य वित्त आयोग का गठन।
उत्तर-3 : (d)
व्याख्या : 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम :
- यह अधिनियम भारत में ब्रिटिश शासन की समाप्ति करता है तथा भारत को 15 अगस्त, 1947 से एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य घोषित करता है।
- यह अधिनियम भारत के विभाजन और ब्रिटिश राष्ट्रमंडल से अलग होने के अधिकार के साथ भारत एवं पाकिस्तान दो स्वतंत्र डोमिनियन स्टेट के गठन की घोषणा करता है।
- यह अधिनियम वायसराय के पद की समाप्ति करता है तथा प्रत्येक डोमिनियन के लिये ब्रिटिश राजा द्वारा रियासत के मंत्रिमंडल की सलाह पर एक गवर्नर जनरल की नियुक्ति करने की व्यवस्था करता है।
अत: कथन 1 सही नहीं है।
- यह अधिनियम दोनों डोमिनियन स्टेट की विधानसभाओं को अपने संबंधित देशों के लिये किसी भी संविधान को अपनाने या उसका गठन करने के साथ-साथ ब्रिटिश संसद को निरसित करने की शक्ति देता है।
- यह दोनों डोमिनियन स्टेट की विधानसभाओं को नए संविधानों के तैयार होने या लागू होने से पूर्व संबंधित राज्य क्षेत्रों में कानून बनाने का अधिकार देता है।
- यह भारतीय रियासतों को भारतीय डोमिनियन में रहने या पाकिस्तान में जाने या स्वतंत्र रहने की आज़ादी देता है।
अत: कथन 2 सही नहीं है।
- यह भारत के लिये राज्य के सचिव के पद की समाप्ति करता है तथा उसके कार्यों को कॉमनवेल्थ मामलों के राज्य सचिव को स्थानांतरित करता है।
अत: कथन 3 सही नहीं है।
- जब तक नया संविधान निर्मित नहीं हो जाता तब तक दोनों राज्यों का शासन भारत शासन अधिनियम, 1935 द्वारा ही चलाया जाएगा।
- दोनों राज्यों के पास यह अधिकार सुरक्षित होगा कि वह अपनी इच्छानुसार राष्ट्रमंडल में बने रहें या उससे अलग हो जाएँ।
- जब तक प्रांतों में नए चुनाव नहीं कराए जाते उस समय तक प्रांतों में पुराने विधानमंडल कार्य कर सकेंगे।
- इस अधिनियम के अनुसार, ब्रिटिश क्राउन का भारतीय रियासतों पर प्रभुत्व भी समाप्त हो गया और 15 अगस्त, 1947 को सभी संधियाँ और समझौते समाप्त माने जाने की घोषणा की गई।
- इस अधिनियम में भारत के राज्यों के सचिव द्वारा सिविल सेवाओं में नियुक्ति तथा आरक्षण के अधिकार को समाप्त कर दिया गया।
- 15 अगस्त, 1947 के पूर्व नियुक्त सिविल सेवाओं के सदस्यों को अपने पद पर बने रहने का लाभ दिया गया।
उत्तर-4 : (c)
व्याख्या : भारत के संविधान में एकात्मक और संघात्मक दोनों विशेषताएँ हैं जो अद्वितीय तथा भारत की स्थितियों के प्रति अनुकूलनीय हैं। इसलिये के. सी. व्हेअर ने भारतीय संविधान को अर्द्ध-संघीय’ तथा ग्रेनविल ऑस्टिन ने भारतीय संघवाद को ‘सहकारी संघवाद’ के रूप में वर्णित किया था।
भारत के संविधान की संघात्मक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :
- द्वैध राजपद्धति
- लिखित संविधान
- शक्तियों का विभाजन
- संविधान की सर्वोच्चता
- अपरिवर्तनीय संविधान
- स्वतंत्र न्यायपालिका
- द्विसदनीय व्यवस्था
भारत के संविधान की निम्नलिखित एकात्मक विशेषताएँ हैं:
- सुदृढ़ केंद्र
- राज्य अनश्वर नहीं
- एकल संविधान
- संविधान का लचीलापन
- राज्यों के प्रतिनिधित्व में समानता का अभाव
- आपातकालीन उपबंध
- एकल नागरिकता
- एकीकृत न्यायपालिका
- अखिल भारतीय सेवाएँ
- एकीकृत लेखा-जाँच व्यवस्था
- राज्य सूची पर संसद का प्राधिकार
- राज्यपाल की नियुक्ति
- एकीकृत निवार्चन प्रणाली
- राज्यों के विधेयकों पर वीटो शक्ति
अत: केवल 1 और 3 सही हैं।
उत्तर-5 : (d)
व्याख्या : संविधान का अनुच्छेद 34 ऐसी स्थिति में मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध का प्रावधान करता है जब भारत के क्षेत्र के भीतर किसी भी क्षेत्र में सैन्य कानून (मार्शल लॉ) लागू किया गया है। सैन्य कानून की अवधारणा इंग्लैंड की सामान्य विधि से ली गई है। लेकिन, ‘मार्शल लॉ’ की अभिव्यक्ति को भारतीय संविधान में कहीं भी परिभाषित नहीं किया गया है। अत: कथन 1 और 2 दोनों गलत हैं।