स्वास्थ्य समसामियिकी 2 (30-July-2020)
विटामिन- डी और इसका महत्व
(Vitamin D and its importance)

Posted on July 30th, 2020 | Create PDF File

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वर्तमान में, COVID-19 महामारी के दौरान, वैज्ञानिकों के मध्य विटामिन-डी के महत्व पर गंभीर चर्चाएँ हो रही हैं।

 

 

विटामिन-डी का निर्माण, सौर प्रकाश (अथवा, कृत्रिम प्रकाश, विशेष रूप से 190-400 नैनो मीटर तरंग दैर्ध्य का पराबैंगनी क्षेत्र में) के त्वचा पर पड़ने और कोलेस्ट्रॉल-आधारित अणुओं की रासायनिक अभिक्रिया के आरंभ होने पर होता है। इस अभिक्रिया में कोलेस्ट्रॉल-आधारित अणुओं का यकृत (liver) में कैल्सीडियोल के रूप में तथा वृक्क (kidney) में कैल्सीट्रियोल के रूप में परिवर्तन हो जाता है।विटामिन डी, वसा में घुलनशील विटामिन होती है, अर्थात, यह वसा और तेलों में घुल जाती है और इसे शरीर में लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है।

 

 

विटामिन-डी को हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करने के लिए जाना जाता है, इसके साथ ही यह कोशिका झिल्ली को सुरक्षित रखने वाली प्रक्रिया को उत्प्रेरित करती है, उतकों की सूजन तथा ऊतकों द्वारा फाइबर निर्माण को रोकती है।विटामिन-डी ‘अस्थि-सुषिरता’ (ऑस्टियोपोरोसिस- osteoporosis), जिसमे हड्डियां गलने लगती है, को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

 

मधुमेह, उच्च रक्तचाप, निमोनिया, मोटापा तथा धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में विटामिन डी की कमी होने पर COVID-19 से संक्रमित होने का काफी जोखिम है।इसकी कमी से श्वांस-नालिका तथा फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।



एक अध्ययन के अनुसार, भारत में सौर-प्रकाश पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है, इसके बाद भी यहाँ आश्चर्यजनक रूप से, शहरी अथवा ग्रामीण, आयु-वर्ग, स्त्री-पुरुष, धनी-निर्धन, आदि सभी वर्गों के लोगों में विटामिन डी की कमी पायी जाती है।अतः, यह स्पष्ट है कि विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए अधिकांश भारतीयों को इसकी अनुपूरक खुराक दिए जाने की आवश्यकता है।



भारत के निवासियों में विटामिन डी की कमी को देखते हुए, सरकार द्वारा निम्नलिखित कदम उठाये जाने की आवश्यकता है-

 

* सरकार के लिए, स्कूली बच्चों को दिए जा रहे भोजन तथा गरीबों को वितरित की जारी रही खाद्य सामग्री में पोषक तत्वों को सम्मिलित किये जाने हेतु ‘पोषण विशेषज्ञों तथा संस्थानों से परामर्श व सुझाव लेने की आवश्यकता है।

 

* अन्य मामलों में, चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के परामर्श से विटामिन-डी, अन्य विटामिनों तथा कैल्शियम का निःशुल्क वितरण किया जा सकता है।

 

* इन उपायों से. भारत सरकार, अपने देश के गरीब व्यक्तियों में वर्तमान महामारी तथा भविष्य में किसी भी महामारी से लड़ने की क्षमता विकसित कर सकता है।