स्वास्थ्य समसामियिकी 1 (30-July-2020)
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित ChAdOx1 Covid-19 वैक्सीन
(ChAdOx1 Covid-19 vaccine developed by Oxford University)

Posted on July 30th, 2020 | Create PDF File

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हाल ही में, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तथा एक ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी ‘एस्ट्राज़ेनेका (AstraZeneca) द्वारा संयुक्त रूप से COVID-19 महामारी के लिए ChAdOx1 वैक्सीन विकसित की गयी है।इस वैक्सीन ने प्रारंभिक चरण के नैदानिक ​​परीक्षणों में सुरक्षित तथा प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाने वाले परिणाम दिए है।

 

यह वैक्‍सीन ‘नॉन-रेप्लिकेटिंग वायरल वेक्‍टर वैक्सीन’ (Non-Replicating Viral Vector Vaccines) श्रेणी से संबंधित है।यह वैक्सीन आनुवंशिक रूप से डिजायन किये गए वायरस से निर्मित की गयी है, इस वायरस के संक्रमण से चिंपांज़ी (Chimpanzees) में सर्दी-जुखाम हो जाता है।वैज्ञानिकों ने वैक्सीन में कोरोना वायरस के ‘स्पाइक प्रोटीन’ के आनुवांशिक निर्देशों को स्थानांतरित कर दिया, यह स्पाइक प्रोटीन मानव कोशिकाओं को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस प्रकार, यह वैक्सीन कोरोनावायरस से मिलती-जुलती प्रतीत होती है, जिससे व्यक्ति का प्रतिरक्षा तंत्र इसका प्रतिरोध करने के लिए प्रेरित होता है।

 

वैश्विक स्तर पर, ऑक्सफोर्ड तथा एस्ट्राज़ेनेका, ब्राजील में तीसरे चरण का परीक्षण आरम्भ कर चुके है। इन परीक्षणों को 5,000 स्वेच्छाकर्मियों पर किया जा रहा है। शीघ्र ही, दक्षिण अफ्रीका में भी इसी प्रकार के परीक्षण शुरू किये जाने की उम्मीद है।

 

 

 

टीकों का प्रकार:

 

निष्क्रिय (Inactivated): इस प्रकार के टीकों को नष्ट किये जा चुके Covid-19 वायरस के कणों का उपयोग करके निर्मित किया जाता है। इन कणों की एक विशेष डोज़ रोगी को दी जाती है, इससे शरीर में मृत वायरस से लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होता है और प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।

 

नॉन-रेप्लिकेटिंग वायरल वेक्‍टर वैक्सीन: इसमें, Covid-19 स्पाइक प्रोटीन को कोशिकाओं में संचारित करने के लिए किसी अन्य वायरस के आनुवंशिक रूप से संशोधित प्रकार का उपयोग किया जाता है।

 

प्रोटीन सबयूनिट (Protein subunit): इस वैक्सीन में एक लक्षित तरीके से प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए वायरस के एक भाग का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में वायरस के ‘स्पाइक प्रोटीन’ वाले भाग को लक्षित किया जाता है।

 

आरएनए (RNA): इस प्रकार की वैक्सीन में संदेशवाहक RNA (mRNA) अणुओं का उपयोग करते हैं, यह कोशिकाओं के विशिष्ट प्रोटीन का निर्माण करने के निर्देश देते है। कोरोनावायरस मामले में mRNA, को ‘स्पाइक प्रोटीन’ निर्मित करने का निर्देश देने के लिए कूटबद्ध (coded) किया जाता है।

 

डीएनए (DNA): ये टीके आनुवंशिक रूप से संशोधित डीएनए अणुओं का उपयोग करते हैं। इन संशोधित डीएनए अणुओं को प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए पुनः से एंटीजन से कूटबद्ध किया जाता है।