राजव्यवस्था समसामियिकी 1 (8-Aug-2020)
EWS आरक्षण ( EWS Reservation)

Posted on August 8th, 2020 | Create PDF File

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सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के 103 वें संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पाँच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ को हस्तांतरित करने का फैसला किया है।इस संविधान संशोधन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।



जनवरी 2019 में संसद ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण देने के लिए 124वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित करके संविधान में 103वां संशोधन किया था।आरक्षण देने का उद्देश्य केंद्र और राज्य में शिक्षा के क्षेत्र, सरकारी नौकरियों, चुनाव और कल्याणकारी योजनाओं में हर वर्ग की हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है। ताकि समाज के हर वर्ग को आगे आने का मौका मिले।इस संविधान संशोधन के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में में संशोधन किया गया था।जिसके बाद सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10% का आरक्षण कानून बन सका।जिसके अनुसार अनुच्छेद 15 (6) और अनुच्छेद 16(6) को शामिल करके राज्य को किसी भी आर्थिक रूप से कमजोर नागरिक की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान करने में सक्षम बनाया गया है।

 


इस आरक्षण का लाभ उन लोगो को ही मिलेगा जिनके परिवार की सालाना आय आठ लाख रुपए से कम हो।साथ ही उनकी कृषि योग्य ज़मीन भी पाँच एकड़ से कम होनी चाहिए।इसके अलावा आरक्षण का लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनका मकान एक हजार वर्ग फीट से कम में बना हो।यदि मकान अधिसूचित नगरपालिका में है तो 100 गज़ और गैर अधिसूचित नगरपालिका वाले इलाके में है तो 200 गज़ से कम होना चाहिए।इन सभी नियमों के दायरे में आने वाले सामान्य वर्ग के लोगों को ही ये आरक्षण मिल सकेगा।ये आरक्षण केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारी नौकरियों पर लागू होगा। राज्यों को ये अधिकार होगा कि वे इस आरक्षण के लिए अपना अलग आर्थिक मानदंड तय कर सकते हैं।