अंतर्राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (8-Feb-2019)
नॉर्थ मेसेडोनिया नाटो का 30वाँ सदस्य बनने की ओर
(Toward becoming the 30th member of North Macedonia NATO)

Posted on February 8th, 2019 | Create PDF File

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नॉर्थ मेसेडोनिया नाटो का 30वाँ सदस्य बनने जा रहा है। नाटो के 29 सदस्यों द्वारा किसी नए सदस्य के शामिल होने के प्रोटोकॉल की पुष्टि करने के बाद वह विधिवत इसका सदस्य बन जाएगा। 

 

कुछ समय पहले मेसेडोनिया ने देश का नाम बदलकर उत्तरी मेसेडोनिया गणराज्य रख लिया है| इससे मेसेडोनिया और ग्रीस का लंबे समय से चला आ रहा विवाद समाप्त हो गया। 

 

Nato (नाटो)-

 

Nato (नाटो) का पूरा नाम है, North Atlantic Treaty Organization (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) है। जिसमे कुल 29 देश शामिल है। Nato की स्थापना 4 अप्रैल 1949 हुई थी। यह एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है, इसे उत्तर अटलांटिक एलायंस भी कहा जाता है। इनमें सबसे नए देश जो शामिल हुए हैं, उनका नाम अल्बानिया और क्रोएशिया हैं। ये सन 2009 में Nato से जुड़े थे। Nato का मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में है। 

 


नाटो एक संधि के आधार पर बना एक सैन्य संगठन है। इसके सदस्य देशो के साथ मिलकर एक ऐसी रक्षा प्रणाली और संगठन का गठन किया गया है। जिसमें किसी भी सदस्य देश के ऊपर बाहरी हमले की स्थिति में Nato किसी भी बाहरी पार्टी के हमले के जवाब में आपसी रक्षा के लिए सहमत होते हैं। नाटो का मिशन अपने सदस्यों की आजादी की रक्षा करना है। नाटो का उद्देश्य हमले के इलाके की स्थिरता की रक्षा करना है।

 

नाटो में शामिल 29 देशों के नाम-


1.अल्बानिया

2. बेल्जियम

3. बुल्गारिया

4. कनाडा

5. क्रोएशिया

6. चेक गणराज्य

7. डेनमार्क

8. एस्टोनिया

9. फ्रांस

10. जर्मनी

11. ग्रीस

12. हंगरी

13. आइसलैंड

14. इटली

15. लातविया

16. लिथुआनिया

17. लक्समबर्ग

18. नीदरलैंड

19. नॉर्वे

20. पोलैंड

21. पुर्तगाल

22. रोमानिया

23. स्लोवाकिया

24. स्लोवेनिया

25. स्पेन

26. तुर्की

27. यूनाइटेड किंगडम

28. संयुक्त राज्य अमेरिका

29. मोंटेनेग्रो

 

NATO का उद्देश्य -


• नाटो का उद्देश्य इसके सदस्य राष्ट्रो की राजनीतिक स्वतंत्रता और सैन्य सुरक्षा को बनाये रखना है।
• यूरोप पर आक्रमण के समय अवरोधक की भूमिका निभाना।
• सोवियत संघ के पश्चिम यूरोप में तथाकथित विस्तार को रोकना
• युद्ध की स्थिति में लोगों को मानसिक रूप से तैयार करना।
• पश्चिम यूरोप के देशों को एक सूत्र में संगठित करना।