शासन व्यवस्था के महत्वपूर्ण पक्ष के रूप में भ्रष्टाचार से निपटने की चुनौती (To dispose the corruption is an important aspect of governance)
Posted on April 6th, 2020
शासन व्यवस्था के महत्वपूर्ण पक्ष के रूप में भ्रष्टाचार से निपटने की चुनौती
(To dispose the corruption is an important aspect of governance)
सुशासन प्राप्त करने के लिए भ्रष्टाचार का उन्मूलन आवश्यक होता है। भ्रष्टाचार की समस्या लगभग सभी देशों में पैदा होती है, चाहे वे विकसित हों अथवा विकासशील। यह अपने आप में सिद्ध हो चुका है कि भ्रष्टाचार न केवल नैतिक दृष्टि से आपात्तिजनक है, बल्कि इससे गम्भीर आर्थिक विकृतियाँ भी पैदा होती हैं।
शासन सुधार का उद्देश्य विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यकुशलता के स्तरों में प्रभावी ढंग से सुधार करना और यह सुनिश्चित करने के लिए तंत्र प्रदान करना है कि लोक सेवाएँ प्रभावी ढंग से उपलब्ध कराई जा रही हैं।
विश्व बैंक और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा प्रस्तुत भ्रष्टाचार सम्बन्धी सूचकांकों के अनुसार पिछले दशक में भ्रष्टाचार का स्तर काफी अधिक रहा है, परन्तु यह लगभग समान स्तर पर बना हुआ है। तथ्य यह है कि भ्रष्टाचार बढ़ने की अवधारणा एक अलग मुदृदा है, इसलिए भ्रष्टाचार रोकने तथा इसके लिए कठोर उपाय अपनाने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि यह ऐसी क्रियाविधि हो जिससे ऐसे कदाचारों की सम्भावना न्यूनतम हो। ओम्बुड्समैन की तर्ज पर भारत में लोकपाल व लोकायुक्त का गठन एक ऐसी ही क्रियाविधि है।
शासन व्यवस्था के महत्वपूर्ण पक्ष के रूप में भ्रष्टाचार से निपटने की चुनौती (To dispose the corruption is an important aspect of governance)
शासन व्यवस्था के महत्वपूर्ण पक्ष के रूप में भ्रष्टाचार से निपटने की चुनौती
(To dispose the corruption is an important aspect of governance)
सुशासन प्राप्त करने के लिए भ्रष्टाचार का उन्मूलन आवश्यक होता है। भ्रष्टाचार की समस्या लगभग सभी देशों में पैदा होती है, चाहे वे विकसित हों अथवा विकासशील। यह अपने आप में सिद्ध हो चुका है कि भ्रष्टाचार न केवल नैतिक दृष्टि से आपात्तिजनक है, बल्कि इससे गम्भीर आर्थिक विकृतियाँ भी पैदा होती हैं।
शासन सुधार का उद्देश्य विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यकुशलता के स्तरों में प्रभावी ढंग से सुधार करना और यह सुनिश्चित करने के लिए तंत्र प्रदान करना है कि लोक सेवाएँ प्रभावी ढंग से उपलब्ध कराई जा रही हैं।
विश्व बैंक और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा प्रस्तुत भ्रष्टाचार सम्बन्धी सूचकांकों के अनुसार पिछले दशक में भ्रष्टाचार का स्तर काफी अधिक रहा है, परन्तु यह लगभग समान स्तर पर बना हुआ है। तथ्य यह है कि भ्रष्टाचार बढ़ने की अवधारणा एक अलग मुदृदा है, इसलिए भ्रष्टाचार रोकने तथा इसके लिए कठोर उपाय अपनाने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि यह ऐसी क्रियाविधि हो जिससे ऐसे कदाचारों की सम्भावना न्यूनतम हो। ओम्बुड्समैन की तर्ज पर भारत में लोकपाल व लोकायुक्त का गठन एक ऐसी ही क्रियाविधि है।