राज्य एवं सिविल सोसाइटी भागीदारी का सुदृढ़ीकरण (Strengthening State and Civil Society Participation)
Posted on April 6th, 2020 | Create PDF File
राज्य एवं सिविल सोसाइटी भागीदारी का सुदृढ़ीकरण
(Strengtherning State and Civil Society Participation)
12वीं पंचवर्षीय योजना के दृष्टिकोण प्रपत्र में राज्य एवं नागरिक समाज (सिविल सोसाइटी) भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए एक समर्पित संस्थान स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। यह शासन व्यवस्था (Governance) का एक महत्वपूर्ण पक्ष है, जिसके बिना गुणवत्तापूर्ण शासन-संस्कृति का विकास कर पाना मुश्किल है। मध्य भारत के आदिवासी क्षेत्रों में लोगों की आजीविका और जीवन में परिवर्तन लाने के लिए सरकारों की भागीदारी में सिविल सोसाइटी की कार्यवाही को प्रोत्साहित करने के लिए 'भारत ग्रामीण आजीविका संस्थान' (BRLF) स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। सितम्बर 2013 में इसके गठन की मंजूरी केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा दी गई। इसे सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट,1860 के तहत चैरिटेबल सोसाइटी के रूप में गठित किया गया। इस संस्था ने कपार्ट (काउंसिल फॉर एडवांसमेंट ऑफ पीपुल्स एक्शन एंड रूरल टेक्नॉलॉजी) का स्थान लिया है। मिहिर शाह को 3 वर्षों के कार्यकाल के साथ इस संस्था का अध्यक्ष चुना गया।
12वीं पंचवर्षीय योजना में स्पष्ट किया गया है कि सिविल सोसाइटी साझेदारों को शुरूआती बीआरएलएफ सहायता प्रवर्तित निधिकरण के रूप में प्रदान की जाएगी अर्थात् ऐसे प्रस्तावों का विकास करना जिनमें राज्य सरकारों / पंचायतीराज संस्थाओं / बैकों के साथ यह साझेदारी परिलक्षित होती है।
बीआरएलएफ अपने सिविल सोसाइटी साझेदारों को यह सुनिश्चित करने में सहायता करता है कि उनके प्रस्तावों की शैली में सरकारों / पंचायतीरात संस्थाओं / बैंकों के साथ सहयोगात्मक ढंग से काम करने की रूपरेखा दी गई है। इसका उदृदेश्य लोगों को विशेष रूप से आदिवासी लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में आधारभूत स्तर पर सहायता प्रदान करना और साथ ही कार्यक्रम की विषयवस्तु और कार्यनीति दोनों के सन्दर्भ में उन दृष्टिकोणों को स्थापित करना है, जो नवोन्मेषी (Innovative) हों।
आदिवासी लोगों के सशक्तीकरण के लिए नवोन्मेष (Innovation) कई दिशाओं में हो सकता है जैसे-
* प्रौद्योगिकी में नवोन्मेष।
* सामाजिक गतिशीलता के प्रति दृष्टिकोण।
* स्थानीय संस्थान निर्माण।
* साझेदारी वास्तुकला।
* प्रबंधन तकनीक आदि।
12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत भारत सरकार रुपए 200 करोड़ की राशि से शुरू कर,सुस्पष्ट लक्ष्यों को प्राप्त किए जाने के आधार पर बीआरएलएफ को अगले 3 वर्षों के दौरान तीन हिस्सों में रुपए 500 करोड़ की निधि प्रदान करेगी। सम्बन्धित राज्य सरकार और भारत तथा विदेशों के लोकोपकारी प्रतिष्ठानों के साथ-साथ धनवान लोगों तथा भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों से भी निधियाँ जुटाई जाएंगी।