संविधान के कार्यकरण की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय आयोग (वेंकटचेलैया आयोग) ने सूचना के अधिकार की जांच करते हुए कहा था, “सरकारी प्रक्रियाएं और विनिमय, जो गुप्तता के पर्दे से घिरे हैं,उपभोक्ताओं को यह जानने की अनुमति नहीं देते कि उनके मामलों से किस प्रकार निपटा प्रमुख जिम्मेदारी संभालनी चाहिए और नागरिकों को सूचना का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए दक्षताएं जुटानी चाहिए। गुप्तता पर पारम्परिक आग्रह को त्यागा जाना चाहिए। वस्तुत: हमें गुप्तता की शपथ की बजाय पारदर्शिता की शपथ लेनी चाहिए।"
द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग ने शासन में पारदिर्शता बढ़ाने और जनता के साथ अनुबंध में विश्वास पैदा करने के लिए सत्यनिष्ठा के लिए समझौता करने की सिफारिश की है। ओएन.जी सी. ऐसा पहला सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है, जिसने ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया और केन्द्रीय सतर्कता आयोग के साथ 17 अप्रैल, 2006 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
संविधान के कार्यकरण की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय आयोग (वेंकटचेलैया आयोग) ने सूचना के अधिकार की जांच करते हुए कहा था, “सरकारी प्रक्रियाएं और विनिमय, जो गुप्तता के पर्दे से घिरे हैं,उपभोक्ताओं को यह जानने की अनुमति नहीं देते कि उनके मामलों से किस प्रकार निपटा प्रमुख जिम्मेदारी संभालनी चाहिए और नागरिकों को सूचना का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए दक्षताएं जुटानी चाहिए। गुप्तता पर पारम्परिक आग्रह को त्यागा जाना चाहिए। वस्तुत: हमें गुप्तता की शपथ की बजाय पारदर्शिता की शपथ लेनी चाहिए।"
द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग ने शासन में पारदिर्शता बढ़ाने और जनता के साथ अनुबंध में विश्वास पैदा करने के लिए सत्यनिष्ठा के लिए समझौता करने की सिफारिश की है। ओएन.जी सी. ऐसा पहला सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है, जिसने ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया और केन्द्रीय सतर्कता आयोग के साथ 17 अप्रैल, 2006 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।