घरेलू हिंसा की प्रकृति (Nature Of Domestic Violence)

Posted on March 23rd, 2020 | Create PDF File

घरेलू हिंसा की प्रकृति (Nature Of Domestic Violence)-

 

यदि घरेलू हिंसा की प्रकृति की बात की जाए तो इसमें महिलाओं को कई तरह की विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जिसमें प्रमुख तौर पर शामिल हैं-

 

* बच्चों एवं अन्य सगे संबंधियों के समक्ष बार-बार अपमान करना।

* परिवार में होने वाले हर भूल-चूक (Wrong) के लिए उन्हें ज़िम्मेदार ठहराना।

* छोटे-छोटे एवं नगण्य (Negligible) मामलों के लिए उन्हें दोषी ठहराना।

* बिना किसी गलती के भी कसूरवार (Guilty) ठहराना।

* तलाक की धमकी देना।

* उनसे झिड़की देने वाला बर्ताव करना।

* उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखना।

* माता-पिता, दोस्तों एवं अन्य सगे संबंधियों से मिलने पर प्रतिबंध लगाना।

* पारिवारिक मामलों में अभिव्यक्ति का अधिकार न होना |

* उनके स्वास्थ्य के प्रति असावधानी (Negligence) बरतना।

* विवाहेत्तर संबंधों (Extra Marital Relations) का संदेह करना।

* अपमान एवं अभ्रद भाषा का प्रयोग करना।

* व्यवस्थित तरीके से घर की देखभाल न करने का आरोप लगाना।

* पारिवारिक पृष्ठभूमि की आलोचना कर उत्पीड़न करना।

* कम बुद्धि का बताना।

* पति द्वारा आत्महत्या करने की धमकी देना।

* शारीरिक बल प्रयोग की धमकी देना।

 

इन सबके अतिरिक्त उनके साथ भावनात्मक दुर्व्यवहार किया जाता है। भावनात्मक दुर्व्यवहार या हिंसा (Emotional Violence) गाँवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा देखने को मिलता है।

 

घरेलू हिंसा के तहत आर्थिक दुर्व्यवहार (Economic Abuse) भी किया जाता है। इसके अंतर्गत मुख्यतया उन्हें नौकरी या रोज़गार करने से रोका जाता है, वर्तमान नौकरी को छोड़ने के लिए दबाव बनाया जाता है, बलपूर्वक उनके पूरे वेतन को ले लिया जाता है, उसे बार-बार अपने माता-पिता के घर से धन-सम्पत्ति लाने के लिए कहा जाता है, अपनी पसंद का सामान खरीदने से रोका जाता है आदि।