महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा के परिणाम (Consequences of Domestic Violence Against Women)

Posted on March 23rd, 2020 | Create PDF File

महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा के परिणाम (Consequences of Domestic Violence Against Women)

 

महिलाओं के साथ होने वाले हिंसक व्यवहारों का महिलाओं तथा समाज पर विविध प्रभाव परिलक्षित होते हैं, जैसे-

 

*हिंसक व्यवहारों के चलते महिलाएँ स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा तथा कार्य करने जैसे अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित हो जाती हैं।

 

*निरंतर यातना से उत्पन्न कष्ट तथा भावनात्मक विक्षुब्धता की स्थिति में महिलाओं में एकांत प्रवृत्ति विकसित हो जाती है। घरेलू हिंसा के साथ-साथ अन्य यातनाओं के परिणामस्वरूप उत्पन्न मनोवैज्ञानिक आघात के चलते जीवन के हर क्षेत्र में उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इस तरह की प्रताड़ित महिलाओं द्वारा आत्महत्या के मामले अक्सर सुनने में आते हैं और ऐसे मामलों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।

 

*घरेलू हिंसा के परिणामस्वरूप महिलाएँ तनाव, चिंता, अवसाद, नींद न आना, धड़कन बढ़ना, शारीरिक थकावट, आतंक, गंभीर सिर दर्द, आदि से ग्रसित हो जाती हैं। कई महिलाएँ मानसिक रूप से बीमार हो जाती हैं।

 

*परिवार के बीच हार्दिक संबंध समाप्त हो जाता है। वैवाहिक संबंधों में तनाव आ जाता है। घर में झगड़े बढ़ जाते हैं।

 

*पीड़ित महिला में आत्महत्या करने की प्रव॒त्ति उभर सकती है।

 

*पीड़िता का सामाजिक जीवन समाप्त हो जाता है। उसका परिवार भी इससे प्रभावित होता है।

 

* विभिन्‍न प्रकार से प्रताड़ित एक महिला की कार्यक्षमता प्रभावित होने से ऐसी महिलाओं को नौकरी से निकाल दिया जाता है। इसके अलावा घरेलू हिंसा के विरोधस्वरूप पर छोड़ने वाली महिलाओं द्वारा शीघ्रता से आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों के चलते उनका जीवन अत्यंत कष्टप्रद हो जाता है। इस तरह की कुछ महिलाएँ मजबूरन अथवा दबाववश अनैतिक कार्यों में शामिल हो जाती है। ऐसी महिलाओं का नशे के आदी होने तथा एड्स से प्रभावित होने की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है।

 

* विशेषकर महिलाओं के विरूद्ध होने वाली घरेलू हिंसा का एक अन्य दुष्प्रभाव उनके बच्चों पर पड़ता है। स्वाभाविक रूप से बच्चों का भावनात्मक जुड़ाव माँ के साथ अधिक होता है। जब तक माँ के साथ घर में होने वाला अत्याचार बच्चे के सामने नहीं आता तब तक वह सामान्य रहता है। प्रताड़ित महिला भी कभी-कभी कुछ देर के लिए मानसिक अशांति की स्थिति में स्वयं भी बच्चों के साथ असामान्य व्यवहार करती है, जिससे भी वे भावनात्मक रूप से आहत होते हैं लेकिन माँ के साथ होने वाला यह व्यवहार जब कभी भी उसके सामने आता है तो उसका कारण जाने बिना भी वह भावनात्मक रूप से अशांत हो जाता है और इस तरह की भावनात्मक अशांति का प्रभाव एक बालक के जीवन में दीर्घकालिक रूप से कई प्रकार के विचलनात्मक व्यवहारों के रूप में परिलक्षित होता है।