राष्ट्रीय समसामयिकी 2(21-Sept-2022)
राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन
(National Technical Textiles Mission)

Posted on September 21st, 2022 | Create PDF File

hlhiuj

सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में ‘राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ (National Technical Textiles Mission – NTTM) के तहत स्पेशलिटी फाइबर, सस्टेनेबल फाइबर, जियोटेक्सटाइल, मोबिलटेक और स्पोर्ट्स टेक्सटाइल जैसी परियोजनाएं शुरू की हैं।

 

तकनीकी वस्त्र’ :

 

तकनीकी वस्त्रों को मुख्य रूप से, सौंदर्यपरक विशेषताओं की अपेक्षा तकनीकी कार्य निष्पादन और कार्यात्मक आवश्यकताओं लिए निर्मित वस्त्र सामग्री और उत्पादों के रूप में परिभाषित किया जाता है।

 

तकनीकी वस्त्र उत्पादों को उनके अनुप्रयोग क्षेत्रों के आधार पर 12 व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया गया है :

 

एग्रोटेक, बिल्डटेक, क्लॉथटेक, जियोटेक, होमटेक, इंड्यूटेक, मोबिलटेक, मेडिटेक, प्रोटेक, स्पोर्ट्सटेक, ओइकोटेक, पैकटेक।

 

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन:

 

वर्ष 2020 में, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) द्वारा एक 1,480 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय से ‘राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ की स्थापना को मंजूरी दी गई थी।

 

उद्देश्य :

 

देश को तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में अग्रणी बनाना तथा घरेलू बाजार में तकनीकी वस्त्रों के उपयोग में वृद्धि करना।

 

यह मिशन 2020-2021 से आरंभ होकर चार वर्षों की अवधि के लिए लागू किया जाएगा और इसमें चार घटक होंगे :

 

पहले घटक में ‘अनुसंधान, नवाचार और विकास’ पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और इस घटक में 1,000 करोड़ रुपए का परिव्यय होगा। इसमें फाइबर तथा भू-टेक्‍सटाइल, कृषि-टेक्‍सटाइल, चिकित्‍सा-टेक्‍सटाइल, मोबाइल-टेक्‍सटाइल और खेल-टेक्‍सटाइल के विकास पर आधारित अनुसंधान अनुप्रयोगों दोनों स्तर पर अनुसंधान किया जाएगा तथा जैव-निम्नीकरणीय तकनीकी वस्त्रों का विकास किया जाएगा।

 

दूसरा घटक तकनीकी वस्त्रों के संवर्द्धन और विपणन विकास पर केन्द्रित होगा। इस घटक के तहत मिशन का लक्ष्य वर्ष 2024 तक घरेलू बाजार का आकार $ 40 बिलियन से बढाकर $ 50 बिलियन तक करने का निर्धारित किया गया है।

 

तीसरा घटक निर्यात संवर्धन पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसके तहत देश में तकनीकी कपड़ा निर्यात को 14,000 करोड़ रुपए से बढाकर वर्ष 2021-2022 तक 20,000 करोड़ रुपए तक किया जाएगा और मिशन के समाप्त होने तक हर साल 10% औसत वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी।

 

अंतिम घटक में ‘शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।