पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(21-Sept-2022)
ओजोन परत के संरक्षण के लिए वर्ष 2022 का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
(International Day of the Year 2022 for the Protection of the Ozone Layer)

Posted on September 21st, 2022 | Create PDF File

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16 सितंबर को ‘विश्व ओजोन दिवस’ (World Ozone Day) के रूप में मनाया जाता है।

 

थीम : ओजोन परत के संरक्षण के लिए 2022 अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एट35 (Montreal Protocal@35) : पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने वाला वैश्विक सहयोग है।

 

वर्ष 2022, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन का 35 वां वर्ष है।

 

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल’ :

 

‘ओजोन परत क्षयकारी पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल’ (Montreal Protocol on Substances that Deplete the Ozone Layer), जिसे संक्षेप में ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल’ कहा जाता है, वर्ष 1987 में हस्ताक्षरित एक अंतरराष्ट्रीय संधि है।

 

इस संधि को, ओजोन क्षयकारी पदार्थों के उत्पादन और आयात को रोकने और पृथ्वी की ओजोन परत की सुरक्षा में सहायता करने हेतु वातावरण में इन पदार्थों के संकेंद्रण को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

 

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल, ‘ओजोन परत के संरक्षण के लिए वियना कन्वेंशन’ (वियना अभिसमय) के अंर्तगत कार्य करता है।

 

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के बाद, ODS क्लोफ्लोरोकार्बन (CFCs) को हाइड्रोफ्लोरकार्बन (HFCs) से परिवर्तित किया गया था।

 

भले ही हाइड्रोफ्लोरकार्बन, ओजोन को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनने के लिए बेहद शक्तिशाली हैं, और इसलिए किगाली संशोधन (2016) के तहत, हाइड्रोफ्लोरकार्बन को भी बदल दिया गया।

 

किगाली समझौता (Kigali Agreement) :

 

भारत, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित लगभग 197 देशों द्वारा 1987 के ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल’ में संशोधन करके, वर्ष 2045 तक हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFCs) के उपयोग को अपने आधारवर्ष के लगभग 85% तक कम करने के लिए ‘किगाली’ में सहमति व्यक्त की गयी है।

 

भारत ने 2021 में किगाली संशोधन की पुष्टि की।

 

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की सफलता :

 

वर्तमान में, 99% से अधिक ओजोन-क्षयकारी पदार्थों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया गया है और ओजोन परत ठीक होने की राह पर है।

 

ओजोन :

 

ओजोन (Ozone) एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला, अत्यधिक प्रतिक्रियाशील अणु है जो तीन ऑक्सीजन परमाणुओं से बना होता है।

 

इसे ‘डॉबसन इकाई’ का उपयोग करके मापा जाता है।

 

वायुमंडल में लगभग 90% ओजोन पृथ्वी की सतह (समताप मंडलीय ओजोन) से 15 से 30 किलोमीटर के बीच केंद्रित है।

 

यह जमीनी स्तर पर कम सांद्रता (क्षोभमंडलीय ओजोन) में भी पाया जाता है।

 

यहां ओजोन एक प्रदूषक का कार्य करती है जो शहरों में धुंध का एक प्रमुख अवयव होती है।

 

ओजोन-क्षयकारी पदार्थ :

 

क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) और अन्य हैलोजनयुक्त ओजोन-क्षयकारी पदार्थ (ozone-depleting substances – ODS) मुख्य रूप से मानव निर्मित रासायनिक ‘ओजोन रिक्तीकरण’ के लिए जिम्मेदार हैं।

 

इनका उपयोग मुख्य रूप से रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, अग्निशामक और फोम में किया जाता है।