राष्ट्रीय समसामयिकी 1(21-Sept-2022)
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति
(National Logistics Policy)

Posted on September 21st, 2022 | Create PDF File

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हाल ही में, प्रधानमंत्री द्वारा देश में माल की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देने और उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के उद्देश्य से ‘राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स (प्रचालन-तंत्र) नीति’ (National Logistics Policy – NLP) का शुभारंभ किया है।

 

‘राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति’ की घोषणा 2022-23 के राष्ट्रीय बजट में में भी की गई थी।

 

विश्व बैंक के ‘लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक’ 2018 में भारत 44वें स्थान पर है।

 

गुजरात ने ‘विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स सुगमता’ 2021 (Logistics Ease Across Different States – LEADS, 2021) सूचकांक में शीर्ष स्थान हासिल किया है।

 

आवश्यकता :

 

अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं (8%) की तुलना में भारत में लॉजिस्टिक्स लागत (लगभग 13-14%) अधिक है।

 

भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र अत्यधिक डीफ़्रेग्मेंटेड और बहुत जटिल है।

 

यह क्षेत्र 22 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है और अगले 5 वर्षों में 10.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।

 

लॉजिस्टिक्स, भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की रीढ़ भी है और यह न केवल भारत के ‘निर्यात बास्केट’ बल्कि उत्पादों और देशों के विविधीकरण में भी मदद करेगा।

 

उद्देश्य :

 

लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए लागत को पांच वर्षों में घटाकर 10 प्रतिशत करना।

 

युवाओं में कौशल विकसित करना और रोजगार के अवसर पैदा करना।

 

माल की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देना और पूरे देश में उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना।

 

प्रक्रियाओं में सुधार, डिजिटाइजेशन और मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट जैसे कुछ प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देना।

 

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के तहत चार प्रमुख कदम :

 

डिजिटल सिस्टम का एकीकरण (Integration of Digital System – IDS): सात अलग-अलग विभागों (जैसे सड़क परिवहन, रेलवे, सीमा शुल्क, विमानन, विदेश व्यापार और वाणिज्य मंत्रालय) की विभिन्न प्रणालियों को डिजिटल रूप से एकीकृत किया जाएगा।

 

यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (ULIP): इससे कार्गो की संक्षिप्त और सुगम आवाजाही में भी सुधार होगा। यह गोपनीय तरीके से वास्तविक समय के आधार पर सूचनाओं के आदान-प्रदान को भी सक्षम करेगा। नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NICDC’s) का लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक प्रोजेक्ट को ULIP विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

 

लॉजिस्टिक्स सुगमता (Ease of Logistics – ELOG): यह नियमों को सरल करेगा और लॉजिस्टिक्स व्यवसाय को आसान बनाएगा।

 

सिस्टम इम्प्रूवमेंट ग्रुप (System Improvement Group – SIG): यह लॉजिस्टिक्स से संबंधित सभी परियोजनाओं की नियमित रूप से निगरानी करना और सभी बाधाओं से निपटेगा।

 

सरकार के अन्य कदम:

 

वाणिज्य विभाग में लॉजिस्टिक्स प्रभाग का गठन।

 

गति शक्ति योजना।

 

भारतमाला कार्यक्रम : इसके तहत लगभग 84,000 किलोमीटर नए राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा।

 

सागरमाला परियोजना : देश के 7,5000 किमी समुद्र तट और 14,500 किमी नौगम्य जलमार्ग की क्षमता का दोहन करने के लिए यह योजना शुरू की गयी है।

 

रेलवे : फ्रेट कॉरिडोर।

 

इससे पहले, सरकार की योजना ‘माल के बहुविध परिवहन अधिनियम’, 1993 (Multimodal Transportation of Goods Act, 1993 – MMTG Act) के स्थान पर ‘राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स दक्षता और अग्रिम पूर्वानुमान एवं सुरक्षा अधिनियम (National Logistics Efficiency and Advancement Predictability and Safety Act – (NLEAPS Act) से लागू करने की है।