अंतर्राष्ट्रीय समसामयिकी 1(2-November-2023)
यूनेस्को क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में कोझिकोड और ग्वालियर
(Kozhikode and Gwalior in UNESCO Creative Cities Network)

Posted on November 3rd, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने अपने क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN) में 55 नए शहरों को जोड़ने की घोषणा की।

 

नए प्रवेशकों में दो भारतीय शहरों- केरल में कोझिकोड ने 'साहित्य की नगरी' के रूप में और मध्य प्रदेश में ग्वालियर ने 'संगीत की नगरी' के रूप में अपनी पहचान बनाई।

 

कोझिकोड और ग्वालियर का महत्त्व :

 

साहित्य की नगरी के रूप में कोझिकोड :

 

कोझिकोड यूनेस्को द्वारा 'साहित्य की नगरी' का प्रतिष्ठित खिताब प्राप्त करने वाला भारत का पहला शहर है।

 

शहर में विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों की मेज़बानी का एक लंबा इतिहास है, जैसे कि केरल साहित्य महोत्सव, जो एशिया में सबसे बड़े साहित्यिक समारोहों में से एक है।

 

यह स्वीकृति बौद्धिक आदान-प्रदान और साहित्यिक चर्चाओं के केंद्र के रूप में शहर की भूमिका को मज़बूत करती है।

 

कोझिकोड को 500 से अधिक पुस्तकालय होने का गौरव प्राप्त है।

 

इस शहर में कई प्रसिद्ध लेखकों का घर भी है, जिनमें एस. के. पोटेटे कट्ट (शहर के सबसे प्रसिद्ध लेखक), थिककोडीयन और पी. वाल्सला संजयन शामिल हैं, जिन्होंने मलयालम साहित्य एवं संस्कृति की विविधता तथा जीवंतता को बनाये रखने में योगदान दिया है।

 

संगीत की नगरी के रूप में ग्वालियर :

 

वर्ष 2015 में वाराणसी के बाद यूनेस्को द्वारा 'संगीत की नगरी' के रूप में नामित होने वाला ग्वालियर भारत का दूसरा शहर है।

 

इस शहर को व्यापक रूप से भारतीय इतिहास के सबसे महान संगीतकारों और कंपोजरों में से एक तानसेन का जन्मस्थान माना जाता है, जो सम्राट अकबर के दरबार में 'नवरत्नों' (नौ रत्नों) में से एक थे।

 

यह शहर हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की सबसे पुरानी और सबसे प्रभावशाली शैली ग्वालियर घराने का उद्गम स्थल भी है।

 

यह शहर भारत के सबसे बड़े वार्षिक संगीत समारोहों में से एक, तानसेन संगीत समारोह का आयोजन करता है, जो देश और विदेश से हजारों संगीत प्रेमियों तथा कलाकारों को आकर्षित करता है।

 

यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN) :

 

इसे वर्ष 2004 में बनाया गया था।

 

इसका उद्देश्य "उन शहरों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है जो रचनात्मकता को अपने शहरी विकास में एक रणनीतिक कारक के रूप में पहचानते हैं"।

 

सतत् विकास लक्ष्य 11 का उद्देश्य टिकाऊ शहरों और समुदायों के उद्धार के लिये है।

 

नेटवर्क सात रचनात्मक क्षेत्रों को कवर करता है: शिल्प और लोक कला, मीडिया कला, फिल्म, डिज़ाइन, गैस्ट्रोनॉमी, साहित्य एवं संगीत।

 

नोट :

 

UCCN में अन्य भारतीय शहरों में जयपुर- शिल्प एवं लोक कला (2015), वाराणसी- संगीत की नगरी (2015), चेन्नई- संगीत की नगरी(2017), मुंबई- फिल्म (2019) और हैदराबाद- गैस्ट्रोनॉमी (2019) तथा श्रीनगर- शिल्प एवं लोक कला (2021) शामिल हैं।