दिवस विशेष समसामयिकी 1 (3-May-2021)^अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान दिवस^(International Astronomy Day)
Posted on May 3rd, 2021
विश्व भर में प्रतिवर्ष दो बार ‘अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
पहला 2 मई को, जबकि दूसरा 26 सितंबर को।
इस दिवस के अवसर पर विभिन्न संग्रहालयों और खगोलीय संस्थानों द्वारा खगोल विज्ञान के संबंध में में जागरूकता फैलाने के लिये सेमिनार, कार्यशालाओं और अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
वर्ष 1973 में, उत्तरी कैलिफोर्निया के खगोलीय संघ के अध्यक्ष ‘डौग बर्जर’ ने पहले खगोल विज्ञान दिवस का आयोजन किया था।
इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम जनमानस को खगोल विज्ञान के महत्त्व और संपूर्ण ब्रह्मांड के संबंध में जागरूक करना है और उन्हें इसके प्रति रुचि विकसित करने में मदद करना है।
खगोल विज्ञान का अध्ययन बीते लगभग 5,000 वर्षों से प्रचलित है और इसे संबद्ध विज्ञान शाखाओं में सबसे पुराना माना जाता है।
वर्ष 1608 में टेलीस्कोप के आविष्कार के बाद ब्रह्मांड के रहस्य को जानने में खलोग विज्ञान का महत्त्व और भी अधिक बढ़ गया।
समय के साथ-साथ बीते कुछ दशकों में प्रौद्योगिकी ने महत्त्वपूर्ण वृद्धि की है और कई सिद्धांत एवं अवलोकन प्रस्तुत किये गए हैं, जिससे खगोल विज्ञान और अधिक प्रगति कर रहा है।
दिवस विशेष समसामयिकी 1 (3-May-2021)अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान दिवस(International Astronomy Day)
विश्व भर में प्रतिवर्ष दो बार ‘अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
पहला 2 मई को, जबकि दूसरा 26 सितंबर को।
इस दिवस के अवसर पर विभिन्न संग्रहालयों और खगोलीय संस्थानों द्वारा खगोल विज्ञान के संबंध में में जागरूकता फैलाने के लिये सेमिनार, कार्यशालाओं और अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
वर्ष 1973 में, उत्तरी कैलिफोर्निया के खगोलीय संघ के अध्यक्ष ‘डौग बर्जर’ ने पहले खगोल विज्ञान दिवस का आयोजन किया था।
इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम जनमानस को खगोल विज्ञान के महत्त्व और संपूर्ण ब्रह्मांड के संबंध में जागरूक करना है और उन्हें इसके प्रति रुचि विकसित करने में मदद करना है।
खगोल विज्ञान का अध्ययन बीते लगभग 5,000 वर्षों से प्रचलित है और इसे संबद्ध विज्ञान शाखाओं में सबसे पुराना माना जाता है।
वर्ष 1608 में टेलीस्कोप के आविष्कार के बाद ब्रह्मांड के रहस्य को जानने में खलोग विज्ञान का महत्त्व और भी अधिक बढ़ गया।
समय के साथ-साथ बीते कुछ दशकों में प्रौद्योगिकी ने महत्त्वपूर्ण वृद्धि की है और कई सिद्धांत एवं अवलोकन प्रस्तुत किये गए हैं, जिससे खगोल विज्ञान और अधिक प्रगति कर रहा है।