पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 2 (3-May-2021)
नेटवर्क फॉर ग्रीनिंग फाइनेंशियल सिस्टम
(Network for Greening Financial System)

Posted on May 3rd, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में ‘नेटवर्क फॉर ग्रीनिंग फाइनेंशियल सिस्टम’ (Network for Greening Financial System-NGFS) में भारत का भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) शामिल हुआ है।

 

‘नेटवर्क फॉर ग्रीनिंग फाइनेंशियल सिस्टम’ (Network for Greening Financial System-NGFS) :

 

‘नेटवर्क फॉर ग्रीनिंग फाइनेंशियल सिस्टम’ (Network for Greening Financial System-NGFS) 83 केंद्रीय बैंकों और वित्तीय पर्यवेक्षकों का एक नेटवर्क है, जिसका उद्देश्य हरित वित्त को बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के लिए केंद्रीय बैंकों की भूमिका को विकसित करना है।

 

‘नेटवर्क फॉर ग्रीनिंग फाइनेंशियल सिस्टम’ (एनजीएफएस) की स्थापना 2017 में हुई थी। दरअसल इस नेटवर्क की शुरुआत वर्ष 2017 में फ्रांस के पेरिस में हुई ‘वन प्लैनेट समिट’ (One Planet Summit) में की गयी थी। उस समय इस नेटवर्क को 8 संस्थापक केंद्रीय बैंकों द्वारा लॉन्च किया गया था।

 

वर्तमान में ‘नेटवर्क फॉर ग्रीनिंग फाइनेंशियल सिस्टम’ (एनजीएफएस) के सचिवालय को ‘बंक डी फ्रांस’ (Banque de France) द्वारा होस्ट किया जाता है।

 

उल्लेखनीय है कि एनजीएफएस को ‘सेंट्रलबैंकिंग डॉट कॉम’ द्वारा वर्ष 2020 की सर्वश्रेष्ठ हरित पहल से सम्मानित किया गया है।

 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) :

 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश का केन्द्रीय बैंक है।

 

भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1935 में बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1934 के तहत 5 करोड़ रूपए की शुरूआती धनराशि के साथ की गई थीl

 

बाद में, कुछ सीमित लोगों के हाथों में शेयरों के केन्द्रीयकरण को रोकने के लिए 1 जनवरी 1949 को भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।

 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्य :

भारतीय रिज़र्व बैंक के कई प्रमुख कार्य हैं जैसे कि मौद्रिक नीति तैयार करना, उसको लागू करना और उसकी निगरानी करना;वित्तीय प्रणाली का रेगुलेशन और निगरानी करना;विदेशी मुद्रा का प्रबन्धन करना; मुद्रा जारी करना, उसका विनिमय करना और परिचालन योग्य न रहने पर उन्हें नष्ट करना इत्यादि।

 

इसके अलावा, आरबीआई साख नियन्त्रित करने और मुद्रा के लेन-देन को नियंत्रित करने का कार्य तथा सरकार के बैंकर और बैंकों के बैंकर के रूप में भी काम करती है।

 

भारतीय रिजर्व बैंक देश में प्रभावी रूप से ऋण को नियंत्रित करने और विनियमन करने के लिए मात्रात्मक और गुणात्मक तकनीकों का व्यापक उपयोग करती है।

 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की संरचना :

रिज़र्व बैंक का कामकाज केन्द्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 8 के अनुसार बोर्ड के सदस्यों को भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।

 

आरबीआई के प्रशासनिक अधिकारी के रूप में सीबीडी (Central Board of Directors) के अंतर्गत आधिकारिक निदेशक और गैर-आधिकारिक निदेशक - दो प्रकार के बोर्ड होते हैं। आधिकारिक निदेशक के अंतर्गत जहाँ एक पूर्णकालिक गवर्नर और अधिकतम चार उप गवर्नर शामिल होते हैं। वहीँ गैर आधिकारिक-निदेशक के अंतर्गत सरकार द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों से दस निदेशक और एक सरकारी अधिकारी शामिल होते हैं।