नीतिशास्त्र के निर्धारक - निष्कर्ष (Ethics determinants - conclusion)
Posted on March 17th, 2020
नैतिकता के निर्धारक या मानक तत्वों में सुखवाद आत्मपूर्णतावाद, अंतः प्रज्ञावाद एवं कर्तव्यमूलक चिंतन आदि सम्मिलित हैं। ये मानवीय व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों की व्याख्या करते हैं। तथा इन सभी सिद्धान्तों के अपने परिणाम है कठिनाई यह है कि प्रत्येक सिद्धान्त स्वयं को पूर्ण स्वीकार करता है। ऐसी स्थिति में इनके मध्य समन्वय करना कठिन हो जाता है। वास्तव में मनुष्य की अनेक इच्छाएं हैं इसलिए उसके अनेक लक्ष्य हो जाते हैं। इन सबका सामंजस्य विभिन्न सिद्धान्तों के समन्वय में ही निहित हैं वस्तुतः: ये सब एक ही लक्ष्य है। यदि आत्मपूर्णतावाद की परिधि में अन्य सभी सिद्धांतों के समन्वय का प्रयास किया जाए तो उनके मध्य तार्किक सुसंगति बनाई जा सकती है। वास्तव में कठिनाई नेतिक सिद्धान्तों की नहीं, बल्कि मनुष्य के मूल स्वरूप की है।
नीतिशास्त्र के निर्धारक - निष्कर्ष (Ethics determinants - conclusion)
नैतिकता के निर्धारक या मानक तत्वों में सुखवाद आत्मपूर्णतावाद, अंतः प्रज्ञावाद एवं कर्तव्यमूलक चिंतन आदि सम्मिलित हैं। ये मानवीय व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों की व्याख्या करते हैं। तथा इन सभी सिद्धान्तों के अपने परिणाम है कठिनाई यह है कि प्रत्येक सिद्धान्त स्वयं को पूर्ण स्वीकार करता है। ऐसी स्थिति में इनके मध्य समन्वय करना कठिन हो जाता है। वास्तव में मनुष्य की अनेक इच्छाएं हैं इसलिए उसके अनेक लक्ष्य हो जाते हैं। इन सबका सामंजस्य विभिन्न सिद्धान्तों के समन्वय में ही निहित हैं वस्तुतः: ये सब एक ही लक्ष्य है। यदि आत्मपूर्णतावाद की परिधि में अन्य सभी सिद्धांतों के समन्वय का प्रयास किया जाए तो उनके मध्य तार्किक सुसंगति बनाई जा सकती है। वास्तव में कठिनाई नेतिक सिद्धान्तों की नहीं, बल्कि मनुष्य के मूल स्वरूप की है।