मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व (Abstracts of Ethics in Human Activities)
Posted on March 16th, 2020
मनुष्य के सभी कर्मों का प्रायः हम नैतिक मूल्यांकन करते हैं अर्थात् या तो हम उसके कार्यों का अनुमोदन करते हैं या अननुमोदन करते हैं। अर्थात् उसके प्रत्येक कार्य में एक नैतिक पक्ष विद्यमान रहता है। हम प्रायः कहते हैं कि उसने अच्छा कार्य किया या उसने बुरा कार्य किया। अतः किसी भी कार्य का सारभाव नैतिकता में निहित होता है।
किसी भी मानवीय संबंध में नैतिकता अपरिहार्य रूप से विद्यमान रहती है। नैतिकता के सारतत्व के स्वरुप में सत्यनिष्ठा, प्रतिबद्धता, विश्वसनीयता, पारदर्शिता, निष्पक्षता आदि को देखा जा सकता है। यद्यपि नैतिकता के ये सभी सारतत्व दार्शनिक विवाद के विषय हैं।
मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व (Abstracts of Ethics in Human Activities)
मनुष्य के सभी कर्मों का प्रायः हम नैतिक मूल्यांकन करते हैं अर्थात् या तो हम उसके कार्यों का अनुमोदन करते हैं या अननुमोदन करते हैं। अर्थात् उसके प्रत्येक कार्य में एक नैतिक पक्ष विद्यमान रहता है। हम प्रायः कहते हैं कि उसने अच्छा कार्य किया या उसने बुरा कार्य किया। अतः किसी भी कार्य का सारभाव नैतिकता में निहित होता है।
किसी भी मानवीय संबंध में नैतिकता अपरिहार्य रूप से विद्यमान रहती है। नैतिकता के सारतत्व के स्वरुप में सत्यनिष्ठा, प्रतिबद्धता, विश्वसनीयता, पारदर्शिता, निष्पक्षता आदि को देखा जा सकता है। यद्यपि नैतिकता के ये सभी सारतत्व दार्शनिक विवाद के विषय हैं।