नीतिशास्त्र और मनोविज्ञान के बीच क्या सम्बन्ध है? (What is the relationship between ethics and psychology?)
Posted on March 17th, 2020
नीतिशास्त्र मनोविज्ञान से अत्यंत निकट रूप से संबद्ध है। मनोविज्ञान भी मानव व्यवहार का अध्ययन करता है। मनोविज्ञान मानवीय व्यवहार के सभी पक्षों का अध्ययन करता है। इच्छा, भावना, संवेग, बुद्धि, चयन, प्रयोजन, लक्ष्य, अभिप्राय आदि सभी क्रिया व्यवहारों का अध्ययन मनोविज्ञान के अंतर्गत होता है। इन सभी विषयवस्तुओं पर नैतिक चिंतन भी विचार करता है लेकिन जहॉ मनोविज्ञान इन सभी क्रियाव्यवहारों का तथ्यात्मक अध्ययन करता है वहीं नैतिकता इनका अध्ययन तथ्यात्मक रूप से नहीं करती बल्कि इसके लिए आदर्श प्रारूप प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। अर्थात् ज्ञान की दोनों विधाओं का विषयक्षेत्र एक ही है-मानव व्यवहार, लेकिन मनोविज्ञान इस प्रश्न का अध्ययन करता है कि मानव व्यवहार क्या है अर्थात् किस परिस्थिति में वह किस प्रकार की क्रियाएं या प्रतिक्रियाएं करता है जबकि नैतिकता इस प्रश्न का अध्ययन करती है कि मानव व्यवहार क्या होना चाहिए। अर्थात् किन परिस्थितियों में उसे किस प्रकार की क्रियाएं या प्रतिकियाएं देनी चाहिए। अतः स्पष्ट है कि दोनों का विषयक्षेत्र एक होने के बावजूद दोनों का दृष्टिकोण पूर्णतः भिन्न है। मनोविज्ञान का स्वरूप तथ्यात्मक जबकि नैतिकता का स्वरूप आदर्शमूलक है। इसीलिए मनोविज्ञान को विज्ञान एवं नैतिकता को आकारिक विज्ञान की संज्ञा दी जाती है।
नीतिशास्त्र और मनोविज्ञान के बीच क्या सम्बन्ध है? (What is the relationship between ethics and psychology?)
नीतिशास्त्र मनोविज्ञान से अत्यंत निकट रूप से संबद्ध है। मनोविज्ञान भी मानव व्यवहार का अध्ययन करता है। मनोविज्ञान मानवीय व्यवहार के सभी पक्षों का अध्ययन करता है। इच्छा, भावना, संवेग, बुद्धि, चयन, प्रयोजन, लक्ष्य, अभिप्राय आदि सभी क्रिया व्यवहारों का अध्ययन मनोविज्ञान के अंतर्गत होता है। इन सभी विषयवस्तुओं पर नैतिक चिंतन भी विचार करता है लेकिन जहॉ मनोविज्ञान इन सभी क्रियाव्यवहारों का तथ्यात्मक अध्ययन करता है वहीं नैतिकता इनका अध्ययन तथ्यात्मक रूप से नहीं करती बल्कि इसके लिए आदर्श प्रारूप प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। अर्थात् ज्ञान की दोनों विधाओं का विषयक्षेत्र एक ही है-मानव व्यवहार, लेकिन मनोविज्ञान इस प्रश्न का अध्ययन करता है कि मानव व्यवहार क्या है अर्थात् किस परिस्थिति में वह किस प्रकार की क्रियाएं या प्रतिक्रियाएं करता है जबकि नैतिकता इस प्रश्न का अध्ययन करती है कि मानव व्यवहार क्या होना चाहिए। अर्थात् किन परिस्थितियों में उसे किस प्रकार की क्रियाएं या प्रतिकियाएं देनी चाहिए। अतः स्पष्ट है कि दोनों का विषयक्षेत्र एक होने के बावजूद दोनों का दृष्टिकोण पूर्णतः भिन्न है। मनोविज्ञान का स्वरूप तथ्यात्मक जबकि नैतिकता का स्वरूप आदर्शमूलक है। इसीलिए मनोविज्ञान को विज्ञान एवं नैतिकता को आकारिक विज्ञान की संज्ञा दी जाती है।