नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 187

Posted on July 25th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : ‘मानसून विच्छेद की परिघटना’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

  1. दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय कुछ दिनों तक वर्षा होने के बाद यदि 4-5 दिनों तक वर्षा न हो तो इसे मानसून का विच्छेद कहा जाता है।
  2. पवन की दिशा में परिवर्तन मानसून विच्छेद का एक कारण है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? 

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं 

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : दक्षिण-पश्चिम मानसून के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. अराकान की पहाड़ियाँ बंगाल की खाड़ी की शाखा के बड़े हिस्से को भारतीय उपमहाद्वीप की ओर विक्षेपित कर देती हैं।
  2. इस ऋतु में तमिलनाडु का तट शुष्क रहता है क्योंकि यह अरब सागर के वृष्टि छाया क्षेत्र में अवस्थित है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? 

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : ‘उष्णकटिबंधीय चक्रवात’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

  1. इसे ऊर्जा की प्राप्ति उष्ण आर्द्र वायु की संघनन प्रक्रिया द्वारा छोड़ी गई गुप्त ऊष्मा से होती है। 
  2. भूमध्यरेखा के आस-पास 0° से 5° अक्षांशों के बीच कोरियोलिस बल इसे उत्पन्न होने से रोकता है।
  3. इसमें एक गर्म एवं बादल रहित केंद्र होता है जिसे ‘चक्रवात की आँख’ कहा जाता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:   

(a) केवल I

(b) केवल I और III

(c) केवल II और III

(d) I, II और III 

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : चाय, जूट और चावल की खेती के लिये उपयुक्त कालबैसाखी निम्नलिखित में से किसका स्थानीय नाम है ?

 

(a) आम्र वर्षा

(b) नॉर्वेस्टर

(c) फूलों वाली बौछार

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं  

 

उत्तर - ()

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : निम्नलिखित में से कौन-सा ‘‘तूफान महोर्मि’’ का सर्वोत्तम वर्णन है ?

 

(a) तेज़ चक्रवातों के कारण समुद्र स्तर में असामान्य वृद्धि।

(b) आने वाले चक्रवात के वेग में अचानक वृद्धि।

(c) समुद्र से दूरी बढ़ने के साथ चक्रवात के प्रभाव में वृद्धि।

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

         

उत्तर - ()

 

 

 

 

उत्तरमाला

 

 

 

 

 

उत्तर-1 : (b)

 

व्याख्या : 

मानसून में व्यवधान

  • दक्षिण-पश्चिम मानसून की अवधि के दौरान कुछ दिनों तक वर्षा होने के बाद यदि/या अधिक हफ्तों तक वर्षा नहीं होती तो इसे मानसून में व्यवधान कहा जाता है। वर्षा के मौसम में ऐसी शुष्क अवधि का होना बेहद सामान्य है। अत: कथन 1 सही नहीं है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में ये व्यवधान अलग-अलग कारणों से होते हैं:

(i) उत्तर भारत में वर्षा के विफल होने की संभावना तब बनती है, जब वर्षा लाने वाले तूफान मानसून द्रोणी (Trough) में बहुत अधिक नहीं होते। 

(ii) पश्चिमी तट पर शुष्क अवधियाँ तब देखने को मिलती है, जब पवनें तट के समानांतर चलती हैं। अत: कथन 2 सही है।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-2 : (c)

 

व्याख्या : 

बंगाल की खाड़ी की मानसूनी पवनें:

  • बंगाल की खाड़ी की मानसून शाखा म्याँमार के तट और बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी भागों से टकराती है। लेकिन म्याँमार के तट पर स्थित अराकान पहाड़ियाँ इस शाखा के एक बड़े हिस्से को भारतीय उपमहाद्वीप की ओर मोड़ देती हैं। अत: कथन 1 सही है।
  • इस प्रकार, मानसून पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में दक्षिण-पश्चिमी दिशा की अपेक्षा दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी दिशा से प्रवेश करता है। यहाँ से यह शाखा हिमालय और भारत के उत्तर-पश्चिम में स्थित तापीय निम्न दाब के प्रभावाधीन दो भागों में बँट जाती है।
  • इसकी एक शाखा गंगा के मैदान के साथ-साथ पश्चिम की ओर बढ़ती है और पंजाब के मैदानों तक जाती है। इसकी दूसरी शाखा उत्तर और उत्तर-पूर्व में ब्रह्मपुत्र घाटी में बढ़ती है। यह शाखा वहाँ विस्तृत क्षेत्रों में वर्षा करती है।
  • इसकी एक उपशाखा मेघालय में स्थित गारो और खासी की पहाड़ियों से टकराती है। मासिनराम जो खासी की पहाड़ियों पर स्थित है, विश्व में सर्वाधिक औसत वार्षिक वर्षा प्राप्त करता है।
  • दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय तमिलनाडु तट शुष्क बना रहता है। इसके लिये दो कारक ज़िम्मेदार हैं:

 

  1. तमिलनाडु तट बंगाल की खाड़ी की मानसून पवनों के सामानांतर स्थित है।
  2. यह दक्षिण-पश्चिमी मानसून की अरब सागर शाखा के वृष्टि-क्षेत्र में स्थित है। अत: कथन 2 सही है।

 

 

 

 

 

 

उत्तर-3 : (b)

 

व्याख्या : 

उष्णकटिबंधीय चक्रवात कम दबाव वाले उग्र मौसम तंत्र हैं जो 30° उत्तर से 30° दक्षिणी अक्षांशों के बीच उन क्षेत्रों के आस-पास पाए जाते हैं जहाँ तीव्र वेग वाली हवाएँ बहती हैं।

उष्णकटिबंधीय चक्रवात या प्रभंजन एक ऊष्मा इंजन की तरह होते हैं, जिन्हें महासागरीय या समुद्री सतह पर जलवाष्प की संघनन प्रक्रिया में छोड़ी गई गुप्त ऊष्मा से ऊर्जा प्राप्त होती है। अत: कथन 1 सही है।

 

उष्णकटिबंधीय चक्रवात की उत्पत्ति के प्रारंभिक स्रोत हैं:

 

गर्म और नमीयुक्त हवाओं की लगातार आपूर्ति जिसके कारण विशाल गुप्त ऊष्मा उत्पन्न हो सकती है।

(ii)मज़बूत कोरियोलिस बल जो केंद्र पर निम्न वायुदाब को रोक सकता है (भूमध्य रेखा के आस-पास 0° से 5° अक्षांशों के बीच कोरियोलिस बल की अनुपस्थिति उष्णकटिबंधीय चक्रवात की उत्पत्ति को रोक देती है)। अत: कथन 2 सही नहीं है।

(iii)क्षोभमंडल (जिसके चारों ओर एक चक्रवात विकसित होता है) के माध्यम से अस्थिर दशाएँ उत्पन्न होती हैं जिससे स्थानीय विक्षोभ की स्थिति उत्पन्न होती है।

(iv)अंत में, मज़बूत ऊर्ध्वाधर पवनों की अनुपस्थिति गुप्त ऊष्मा के ऊर्ध्वाधर परिवहन को बाधित करती है।

चक्रवात का केंद्र अधिकांशत: गर्म तथा निम्नदाब का बिना बादल वाला केंद्र होता है जिसे ‘चक्रवात का चक्षु’ कहते हैं। अत: कथन 3 सही है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-4 : (b)

 

व्याख्या : 

  • आम्र वर्षा: ग्रीष्म ऋतु के खत्म होते-होते पूर्व मानसून बौछारें होती हैं, जो केरल व तटीय कर्नाटक में तटीय क्षेत्रों में एक सामान्य घटना है। स्थानीय स्तर पर इसे आम्र वर्षा कहा जाता है क्योंकि यह आमों को जल्दी पकने में मदद करती है।
  • फूलों वाली बौछार: इस वर्षा से केरल और उसके आस-पास के कहवा उत्पादक क्षेत्रों में कहवा के फूल खिलने लगते हैं।
  • नार्वेस्टर: ये बंगाल और असम में बैसाख के महीने में शाम को चलने वाली भयानक व विनाशकारी वर्षायुक्त पवनें हैं। इनकी कुख्यात प्रवृत्ति को स्थानीय नाम ‘‘कालबैसाखी’’ से समझा जा सकता है। यह वर्षा चाय, जूट और चावल की खेती के लिये लाभदायक होती है। असम में इन तूफानों को ‘‘बारदोली छीड़ा’’ के नाम से जाना जाता है। अत: विकल्प (b) सही है।
  • लू: उत्तरी मैदान में पंजाब से बिहार तक चलने वाली ये शुष्क, गर्म व पीड़ादायक पवनें हैं। दिल्ली तथा पटना के बीच इनकी तीव्रता अधिक होती है।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर-5 : (a)

 

व्याख्या : 

  • उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को गर्म तथा नमीयुक्त पवनों द्वारा मुक्त गुप्त ऊष्मा से ऊर्जा मिलती है। इसलिये समुद्र से दूरी बढ़ने के साथ-साथ चक्रवात की तीव्रता कम होती जाती है। 
  • भारत में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से दूरी बढ़ने के साथ चक्रवात की तीव्रता कम होती जाती है। इसलिये तटीय क्षेत्रों में प्राय: 180 किमी./घंटा की तीव्रता वाले चक्रवात आते हैं, इसके परिणामस्वरूप समुद्र के स्तर में असामान्य वृद्धि होती है जिसे चक्रवती लहर कहते हैं। अत: विकल्प (a) सही है।
  • लहरों का निर्माण वायु, सागर और भूमि की पारस्परिक क्रिया के कारण होता है। चक्रवात अत्यधिक क्षैतिज निम्न-दाब और बहुत तेज़ सतही हवाओं के रूप में लहरों को प्रेरक बल प्रदान करता है। तेज़ पानी और भारी वर्षा के साथ यह समुद्री जल तटों के पार पहुँच जाता है।
  • इसके परिणामस्वरूप मानव बस्तियाँ, खेत और मानव निर्मित आधारभूत ढाँचे जलमग्न हो जाते हैं।