दिवस विशेष समसामियिकी 1 (11-Jan-2021)^विश्व हिंदी दिवस^(World Hindi Day)
Posted on January 11th, 2021
* प्रतिवर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये उपयुक्त वातावरण तैयार करना और हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करना है।
* विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगाँठ को चिह्नित करता है।
* इस सम्मेलन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था।
* पहली बार विश्व हिंदी दिवस वर्ष 2006 में आयोजित किया गया, जिसकी शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा की गई थी।
* भारत में एक बड़ा वर्ग हिंदी को अपनी मातृ भाषा मानता है।
* भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूज़ीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिडाड, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका सहित कई अन्य देशों में भी हिंदी भाषा बोलने वाले लोग पाए जाते हैं।
* 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस और 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।
* ‘हिंदी भाषा का प्रश्न स्वराज का प्रश्न है।’ - -महात्मा गांधी
दिवस विशेष समसामियिकी 1 (11-Jan-2021)विश्व हिंदी दिवस(World Hindi Day)
* प्रतिवर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये उपयुक्त वातावरण तैयार करना और हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करना है।
* विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगाँठ को चिह्नित करता है।
* इस सम्मेलन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था।
* पहली बार विश्व हिंदी दिवस वर्ष 2006 में आयोजित किया गया, जिसकी शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा की गई थी।
* भारत में एक बड़ा वर्ग हिंदी को अपनी मातृ भाषा मानता है।
* भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूज़ीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिडाड, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका सहित कई अन्य देशों में भी हिंदी भाषा बोलने वाले लोग पाए जाते हैं।
* 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस और 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।
* ‘हिंदी भाषा का प्रश्न स्वराज का प्रश्न है।’ - -महात्मा गांधी