राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (11-Jan-2021)
डीआरडीओ द्वारा भारतीय सेना को अत्यधिक ठंड से बचाने के लिए विकसित किए गए उत्पाद
( Products developed by DRDO to protect Indian Army from extreme cold)

Posted on January 11th, 2021 | Create PDF File

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चीन के साथ सीमा संघर्ष की स्थितियों से निपटने के लिए पूर्वी लद्दाख में तैनात 50,000 से अधिक भारतीय सैनिकों को अत्यधिक ठंड का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पूर्वी लद्दाख और सियाचिन जैसे ठंडे सीमा क्षेत्रों में तैनात सैनिको को ठंड से बचाने के लिए कई उत्पादों का विकास किया है।

सेना को ठंड से बचाने वाले प्रमुख उपकरण :


हिम तापक 


हिम तापक डीआरडीओ द्वारा विकसित की गयी एक प्रकार की अंगीठी है जिसे बुखारी भी कहा जाता है। इसे डीआरडीओ की शाखा कार्यकी और संबद्ध विज्ञान रक्षा संस्थान (DIPAS) विकसित किया गया है, यह डिवाइस में केरोसिन का ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है। डीआरडीओ ने इसका विकास पूर्वी लद्दाख और सियाचिन जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना के रहने वाली जगह को गर्म रखने के लिए किया है। सेनाओं के आवास स्थान को गर्म रखने वाली यह युक्ति जवानों को ब्लैकस्पॉट और कार्बन मोनोक्साइड के जहर से बचाव को अभी सुनिश्चित करती है। यह डिवाइस पर्यावरण हितैषी भी है इसके उपयोग से प्रति बखारी प्रति वर्ष एक टन CO2 और 0.3 टन ब्लैक कार्बन को पर्यावरण में जाने से रोका जा सकता है।

 

एलोकल क्रीम

ठंडे क्षेत्रों में तैनात सेना के लिए फ्रॉस्टबाइट एक प्रमुख स्वास्थ्य खतरा है। फ्रॉस्टबाइट उंगलियों विशेषकर पैर की उंगलियों के नुकसान के लिए जिम्मेदार है। एलोकल क्रीम एलोवेरा आधारित क्रीम एक ऐसे क्रीम है जिसकी फ्रॉस्टबाइट के प्रति रोगनिरोधकता का ठंड की चोटों की रोकथाम के लिए बर्फीले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों पर सफलतापूर्वक अध्ययन किया गया है। यह अत्यधिक ऊंचाई वाले ठंडे क्षेत्रों में ठंड की चोट को रोकने के साथ-साथ बैक्टीरिया के संक्रमण, जलन, अल्सर, घाव, त्वचा की सर्जिकल ड्रेसिंग के लिए भी उपयोगी है।

 

सोलर स्नो मेल्टर

डीआरडीओ ने बर्फीले सीमा क्षेत्रों में जवानों के पीने के पानी की समस्या दूर करने के लिए एक सोलर स्नो मेल्टर का विकास किया है। यह उपकरण हर घंटे पांच से सात लीटर पीने का पानी उपलब्ध कराने में सक्षम है। इसकी मददा से शून्य से कम तापमान वाले इलाकों में भी सेना के जवानों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सकता है। यह उपकरण बर्फ से पानी बनाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करता है।

 

फ्लेक्सिबल वाटर बोतल

डीआरडीओ ने एक फ्लेक्सिबल वाटर बोतल भी विकसित की है, जिसमें पानी को शुद्ध करने के लिए फिल्टर भी लगाया गया है जिसे उपयोग न होने पर अलग भी किया जा सकता है। यह बोतल -50 से 100 डिग्री तक के तापमान का सामना कर सकती है। इसके अंदर पानी जमता नहीं है इसलिए यह ठंडे प्रदेशों में सेना के लिए पीने के पानी की उपलब्धता बनाए रखने में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।