अन्तर्राष्ट्रीय समसामियिकी 2 (10-Jan-2021)
भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तीन महत्वपूर्ण समितियों की अध्यक्षता
(India chairs three important committees of UN Security Council)

Posted on January 10th, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की तीन महत्वपूर्ण समितियों की अध्यक्षता का दायित्व मिला है। ये तीन समितियां निम्न हैं-

* तालिबान प्रतिबंध समिति (Taliban sanctions committee)

* 2022 के लिए आतंकवाद प्रतिरोध समिति (Counterterrorism committee for 2022)

* लीबिया प्रतिबंध समिति (Libya sanctions committee)



पिछले वर्ष भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अस्थाई सदस्य चुना गया है।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य के रूप में भारत का चुनाव दो वर्षों (वर्ष 2021-22 के बीच) के लिए हुआ है।193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों और आर्थिक व सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चुनाव कराया था।भारत को पहली बार 1950 में अस्थाई सदस्य के रूप में चुना गया था और अब आठवीं बार यह जिम्मेदारी मिली है।इस वर्ष के प्रारंभ से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य के रूप में भारत की शुरुआत के उपरान्त उपरोक्त तीन महत्वपूर्ण समितियों की अध्यक्षता का दायित्व भारत को मिला है।


भारत द्वारा अध्यक्षता की जाने वाली UNSC की तीन महत्वपूर्ण समितियों के बारे में


1. तालिबान प्रतिबंध समिति (Taliban sanctions committee)-


इस प्रतिबंध समिति की स्थापना 17 जून 2011 सुरक्षा परिषद के संकल्प 1988 के तहत की गयी थी।अफगानिस्तान की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने के लिए जिम्मेदार तालिबान से जुड़े किसी भी व्यक्ति, समूहों, उपक्रमों और संस्थाओं को प्रतिबंधित करने और उन प्रतिबंधों की निगरानी के लिए इस समिति का गठन किया था।तालिबान प्रतिबंध समिति हमेशा भारत के लिए एक उच्च प्राथमिकता रही है। भारत को इस समिति की अध्यक्षता करने से अफगानिस्तान में शांति को खतरा उत्पन्न करने वाले आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों की उपस्थिति पर ध्यान केंद्रित रखने में मदद मिलेगी।इससे अफगानिस्तान में भारत के हितों को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।


2. 2022 के लिए आतंकवाद-रोधी समिति (Counterterrorism committee for 2022)-


भारत 2022 में आतंकवाद-रोधी समिति समिति की अध्यक्षता भी करेगा।इसका गठन सितंबर 2001 में न्यूयॉर्क में 9/11 आतंकवादी हमले के तुरंत बाद हुआ था। इसे सुरक्षा परिषद के संकल्प 1373 के तहत स्थापित किया गया था।भारत ने 2011-12 में भी सुरक्षा परिषद में इस समिति की अध्यक्षता की थी।इस समिति की अध्यक्षता भारत के लिए एक विशेष महत्व रखती है, यह समिति केवल आतंकवाद से लड़ाई में ही उपयोगी नहीं है बल्कि सीमा पार आतंकवाद से लड़ने में भी सहायक है और भारत सीमा पार आतंकवाद के सबसे बड़े पीड़ितों में से एक है।


3. लीबिया प्रतिबंध समिति (Libya sanctions committee)-


लीबिया प्रतिबंध समिति को पहली बार 2011 में सुरक्षा परिषद के संकल्प 1970 के तहत स्थापित किया गया था।लीबिया प्रतिबंध समिति सभी सदस्य राज्यों को लीबिया को हथियारों और संबंधित सामग्री की बिक्री या आपूर्ति को रोकने के लिए गठित की गयी है।लीबिया प्रतिबंध समिति परिषद प्रतिबंधों को लागू करने वाली एक बहुत ही महत्वपूर्ण समिति है। इसके माध्यम से लीबिया पर दो तरफा प्रतिबंध लगाए जाते है, जिसके तहत न तो कोई लीबिया से हथियार, पेट्रोलियम आदि की खरीद कर सकता है न ही उसे बेच सकता है।

 


भारत इस समय संयुक्त राष्ट्र का अस्थायी सदस्य है। इसके पूर्व भारत 7 बार अस्थायी सदस्य रह चुका है।