राष्ट्रीय समसामयिकी 1(9-November-2023)^आधार प्रमाणीकरण द्वारा कारागार सुरक्षा का सुदृढ़ीकरण^(Strengthening prison security through Aadhaar authentication)
Posted on November 9th, 2023
गृह मंत्रालय ने देश के लगभग 1,300 कारागारों में कैदियों और आगंतुकों के लिये आधार प्रमाणीकरण लागू करने हेतु एक पहल का प्रस्ताव पेश किया है।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा विकसित ई-प्रिज़न प्रणाली के साथ आधार सेवाओं के एकीकरण का उद्देश्य कैदियों एवं आगंतुकों का सटीक सत्यापन करना है, ताकि कारागार प्रणाली के भीतर पहचान संबंधी धोखाधड़ी को कम करके कैदी प्रबंधन से संबंधित प्रशासनिक प्रक्रियाओं को बेहतर व सरल बनाया जा सके।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रमाणीकरण प्रक्रिया स्वैच्छिक होगी, जिसमें प्रासंगिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की ज़िम्मेदारी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की होगी
"आधार प्रमाणीकरण" एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा आधार संख्या के साथ जनसांख्यिकीय (जैसे नाम, जन्म तिथि , लिंग आदि) या व्यक्ति की बायोमीट्रिक सूचना (फ़िंगरप्रिंट या आइरिस) जानकारी, इसके सत्यापन के लिए यूआईडीएआई के सेंट्रल आइडेंटिटीज़ डेटा रिपॉजि़टरी (सीआईडीआर) भेजी जाती है, यूआईडीएआई आधार संख्या के लिए प्रस्तुत उपलब्ध सूचना के आधार पर विवरण की शुद्धता, या कमी, आदि की पुष्टिकर्ता है।
राष्ट्रीय समसामयिकी 1(9-November-2023)आधार प्रमाणीकरण द्वारा कारागार सुरक्षा का सुदृढ़ीकरण(Strengthening prison security through Aadhaar authentication)
गृह मंत्रालय ने देश के लगभग 1,300 कारागारों में कैदियों और आगंतुकों के लिये आधार प्रमाणीकरण लागू करने हेतु एक पहल का प्रस्ताव पेश किया है।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा विकसित ई-प्रिज़न प्रणाली के साथ आधार सेवाओं के एकीकरण का उद्देश्य कैदियों एवं आगंतुकों का सटीक सत्यापन करना है, ताकि कारागार प्रणाली के भीतर पहचान संबंधी धोखाधड़ी को कम करके कैदी प्रबंधन से संबंधित प्रशासनिक प्रक्रियाओं को बेहतर व सरल बनाया जा सके।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रमाणीकरण प्रक्रिया स्वैच्छिक होगी, जिसमें प्रासंगिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की ज़िम्मेदारी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की होगी
"आधार प्रमाणीकरण" एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा आधार संख्या के साथ जनसांख्यिकीय (जैसे नाम, जन्म तिथि , लिंग आदि) या व्यक्ति की बायोमीट्रिक सूचना (फ़िंगरप्रिंट या आइरिस) जानकारी, इसके सत्यापन के लिए यूआईडीएआई के सेंट्रल आइडेंटिटीज़ डेटा रिपॉजि़टरी (सीआईडीआर) भेजी जाती है, यूआईडीएआई आधार संख्या के लिए प्रस्तुत उपलब्ध सूचना के आधार पर विवरण की शुद्धता, या कमी, आदि की पुष्टिकर्ता है।