राष्ट्रीय समसामयिकी 2(8-November-2023)IREDA ने CSR पोर्टल लॉन्च किया(IREDA launches CSR portal)
Posted on November 8th, 2023 | Create PDF File
भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (Indian Renewable Energy Development Agency- IREDA) ने CSR पहलों में पारदर्शिता में सुधार हेतु एक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility- CSR) पोर्टल लॉन्च किया।
इस पोर्टल को दिल्ली में कंपनी के पंजीकृत कार्यालय में आयोजित "सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2023 (30 अक्तूबर से 5 नवंबर)" के समापन समारोह के दौरान लॉन्च किया गया था।
इस सप्ताह का विषय “भ्रष्टाचार को ना कहें, राष्ट्र के लिये प्रतिबद्ध रहें” (Say no to corruption; commit to the Nation ) था, जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना तथा भ्रष्टाचार मुक्त कार्य वातावरण को बढ़ावा देना था।
इस पोर्टल का उद्देश्य विभिन्न संगठनों एवं संस्थानों के माध्यम से CSR अनुरोधों की प्राप्ति और निपटान में पारदर्शिता की सुविधा प्रदान करना है।
IREDA नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत सरकार का एक मिनी रत्न (श्रेणी- I) उद्यम है।
IREDA :
यह भारत सरकार के ‘नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय’ के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्यरत एक मिनीरत्न (श्रेणी 1) कंपनी है।
इसका कार्य नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना तथा विकास हेतु इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
इसे ‘कंपनी अधिनियम, 1956’ की धारा 4’ए’ के तहत ‘सार्वजनिक वित्तीय संस्थान’ (Public Financial Institution) के रूप में अधिसूचित किया गया है।
इसे ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ के नियमों के अंतर्गत ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी’ (Non-Banking Financial Company) के रूप में पंजीकृत किया गया है।
इसे वर्ष 1987 में ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था’ के रूप में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर गठित किया गया था।
इसका उद्देश्य नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित परियोजनाओं को प्रोमोट करना, इनका विकास करना तथा इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility- CSR) :
कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व की अवधारणा में यह दृष्टिकोण निहित है कि कंपनियों को पर्यावरण एवं सामाजिक कल्याण पर उनके प्रभावों का आकलन करना चाहिये और ज़िम्मेदारी लेनी चाहिये, साथ ही सकारात्मक सामाजिक तथा पर्यावरणीय परिवर्तन को बढ़ावा देना चाहिये।
कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के चार मुख्य प्रकार हैं :
पर्यावरणीय उत्तरदायित्व
नैतिक उत्तरदायित्व
परोपकारी उत्तरदायित्व
आर्थिक उत्तरदायित्व
कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व प्रावधान उन कंपनियों पर लागू होते हैं जिनका वार्षिक कारोबार 1,000 करोड़ रुपए एवं उससे अधिक है, या जिनकी कुल संपत्ति 500 करोड़ रुपए एवं उससे अधिक है, या उनका शुद्ध लाभ 5 करोड़ रुपए एवं उससे अधिक है।
इस अधिनियम में कंपनियों द्वारा एक CSR समिति गठित करना आवश्यक है जो निदेशक मंडल को एक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व नीति की सिफारिश करेगी और समय-समय पर उसकी निगरानी भी करेगी।
CSR के अंतर्गत गतिविधियाँ :
कंपनी अधिनियम 2013 की अनुसूची VII के तहत निर्दिष्ट कुछ प्रमुख गतिविधियों में निम्नलिखित शामिल हैं:
भुखमरी, गरीबी एवं कुपोषण का उन्मूलन करना और शिक्षा, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना।
एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम (एड्स), ह्यूमन इम्यूनोडेफिसिएंसी वायरस और अन्य विकारों से लड़ना।
पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना।
इमारतों और ऐतिहासिक महत्त्व के स्थलों तथा कला के कार्यों की बहाली सहित राष्ट्रीय धरोहर, कला एवं संस्कृति का संरक्षण।
सशस्त्र बलों के शहीदों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों के लाभ के लिये उपाय करना।
ग्रामीण खेलों, राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त खेलों, पैरालंपिक खेलों तथा ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देने के लिये प्रशिक्षण देना।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष या सामाजिक-आर्थिक विकास और राहत के लिये केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किसी अन्य कोष में योगदान देना।