अंतर्राष्ट्रीय समसामियिकी 3 (24-Feb-2021)
क्वाड
(Quad)

Posted on February 24th, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों की मंत्रिस्तरीय वर्चुअल बैठक हुई है।



हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों की तीसरी मंत्रिस्तरीय वर्चुअल बैठक हुई है।भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बैठक में हिस्सा लिया।भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर जिस प्रकार का तनाव बना हुआ है , उसे देखते हुए क्वाड समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक काफी अहम मानी जा रही है।इस मंत्रिस्तरीय बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते समुद्री खतरे पर चिंता व्यक्त करते हुए क्वाड के सदस्यों ने मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र हेतु सहयोग बढ़ाने के लिए विस्तृत चर्चा की।क्वाड समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक में क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुत्ता, कानून के शासन, पारदर्शिता, अन्तर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के संबंध में एक नियम आधारित अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई गई है।इसके अतिरिक्त, क्वाड समूह के सदस्यों ने राजनीतिक लोकतंत्र, बाजार आधारित अर्थव्यवस्था और बहुलवादी समाज के रूप में अपनी साझा विशेषताओं को भी रेखांकित किया । सदस्यों ने माना कि वैश्विक बदलावों के चलते ग्रुप के सदस्यों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।वहीं भारत के विदेश मंत्री ने म्यांमार के हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा में वहां कानून के शासन और लोकतंत्र बहाली की बात दोहराई है।

 



‘क्वाड’ चार देशों- भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका का एक समूह है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता, कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए इन देशों ने हाथ मिलाया है ।गौरतलब है कि हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ समुद्री भागों के हिस्से को हिंद प्रशांत क्षेत्र (Indo- Pacific Area) कहते हैं। वर्तमान में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में 38 देश शामिल हैं, जो विश्व के सतह क्षेत्र का 44 प्रतिशत है।कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि आधिकारिक तौर पर भले ही‘क्वाड’ को लेकर कुछ कहा जाये लेकिन व्यावहारिक तौर पर हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव को रोकने के लिए ये लोकतान्त्रिक देश एक साथ आए हैं। क्वाड का चीन के अलावा रूस भी विरोध करता है।वर्ष 2018 में शांग्रिला डायलॉग में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत, हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को एक भौगोलिक सिद्धांत (Geographical Concept) प्रदान करता है, न कि यह कुछ देशों की विशेष रणनीति पर बल प्रदान करता है। कुल-मिलाकर भारतीय प्रधानमंत्री का इशारा क्वाड की तरफ था , जिसे भारत सहित कुछ देशों ने मिलकर एक विशेष रणनीति के तहत बनाया है।

 



जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में किसी एक देश के बढ़ते प्रभुत्व के कारण उत्पन्न हो रही भू-राजनैतिक और भू-रणनीतिक चिंताओं के मद्देनजर 2007 में भारत, अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्वकर्त्ताओं के साथ मिलकर रणीनतिक वार्ता के रूप में ‘क्वाड’ नामक अनौपचारिक समूह की शुरुआत की थी। वर्ष 2008 में ऑस्ट्रेलिया द्वारा इस ग्रुप से बाहर हो गया, जिसके परिणामस्वरूप ‘क्वाड’ का सिद्धान्त शिथिल पड़ गया था।वर्ष 2017 में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने मिलकर ‘क्वाड’ को ‘क्वाड 2.0’ के रूप में फिर से पुनर्जीवित किया था। ‘क्वाड’ मार्च में कोरोना वायरस को लेकर भी क्वॉड की मीटिंग हुई थी। इसमें पहली बार न्यूजीलैंड, द- कोरिया और वियतनाम भी शामिल हुए थे।



क्वाड का उद्देश्य नेविगेशन की स्वतंत्रता, ओवर फ्लाइट की स्वतंत्रता, अंतर्राष्ट्रीय नियमों का सम्मान, समुद्री क्षेत्र में शांति व सुरक्षा, परमाणु अप्रसार आदि मुद्दों पर बल प्रदान करना है।भारत का कहना है कि क्वाड का उपयोग असैनिक या नागरिक मुद्दों के लिये होना चाहिये।