स्वास्थ्य समसामयिकी 1(4-May-2023)
अंग दान और प्रत्यारोपण निर्देश पुस्तिका
(Organ Donation and Transplantation Instruction Manual)

Posted on May 4th, 2023 | Create PDF File

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भारत में राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (National Organ and Tissue Transplant Organisation- NOTTO) अस्पतालों में अंग दान और प्रत्यारोपण कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से लागू करने के लिये प्रत्यारोपण समन्वयकों के प्रशिक्षण के लिये एक प्रत्यारोपण मैनुअल/निर्देश पुस्तिका तथा मानक प्रक्रिया विकसित कर रहा है।

 

NOTTO ने समन्वय, प्रशिक्षण एवं मानव संसाधन/लेखा के लिये वर्टिकल भी बनाए हैं।

 

भारत सरकार ने अंगदान करने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को कल्याणकारी उपाय के रूप में 42 दिनों तक का विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान किया है।

 

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि देश में अंग प्रत्यारोपण की संख्या वर्ष 2013 में 5,000 से बढ़कर वर्ष 2022 में 15,000 से अधिक हो गई है, इसका प्रमुख कारण राष्ट्रीय, राज्य तथा क्षेत्रीय स्तर पर अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठनों के नेटवर्क के माध्यम से बेहतर समन्वय है।

 

वर्ष 2016 में 930 मृतक दाताओं से प्राप्त 2,265 अंगों का प्रत्यारोपण हेतु उपयोग किया गया था, जबकि वर्ष 2022 में 904 मृत दाताओं से प्राप्त 2,765 अंगों का उपयोग किया गया।

 

हाल ही में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है, अब 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग प्रत्यारोपण के लिये मृत दाताओं से अंग प्राप्त कर सकते हैं।

 

मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 मानव अंगों को अलग करने तथा इनके भंडारण के लिये विभिन्न नियम निर्धारित करता है।

 

मानव अंगों के व्यावसायिक उपयोग पर रोक लगाने के लिये यह चिकित्सीय उपयोग हेतु मानव अंगों के प्रत्यारोपण को विनियमित करता है।

 

नए दिशा-निर्देशों के प्रमुख बिंदु : 

 

उम्र सीमा हटाई गई : 

 

अधिक अवधि तक के जीवन के उद्देश्य से ऊपरी आयु सीमा को हटा दिया गया है।

 

इससे पहले NOTTO (नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइज़ेशन) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, 65 वर्ष से अधिक आयु के अंतिम चरण के अंग विफलता रोगी अंग प्राप्त करने के लिये पंजीकरण करने हेतु प्रतिबंधित थे।

 

डोमिसाइल/अधिवास की कोई आवश्यकता नहीं : 

 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 'वन नेशन, वन पॉलिसी' के तहत किसी विशेष राज्य में अंग प्राप्तकर्त्ता के रूप में पंजीकरण के लिये डोमिसाइल/अधिवास की अनिवार्यता को हटा दिया है।

 

अब कोई ज़रूरतमंद मरीज़ अपनी पसंद के किसी भी राज्य में अंग प्राप्त करने के लिये पंजीकरण करा सकता है और वहाँ सर्जरी भी करवा सकेगा। 

 

पंजीकरण हेतु कोई शुल्क नहीं :

 

केंद्र ने ऐसे पंजीकरण हेतु शुल्क लेने वाले राज्यों से कहा है कि वे ऐसा न करें। 

 

पंजीकरण के लिये शुल्क लेने वाले राज्यों में गुजरात, तेलंगाना, महाराष्ट्र और केरल शामिल हैं।

 

कुछ राज्यों में अंग प्राप्तकर्त्ता प्रतीक्षा सूची वाले मरीज़ से पंजीकृत करने के लिये 5,000 रुपए से 10,000 रुपए तक मांग की जाती है।

 

 

NOTTO (National Organ & Tissue Transplant Organisation) :  

 

NOTTO की स्थापना नई दिल्ली में स्थित स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत की गई है।

 

NOTTO का राष्ट्रीय नेटवर्क प्रभाग देश में अंगों एवं ऊतकों के दान और प्रत्यारोपण के लिये खरीद, वितरण और पंजीकरण हेतु अखिल भारतीय गतिविधियों के शीर्ष केंद्र के रूप में कार्य करता है।