राष्ट्रीय समसामयिकी 2(9-September-2023)
राष्ट्रीय आयुष मिशन
(National AYUSH Mission)

Posted on September 11th, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक का उद्घाटन किया गया।

 

इस बैठक में राष्ट्रीय आयुष मिशन के निम्नलिखित ठोस कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला गया :

 

आयुर्वेद : आयुष के माध्यम से स्कूली बच्चों के लिये स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना।

 

सुप्रजा : मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल के लिये आयुष।

 

वयोमित्र : आयुष आधारित वृद्धावस्था कार्यक्रम; ऑस्टियो आर्थराइटिस और अन्य मस्कुलोस्केलेटल विकारों की रोकथाम एवं प्रबंधन।

 

इस मिशन को ज़रूरतमंद जनता को सूचित विकल्प प्रदान करने के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं को मज़बूत और बेहतर बनाकर पूरे देश में आयुष स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ प्रदान करने के विज़न एवं उद्देश्यों के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है।

 

इस मिशन के तहत आयुष मंत्रालय वर्ष 2023-24 तक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों के सहयोग से 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के संचालन की दिशा काम कर रहा है।

 

‘आयुष’ :

 

स्वास्थ्य देखभाल और उपचार की पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक प्रणालियाँ जिनमें आयुर्वेद (Ayurveda), योग (Yoga), प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी (Unani), सिद्ध (Siddha), सोवा-रिग्पा (Sowa-Rigpa) व होम्योपैथी (Homoeopathy) आदि शामिल हैं। 

 

भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की सकारात्मक विशेषताओं अर्थात् उनकी विविधता और लचीलापन; अभिगम्यता; सामर्थ्य, आम जनता के एक बड़े वर्ग द्वारा व्यापक स्वीकृति; तुलनात्मक रूप से कम लागत तथा बढ़ते आर्थिक मूल्य के कारण उनके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बनने की काफी संभावनाएँ हैं, साथ ही लोगों के बड़े हिस्से को उनकी आवश्यकता है।

 

शुरुआत :

 

इस मिशन को सितंबर 2014 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आयुष विभाग द्वारा 12वीं योजना के दौरान राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के माध्यम से कार्यान्वयन के लिये शुरू किया गया था।

 

वर्तमान में इसे आयुष मंत्रालय द्वारा लागू किया गया है।