राष्ट्रीय समसामयिकी 2(1-August-2023)
अखिल भारतीय शिक्षा समागम और उल्लास पहल
(Akhil Bhartiya Shiksha Samagam and Ullas Initiative)

Posted on August 3rd, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने दो दिवसीय कार्यक्रम अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 की तृतीय वर्षगाँठ पर आयोजित किया गया।

 

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने उल्लास/ULLAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society): नव भारत साक्षरता कार्यक्रम पर एक मोबाइल एप्लीकेशन को लॉन्च किया।

 

अखिल भारतीय शिक्षा समागम की मुख्य विशेषताएँ :

 

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की परिकल्पना के अनुरूप एक समतापूर्ण, समावेशी एवं बहुलवादी समाज के निर्माण में संलग्न, उत्पादक और योगदान देने वाले नागरिकों का निर्माण करने वाले विद्यालयों की स्थापना करने के लिये PM श्री योजना ((पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया- PM ScHools for Rising India)) के तहत धनराशि की पहली किस्त जारी की है।

 

प्रधानमंत्री ने शिक्षा और कौशल पाठ्यक्रम की पुस्तकें भी जारी की हैं जो 12 भारतीय भाषाओं में अनुवादित हैं, ये विद्यार्थियों को उनकी मातृभाषा में अध्ययन करने के साथ उनके अधिगम में भी वृद्धि करेंगी।

 

उल्लास : नव भारत साक्षरता कार्यक्रम : 

 

ULLAS भारत सरकार द्वारा आजीवन सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने और 15 वर्ष तथा उससे अधिक आयु के नागरिकों के बीच बुनियादी साक्षरता एवं महत्त्वपूर्ण जीवन कौशल में अंतर को दूर करने के लिये

शुरू की गई एक परिवर्तनकारी पहल है।

 

इस कार्यक्रम का उद्देश्य व्यक्तियों को व्यक्तिगत और राष्ट्रीय विकास के लिये आवश्यक ज्ञान एवं कौशल से सशक्त बनाना है।

 

ULLAS उपयोगकर्त्ता-अनुकूल मोबाइल एप्लीकेशन दीक्षा पोर्टल के माध्यम से विविध शिक्षण संसाधनों के लिये एक डिजिटल गेटवे के रूप में कार्य करता है।

 

उल्लास: नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ :

 

आजीवन सीखने का दृष्टिकोण :

 

यह जीवन भर निरंतर सीखने पर ज़ोर देता है।

 

ज्ञान-साझाकरण और व्यक्तिगत विकास की संस्कृति को बढ़ावा देता है।

 

डिजिटल और वित्तीय साक्षरता :

 

प्रतिभागियों को डिजिटल साक्षरता कौशल से समृद्ध करना।

 

वित्तीय जागरूकता और सशक्तीकरण को बढ़ावा देना।

 

महत्त्वपूर्ण जीवन कौशल :

 

कानूनी साक्षरता और डिजिटल साक्षरता जैसे महत्त्वपूर्ण जीवन कौशल प्रदान करना।

 

नागरिकता और सशक्तीकरण को बढ़ावा देना।

 

छात्र स्वयंसेवकों के लिये प्रोत्साहन :

 

छात्र स्वयंसेवकों को स्कूल/विश्वविद्यालय में क्रेडिट प्रदान करता है।

 

प्रमाणपत्रों, पत्रों और शुभकामनाओं के माध्यम से सराहना करना।

 

 

प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना :

 

यह देश भर में 14500 से अधिक स्कूलों के उन्नयन और विकास के लिये केंद्र प्रायोजित योजना है।

 

इसका उद्देश्य केंद्र सरकार/ राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकार/स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित स्कूलों में से चयनित मौजूदा स्कूलों को मज़बूत करना है।

 

महत्त्व :

 

यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी घटकों को प्रदर्शित करेगा और अनुकरणीय स्कूलों के रूप में कार्य करेगा तथा अपने आसपास के अन्य स्कूलों को प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा।

 

इन स्कूलों का उद्देश्य न केवल गुणात्मक शिक्षण, शिक्षा और संज्ञानात्मक विकास होगा, बल्कि 21 वीं सदी के प्रमुख कौशल से लैस समग्र एवं सर्वांगीण व्यक्तियों का निर्माण भी होगा।

 

इन स्कूलों में अपनाई गई शिक्षाशास्त्र अधिक अनुभवात्मक, समग्र, एकीकृत, खेल/खिलौना आधारित, पूछताछ-संचालित, खोज-उन्मुख, शिक्षार्थी-केंद्रित, चर्चा-आधारित, लचीली और मनोरंजक होगी।

 

प्रत्येक कक्षा में प्रत्येक बच्चे के सीखने के परिणामों में दक्षता हासिल करने पर ध्यान दिया जाएगा।

 

सभी स्तरों पर मूल्यांकन वैचारिक समझ और वास्तविक जीवन स्थितियों में ज्ञान के अनुप्रयोग एवं योग्यता पर आधारित होगा।

 

ये स्कूल प्रयोगशालाओं, स्मार्ट कक्षाओं, पुस्तकालयों, खेल उपकरणों, कला कक्ष आदि सहित आधुनिक बुनियादी ढांँचे से लैस होंगे जो समावेशी और सुलभ हैं।

 

इन स्कूलों को जल संरक्षण, अपशिष्ट पुनर्चक्रण, ऊर्जा कुशल बुनियादी ढाँचे और पाठ्यक्रम में जैविक जीवन शैली के एकीकरण के साथ हरित स्कूलों के रूप में भी विकसित किया जाएगा।